गयाः बिहार के गया में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है. झारखंड सरकार के 15 लाख के इनामी माओवादी अरविंद भुईया को गिरफ्तार किया गया है. इस पर बिहार में भी इनाम बताया जाता है. यह कुख्यात नक्सली कौलेश्वरी जोन का जोनल कमांडर बताया गया है. सुरक्षाबलों को इसकी सरगर्मी से तलाश थी. हालांकि इसकी गिरफ्तारी की फिलहाल अधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी है.
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दुर्दांत माओवादी रहा है अरविंद भुईयाः अरविंद भुईया ओहदेदार माओवादियों की गिनती में आता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गया रविवार की रात उसे गिरफ्तार किया गया है. अरविंद भुईया उर्फ पैरू उर्फ मुखिया इमामगंज प्रखंड के सोहेल सलैया थाना क्षेत्र के विराज गांव का रहने वाला है. रविवार की रात घेराबंदी कर सुरक्षाबलों ने इसकी गिरफ्तारी की. इसकी गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया गया था. खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो को मिले इनपुट के बाद चली कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने इसकी गिरफ्तारी की है.
झारखंड में 15 लाख का इनामीः अरविंद भुईया लंबे अंतराल से सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बना था. प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के ओहदे के फरार नक्सलियों में इसका नाम सबसे ऊपर चल रहा था. इसकी गिरफ्तारी सोहेल सलैया थाना क्षेत्र के विराज गांव के टोला भुईयाडीह से हुई है. इसके खिलाफ झारखंड सरकार ने 15 लाख का इनाम रखा था. बिहार में इसके खिलाफ इनाम बताए जाते हैं. पिछले एक दशक से सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुए कई मुठभेड़ में शामिल रहा है. दर्जनों नक्सली कांड बिहार और झारखंड में दर्ज हैं.
पिछले हफ्ते हथियार छोड़कर भाग निकला थाः पिछले हफ्ते ही सुरक्षाबलों के शिकंजे में आते-आते बचा था. उस समय हथियार छोड़कर निकल गया था. उस दौरान अरविंद के साथ में रहा नक्सलियों का दस्ता और सुरक्षा बल आमने-सामने हुए थे, लेकिन अरविंद भुईया किसी तरह से वहां से अपने दस्ते के साथ निकल गया था. अब इसकी गिरफ्तारी हुई है और यह बड़ी सफलता मानी जा रही है. अरविंद भुईया से सुरक्षाबलों के आला अधिकारी द्वारा पूछताछ किए जाने की सूचना है. हालांकि अभी तक अरविंद भुईया की गिरफ्तारी की अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.