पटना/भागलपुर : बिहार में इन दिनों डेंगू के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. बिहार में डेंगू का आंकड़ा बढ़कर 300 के पार पहुंच गया है. डेंगू को लेकर पटना हॉटस्पॉट बना हुआ है. पिछले 24 घंटे में 6 नए मामले आने के साथ-साथ डेंगू के मामलों की संख्या बढ़कर 102 हो गई है. जिसमें 32 मरीज शहर के विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में एडमिट हैं. इसके अलावा भागलपुर भी डेंगू का हॉटस्पॉट बना हुआ, जहां 60 से अधिक मरीज हैं.
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पटना में 102 डेंगू के मरीज : पटना जिला सिविल सर्जन डॉक्टर श्रवण कुमार ने कहा कि पटना में अभी के समय 102 मरीज हैं. जिसमें बांकीपुर में मरीजों की संख्या सर्वाधिक है, इसके अलावा नूतन राजधानी अंचल पाटलिपुत्र, कुम्हरार जैसे इलाके भी हैं, जहां मरीजों की संख्या अधिक है. सभी पीएचसी और स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू का रैपिड एंटीजन किट का प्रबंध कर दिया गया है. किट में पॉजीटिव आने पर एलाईजा टेस्ट कराया जा रहा है. जो कंफर्मेटरी माना जाता है. एलाईजा टेस्ट की सुविधा सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपलब्ध है. इसके अलावा आरएमआरआई सेंटर और न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में भी यह सुविधा उपलब्ध है.
भागलपुर में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी : बात भागलपुर की करें तो डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. मायागंज अस्पताल में 100 से ज्यादा मरीज बेड न मिलने की वजह से ब्लड बैंक के सामने जमीन पर लेटे हुए हैं. अस्पताल का कॉरिडोर मरीजों से खचाखच है. दीवाल के सहारे स्लाइन चढ़ाई जा रही है. मरीजों के परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर भी टाइम से नहीं आ रहे हैं. बता दें कि मायागंज में 50 बेड डेंगू मरीजों के लिए रखा गया था, लेकिन संख्या बढ़ जाने की वजह से जमीन पर ही लिटाकर इलाज हो रहा है.
"हम यहां मरीज को लेकर तीन दिन से एडमिट हैं. तीन दिन से जमीन पर लिटाकर इलाज हो रहा है. डीएम साहब यहां आए थे, उन्होंने कहा था कि बेड दिलाइए लेकिन उनके जाने के बाद कोई सुनने वाला नहीं है. यहां भगवान भरोसे इलाज चल रहा है. हम लोग मदद न करते तो एक पेशेंट मर भी जाता."- वर्षा देवी, तीमारदार, भागलपुर, मायागंज अस्पताल
करें ये उपाय ताकि डेंगू न पनपने पाए.. : सिविल सर्जन डॉक्टर श्रवण कुमार ने कहा कि डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए लोगों से अपील की जा रही है कि अपने घर के आसपास साफ पानी का जमवाड़ा नहीं होने दें. जहां पानी जमा हो रहा है वहां फिनाइल अथवा किरोसीन का प्रयोग करें. बच्चों को स्कूल भेजें तो जूता मौज पहनाकर और फुल स्लीव के शर्ट और फुल पैंट के साथ भेजें. डेंगू का मच्छर अधिकांश घुटने के नीचे काटता है.
डेंगू के लक्षण दिखे तो सीधे जाएं अस्पताल : सावधानी बरतें और घर में सोने के समय मच्छरदानी का प्रयोग करें. मॉस्किटो कॉइल और अन्य लिक्विड को जलाने से परहेज करें. डेंगू का बुखार 3 से 5 दिन रहता है इसलिए इस दौरान सिर्फ पेरासिटामोल कहीं सेवन करें किसी भी प्रकार की दर्द की गोलियों का सेवन नहीं करें. ध्यान देने की बात है सभी मरीजों को अस्पताल में एडमिट होने की आवश्यकता नहीं है. किसी के पेशाब और शौच के रास्ते से खून निकल रहा है अथवा शरीर पर लाल चकता अधिक हो गया है उन्हें ही अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत है.
''डेंगू के रोकथाम के लिए जिले में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है. इसके साथ ही डेंगू मरीजों के लिए सभी अस्पतालों में बेड भी रिजर्व किए गए हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 बेड रिजर्व किया गया है, जिला अस्पताल में 10 बेड रिजर्व किया गया है, अनुमंडल अस्पताल में दो बेड रिजर्व किया गया है, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो बेड रिजर्व किया गया है. यह सभी रिजर्व सुरक्षित करके रखे गए हैं और डेंगू मरीज के मिलने पर बेड को यूटिलाइज किया जाएगा.'' - डॉक्टर श्रवण कुमार, सिविल सर्जन, पटना
बिहार में डेंगू का डंक, हेल्पलाइन नंबर जारी : डेंगू की रोकथाम, मरीजों के इलाज और उसके समुचित प्रबंधन की निगरानी के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना में 104 कॉल सेंटर सह नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. डेंगू के लिए हेल्पलाइन नंबर 0612-2370131 भी जारी किया गया है. इसके साथ-साथ फागिंग को लेकर भी लोगों की सहायता के लिए फोन नंबर 0612-2951964 और व्हाट्सएप नंबर 7739851777 जारी किया गया है. राज्य स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों ने कहा है कि डेंगू से बचाव के लिए राज्यभर में जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है.
सीएम नीतीश ने किया था समीक्षा बैठक : सीएम नीतीश ने बिहार में बढ़ते डेंगू के मरीजों को देखते हुए हाईलेवल बैठक कर सभी जिलों के स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को निर्देश किया कि वो सभी डेंगू को लेकर आम लोगों में प्रचार प्रसार बढ़ाकर जागरूक करें. अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड रिजर्व रखें और हर वक्त अलर्ट रहने को कहा था. उसी के बाद बिहार में डेंगू से बचाव और रोकथाम के काम में तेजी आई है. लेकिन मरीजों की अचानक से संख्या बढ़ने से अभी भी हालात कंट्रोल में नहीं आ पा रहे हैं.