पटना : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार अभियान अब पूरे शबाब पर है. सभी दल प्रचार अभियान में जोरशोर से लग गए हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में प्रचार अभियान में उतर गए हैं. मोदी भागपुर में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा नीतीश कुमार की अगुवाई में सभी पार्टियों के अलावा पूरा बिहार एकमत है.
भागलपुर में पीएम मोदी का संबोधन
- नीतीश की अगुवाई में भाजपा, जेडीयू, हम पार्टी और वीआईपी पार्टी के गठबंधन के पक्ष में बिहार का मत स्पष्ट है. मैं जहां गया जो मिजाज देख रहा हूं, बिहार की जनता नीतीश को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प ले चुकी है.
- बिहार के लोग ये ठान चुके हैं कि एनडीए को फिर जिताना जरूरी है. जरूरी इसलिए ताकि बिहार प्रगति के जिस पथ पर चल रहा है, उसकी गति और तेज हो. जरूरी इसलिए है, ताकि देश को सशक्त करने के लिए जो फैसले लिए गए हैं, वो बिहार में भी तेजी से लागू हों.
- एनडीए के विरोध में आज जो लोग खड़े हैं, वो देशहित के हर फैसले का विरोध कर रहे हैं. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला हो, ये लोग विरोध में हैं. तीन तलाक के विरुद्ध कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को नए अधिकार देना हो, ये लोग विरोध में हैं.
- भारत की जांबाज सेना आतंकियों पर कोई कार्रवाई करे, सदहद पर तिरंगे की शान बढ़ाए, ये लोग विरोध में हैं. सुप्रीम कोर्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने को कहे, ये लोग विरोध में हैं. राष्ट्रहित में कोई भी, कुछ भी फैसला ले, ये लोग विरोध में हैं.
- जब-जब बिहार ने इन लोगों पर विश्वास किया है, इन लोगों ने बिहार के साथ, बिहार के गौरव के साथ विश्वासघात किया गया है. बिहार को लूटकर इन लोगों ने अपने परिवार की तिजोरियां भरी हैं, रिश्तेदारों को अमीर बनाया है.
- बिहार वो स्थान है जहां लोकतंत्र के बीज बोए गए थे. क्या जंगलराज में कभी भी विकास और लोकतांत्रिक मूल्य फल-फूल सकते हैं? बिहार भ्रष्टाचार मुक्त शासन का हकदार है. इसे कौन सुनिश्चित करेगा? खुद भ्रष्टाचार में लिप्त लोग या भ्रष्टाचारियों से लड़ने वाले लोग?
- बिहार विकास का हकदार है. विकास कौन सुनिश्चित करेगा? वो जिन्होंने केवल अपने परिवार का विकास किया या वो जो लोगों की सेवा में अपना परिवार भी भूल गए. बिहार रोजगार और उद्यमों का हकदार है.
- बिहार निवेश का हकदार है. ये कौन सुनिश्चित कर सकता है? जिन्होंने बिहार को जंगल-राज बना दिया या जो लोग बिहार को सुशासन दे रहे हैं, बिहार के विकास में जी जान से जुटे हैं.
- बिहार बेहतर कानून व्यवस्था का हकदार है. ये कौन सुनिश्चित करेगा? वो जिन्होंने गुंडों को खिलाया-पिलाया पाला या वो जिन्होंने गुंडों पर डंडा चलाया.
- बिहार अच्छी शिक्षा के अवसरों का भी हकदार है. क्या ये उन लोगों द्वारा सुनिश्चित किया जा सकता जिन्हें शिक्षा का महत्व ही नहीं पता या वो लोग जो IIT, IIM और AIIMS को राज्य में लाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.
- भागलपुर सहित बिहार के शहरों की जो हालत इन लोगों ने कर दी थी, वो आप अच्छी तरह जानते हैं. छोटे दुकानदार, व्यापारी कारोबारी, मजदूर इनके जंगलराज में हर कोई परेशान था.
- सामान्य जन की सुविधा के लिए, बिहार के युवा के रोजगार और स्वरोजगार के लिए बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना बहुत जरूरी था. इसी सोच के साथ बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपए का प्रधानमंत्री पैकेज घोषित किया गया था.
- बिहार में पहले जो सरकारें रही उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए उन्हें शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए सिर्फ और सिर्फ झूठे वादे किए. अब एनडीए सरकार आदिवासी बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ, उनके लिए घर, उनके लिए रोजगार पर पूरा ध्यान दे रही है.
- हाल ही में देश की कृषि को आधुनिक बनाने के लिए बड़े सुधार किए गए हैं, उनका भी लाभ बिहार के किसानों को होगा. मंडियों से जुड़ा कानून तो यहां पहले ही खत्म कर दिया गया था अब बिहार में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर और तेजी से काम होने की संभावना बनी है.
- अब बिहार के गांवों में, छोटे शहरों में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था का और विस्तार होगा. जो नए कानून बने हैं उससे यहां के आम, मक्का, लीची, केले की पैदावार करने वाले किसानों को बहुत मदद मिलने वाली है.
- नए प्रावधानों से खेत के पास ही स्टोरेज की सुविधाएं तैयार होंगी एनडीए के विरोधी दल जब किसानों के लिए कुछ कर नहीं पाए तो अब किसानों को लगातार झूठ बोलने में जुट गए हैं. आजकल ये लोग एमसपी को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं.
- ये एनडीए की ही सरकार है जिसने किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने की सिफारिश लागू की थी. ये एनडीए की ही सरकार है जिसने सरकारी खरीद केंद्र बनाने और सरकारी खरीद, दोनों पर बहुत जोर दिया है.
- जब ये लोग सरकार में थे उसकी तुलना में बिहार में ही धान की सरकारी खरीद चार गुना और गेहूं की सरकार खरीद पांच गुना बढ़ी है. इनके पास आज तक इसका जवाब नहीं है कि जब इनकी सरकार थी तब एमसपी पर फैसला क्यों नहीं लिया?
- बिहार आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है. अगर बिहार में विरोध और अवरोध को जरा भी मौका मिला तो बिहार की गति और प्रगति दोनों धीमी पड़ जाएगी. इसलिए, नीतीश जी की अगुवाई में भाजपा, जेडीयू, हम और VIP के गठबंधन यानी एनडीए को एक-एक वोट पड़ना चाहिए.
- त्योहारों का सीजन है. इसलिए जो भी खरीदारी आप करेंगे, अधिक से अधिक लोकल खरीदिए. हमारे मिट्टी के हस्तशिल्पियों, दूसरे शिल्पियों के बनाए बर्तन, दीए, खिलौने जरूर खरीदिए.हम मिलकर कोशिश करेंगे तो बिहार भी आत्मनिर्भर होगा, भारत भी आत्मनिर्भर होगा.
गया रैली में पीएम मोदी का संबोधन :
- ये चुनाव इस दशक में बिहार का पहला चुनाव है, NDA की जीत के साथ ये चुनाव बिहार की भूमिका को और मजबूत करेगा.
- 90 के दशक में बिहार के लोगों का अहित किया गया, बिहार को अराजकता और अव्यवस्था के किस दलदल में धकेल दिया ये आप में से अधिकांश ने अनुभव किया है. आज भी बिहार की अनेक समस्याओं की जड़ में 90 के दशक की अव्यवस्था और कुशासन है.
- आज बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, IIT, IIM जैसे संस्थान खोले जा रहे हैं. यहां बोधगया में भी तो IIM खुला है जिस पर सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. वरना बिहार ने वो समय भी देखा है, जब यहां के बच्चे छोटे-छोटे स्कूलों के लिए तरस जाते थे.
- बीते वर्षों में बिहार के इस हिस्से को नक्सलियों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं. अब नक्सलवाद को देश के एक छोटे से हिस्से में समेट दिया गया है.
- एनडीए के विरोध में इन लोगों ने मिलकर जो ‘पिटारा’ बनाया है, जिसे ये लोग महागठबंधन कहते हैं, उसकी रग-रग से बिहार के लोग वाकिफ हैं. वो लोग जो नक्सलियों को, हिंसक गतिविधियों को खुली छूट देते रहे, आज वो NDA के विरोध में खड़े हैं.
- देश को तोड़ने की, देश को बांटने की वकालत करने वालों पर जब एक्शन लिया जाता है, तो ये लोग उनके साथ खड़े हो जाते हैं. इन लोगों का मॉडल रहा है बिहार को बीमार और लाचार बनाना.
- पहले राशन हो, गैस सब्सिडी हो, पेंशन हो, स्कॉलरशिप हो, हर जगह घोटाला-घपला चलता था. अब आधार, फोन और जनधन खाते से सब जुड़ चुका है. अब गरीब को उसका पूरा हक समय पर मिलना सुनिश्चित हुआ है.
- बीते सालों में गरीब, वंचित, दलित, शोषित, पिछड़े, अति पिछड़ों के सशक्तिकरण के लिए एक के बाद एक बड़े सुधार किए गए हैं. अब गरीबों और वंचितों को उनके हक का पूरा लाभ दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. सुशासन के लिए टेक्नोलॉजी को आधार बनाया गया है.
सासाराम रैली में पीएम का संबोधन :
- आत्मनिर्भरता के संकल्प को मजबूत करने के लिए फिर नीतीश जी की अगुवाई में सरकार बनाना जरूरी है. बिहार में भाजपा, जदयू, हम पार्टी और वीआईपी पार्टी का गठबंधन यानी एनडीए की सरकार जरूरी है.
- इस क्षेत्र के बहुत से युवा एंट्रेंस एग्जाम के लिए बड़े शहरों का रूख करते हैं, जिससे उनका समय, ऊर्जा और धन तीनों बर्बाद होता था. अब देश में अधिकतर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की सुविधा मिलने से युवा साथियों की परेशानी कम होगी.
- कनेक्टिविटी, एनडीए की डबल इंजन की सरकार की प्राथमिकता रही है. आज बिहार के करीब-करीब हर गांव तक सड़क पहुंच रही है. नेशनल हाईवे चौड़े हो रहे हैं. बिहार की नदियों पर आज एक के बाद एक नए और आधुनिक पुल बन रहे हैं.
- बिहार में स्वरोजगार के अवसरों के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. मुद्रा योजना से गरीबों को, महिलाओं को, युवा उद्यमियों को, दुकानदारों को बिना गारंटी का ऋण मिल रहा है. गांवों में जो उद्यमी दीदियों के समूह हैं, उनको भी बैंकों से मिलने वाली सुविधा बढ़ाई गई है.
- देश की शिक्षा व्यवस्था में तो बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति से प्रेरणा लेते हुए, अब कोशिश होगी, मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत सभी तकनीकि कोर्सेस को भी मातृभाषा में पढ़ाया जाएगा.
- केंद्र सरकार ने स्वामित्व योजना की शुरुआत की है. इस योजना में सब कुछ टेक्नोलॉजी के माध्यम से हो रहा है. सारी कार्यवाही के बाद गांव के लोगों को, हर एक नागरिक का उनके घर का, उनकी जमीन का स्वामित्व कार्ड दिया जा रहा है.
- सुविधा के साथ-साथ बिहार के सभी वर्गों को अधिक से अधिक अवसर देने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं. दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण को अगले 10 साल तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
- साथियों आज एनडीए के सभी दल मिलकर आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी बिहार के निर्माण में जुटे हैं. बिहार को अभी भी विकास के सफर में मीलों आगे जाना है। नई बुलंदी की तरफ उड़ान भरनी है.
- जब बिहार के लोगों ने इन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया, नीतीश जी को मौका दिया तो ये बौखला गए. इसके बाद दस साल तक इन लोगों ने यूपीए की सरकार में रहते हुए बिहार पर, बिहार के लोगों पर अपना गुस्सा निकाला.
- बिहार के विकास की हर योजना को अटकाने और लटकाने वाले ये लोग हैं जिन्होंने अपने 15 साल के शासन में लगातार बिहार को लूटा. आपने बहुत विश्वास के साथ सत्ता सौंपी थी लेकिन इन्होंने सत्ता को अपनी तिजोरी भरने का माध्यम बना लिया.
- मैं बिहार की भूमि से इन लोगों को एक बात स्पष्ट कहना चहता हूं- ये लोग जिसकी चाहे मदद ले लें, देश अपने फैसलों से पीछे नहीं हटेगा. भारत अपने फैसलों से पीछे नहीं हटेगा.
- इन लोगों को आपकी जरूरतों से कभी सरोकार नहीं रहा. इनका ध्यान रहा है अपने स्वार्थों पर, अपनी तिजौरी पर. यही कारण है कि भोजपुर सहित पूरे बिहार में लंबे समय तक बिजली, सड़क, पानी जैसी मूल सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया.
- जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने का इंतजार देश बरसों से कर रहा था या नहीं. ये फैसला हमने लिया, एनडीए की सरकार ने लिया. लेकिन आज ये लोग इस फैसले को पलटने की बात कर रहे हैं. ये कह रहे हैं कि सत्ता में आए तो आर्टिकल-370 फिर लागू कर देंगे.
- जब-जब, बिचौलियों और दलालों पर चोट की जाती है, तब-तब ये तिलमिला जाते हैं, बौखला जाते हैं. आज हालत ये हो गई है कि ये लोग भारत को कमजोर करने की साजिश रच रहे लोगों का साथ देने से भी नहीं हिचकिचाते.
- मंडी और एमएसपी तो बहाना है, असल में दलालों और बिचौलियों को बचाना है. लोकसभा चुनाव से पहले जब किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे देने का काम शुरु हुआ था, तब इन्होंने कैसा भ्रम फैलाया था.
- जब राफेल विमानों को खरीदा गया, तब भी ये बिचौलियों और दलालों की भाषा बोल रहे थे.
- देश जहां संकट का समाधान करते हुए आगे बढ़ रहा है, ये लोग देश के हर संकल्प के सामने रोड़ा बनकर खड़े हैं. देश ने किसानों को बिचौलियों और दलालों से मुक्ति दिलाने का फैसला लिया तो ये बिचौलियों और दलालों के पक्ष में खुलकर मैदान में हैं.
- गरीब दीपावली और छठ पूजा ठीक से मना सके, इसके लिए मुफ्त अनाज की व्यवस्था की गई है. इसी कोरोना के दौरान करोड़ों गरीब बहनों के खाते में सीधी मदद भेजी गई, मुफ्त गैस सिलेंडर की व्यवस्था की गई.
- 2014 में केंद्र में सरकार बनने के बाद जितने समय बिहार को डबल इंजन की ताकत मिली, राज्य के विकास के लिए और ज्यादा काम हुआ है. राज्य को जो प्रधानमंत्री पैकेज मिला था, उसपर काम की रफ्तार भी तेज गति से आगे बढ़ रही है.
- जिन लोगों ने सरकारी नियुक्तियों के लिए बिहार के नौजवानों से लाखों की रिश्वत खाई, वो फिर बढ़ते हुए बिहार को ललचाई नजरों से देख रहे हैं. आज बिहार में पीढ़ी भले बदल गई हो, लेकिन बिहार के नौजवानों को ये याद रखना है कि बिहार को इतनी मुश्किलों में डालने वाले कौन थे?
- बिहार के लोग भूल नहीं सकते वो दिन जब सूरज ढलते का मतलब होता था, सब कुछ बंद हो जाना, ठप्प पड़ जाना. आज बिजली है, सड़के हैं, लाइटें हैं और सबसे बड़ी बात वो माहौल है, जिसमें राज्य का सामान्य नागरिक बिना डरे रह सकता है, जी सकता है.
- बिहार के सपूत गलवान घाटी में तिरंगे के खातिर शहीद हो गए, लेकिन भारत मां का माथा नहीं झुकने दिया. पुलवामा हमले में भी बिहार के जवान शहीद हुए, मैं उनके चरणों मे शीश झुकाता हूं और उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं.
- भारत के सम्मान बा बिहार, भारत के स्वाभिमान बा बिहार, भारत के संस्कार बा बिहार, संपूर्ण क्रांति के शंखनाद बा बिहार, आत्मनिर्भर भारत के परचम बा बिहार.
- जितने सर्वे हो रहे हैं, जितनी रिपोर्ट आ रही है, सभी में ये ही आ रहा है- बिहार में फिर एक बार, एनडीए सरकार बनने जा रही है.
- बिहार के लोगों ने मन बना लिया है, ठान लिया है कि जिनका इतिहास बिहार को बीमारू बनाने का है, उन्हें आसपास भी नहीं फटकने देंगे.
- दुनिया के बड़े-बड़े अमीर देशों की हालत किसी से छिपी नहीं है. अगर बिहार में तेजी से काम न हुआ होता तो ये महामारी न जाने कितने साथियों की, हमारे परिवारजनों की जान ले लेती, कितना बड़ा हाहाकार मचता, इसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता.
- मैं बिहार के लोगों को इतनी बड़ी आपदा का डटकर मुकाबला करने के लिए बधाई देना चाहता हूं. कोरोना से बचने के लिए तेजी से जो फैसले लिए गए हैं, जिस तरह बिहार के लोगों ने काम किया, नीतीश जी के लोगों ने एनडीए सरकार ने काम किया उसके नतीजे आज दिख रहे हैं.
- पीएम ने कहा कि मैं बिहारवासियों को बधाई देना चाहता हूं, जिस तरह उन्होंने कोरोना महामारी का सामना किया, वह प्रशंसनीय है. दुनिया के अमीर देशों की हालत किसी से छुपी नहीं है.
- आज रोहतास के साथ-साथ आस-पास के अन्य जिलों के साथी भी यहां आए हैं. तकनीक के माध्यम से काफी साथी और एनडीए के उम्मीदवार हमारे साथ जुड़े हैं. मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं. साथियों हाल ही में बिहार ने अपने दो सपूतों को खोया है, जिन्होंने यहां के लोगों की दशकों तक सेवा की है.
- मेरे करीबी मित्र और गरीबों, दलितों के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले और आखिरी समय तक मेरे साथ रहने वाले राम विलास पासवान जी को मैं श्रद्धाजंलि अर्पित करता हूं.
- बाबू रघुवंश प्रसाद सिंह जी ने भी गरीबों के उत्थान के लिए निरंतर काम किया. वो भी अब हमारे बीच नहीं हैं. मैं उन्हें भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
बता दें कि इसके बाद प्रधानमंत्री गया के गांधी मैदान पहुंचेंगे, जहां एक अन्य रैली को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी भागलपुर में तीसरी रैली करेंगे.
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बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में होने वाले चुनाव के लिए मतदान 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 10 नवंबर को होगी. पहले चरण में 28 नवंबर को 71 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में तीन नवंबर को 94 सीटों के लिए और आखिरी चरण में सात नवंबर को 78 सीटों के लिए मतदान होगा.
इस चुनाव में आरजेडी जहां कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ चुनावी मैदान में है, वहीं भाजपा और जेडीयू सहित चार दल मिलकर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं.