बक्सर: बक्सर रेल हादसे में असम के भंडारी परिवार की खुशियां बिखर गई. दिल्ली के आनंद विहार से इस परिवार ने एक सेल्फी के साथ सफर की शुरुआत की थी. लेकिन इन्हें क्या पता था कि इनके परिवार की आखिरी सेल्फी होगी. बुधवार रात बक्सर जिले के रघुनाथपुर स्टेशन के पास नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस की 21 बोगी पटरी से उतर गईं. इस हादसे में दीपक भंडारी की पत्नी और एक बेटी की मौत हो गईं.
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सेल्फी से हुई थी सफर की शुरुआत : ट्रेन नंबर 12506 नॉर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस बुधवार सुबह दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन से रवाना हुई थी. करीब 33 घंटे का सफर पूरा करके ट्रेन को जलपाईगुड़ी पहुंचना था. असम के रहनेवाले दीपक भंडारी भी अपनी पत्नी और दो जुड़वा बच्चियों के साथ इकोनॉमी M1 क्लास में सफर कर रहे थे.
सोने की तैयारी कर रहे थे यात्री : रात के करीब 10 बजे होंगे, ट्रेन अपने समय से चल रही थी. सभी यात्री सोने की तैयारी कर रहे थे. इसी बीच एक जोर की आवाज आई और देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई. बक्सर के रघुनाथपुर स्टेशन के पास ट्रेन की कई बोगियां बेपटरी होकर पलट गई. कई यात्री सीट के नीचे दब गए थे. किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ.
बक्सर ट्रेन हादसे में असम की मां बेटी की मौत : नॉर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहे भंडारी परिवार को भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ. इस बीच दीपक भंडारी (39) की आंखें अपनी पत्नी और बच्चों को ढूंढ रही थीं. तभी दीपक को पापा.. कि आवाज सुनाई दी. दीपक समझ गए कि वो अदिति (8) की आवाज हैं. बोगी के अंदर का नजारा डरावना था. कोई यात्री सीट के नीचे तो कोई खिड़की के नीचे फंसा था. लेकिन, दीपक ने हिम्मत नहीं हारी, किसी तरह बेटी अदिति को बाहर निकाला.
ट्रेन पलटते ही खिड़की से बाहर गिरीं मां-बेटी : अब दीपक कि आंखें पत्नी ऊषा (33) और दूसरी बेटी आकृति (8) को ढूंढने लगी. तभी ट्रेन की टूटी खिड़की के बाहर दीपक की नजर पड़ी. पत्नी और दूसरी बेटी को देखते ही वे समझ गए दोनों अब इस दुनिया में नहीं है. अदिति और आकृति दोनों जुड़वा बहने थीं. दीपक बताते हैं कि ''जैसे ही ट्रेन डिरेल हुई, झटका इतना जोरदार था कि उनकी पत्नी और एक बच्ची ट्रेन की खिड़की से बाहर गिर गए और दोनों की मौत हो गई. और उनका जलपाईगुड़ी तक का सफर अधूरा रह गया.''
मोबाइल में मां और बहन को ढूंढती.. अदिति : इस बीच, दीपक और बेटी अदिति का बक्सर के रघुनाथपुर सामुदायिक केन्द्र में इलाज चल रहा है. बाप-बेटी दोनों ठीक है. पिता दीपक कुछ घंटे पहले कि उस सेल्फी को याद करते है, तो दूसरी तरफ बेटी अदिति बार-बार अपनी मां और दीदी के बारे में पूछती है. उसे नहीं मालूम कि उसकी मां और दीदी इस दुनिया में नहीं हैं. अस्पताल के बिस्तर पर जो इस बाप-बेटी को देखता है उसकी आंखें नम हो जाती है.
''मैं विदेश में काम करता हूं, हम लोग छुट्टी में घर आए थे, हमारा पूरा परिवार दिल्ली मे रहता है. हम लोग दिल्ली से जलपाईगुड़ी जा रहे थे. तभी रेल हादसा हो गया और मेरी पत्नी और बेटी अब इस दुनिया में नहीं है.'' - दीपक भंडारी
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