अहमदाबाद : मुंबई का हीरा उद्योग लॉकडाउन के बाद से मंदी की गिरफ्त में है. यहां हीरा व्यापार ठप्प होता नजर आ रहा है जिसको देखते हुए मुंबई के कई हीरा व्यापारी सूरत की ओर रुख कर रहे हैं. सूरत को गुजरात की डायमंड सिटी भी कहा जाता है.
हीरा उद्यमियों के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना डायमंड बोर्स सूरत में निर्माणाधीन है और यह मुंबई के कई व्यापारियों को आकर्षित कर रही है. हाल ही में, मुंबई के हीरा व्यापारियों ने सूरत डायमंड बोर्स में 150 से अधिक दुकानें बुक की हैं.
मुंबई से सूरत जाने वाले डायमंड व्यापारी वरछा जैसे क्षेत्रों को पसंद कर रहे हैं, क्योंकि यह क्षेत्र हीरा प्रसंस्करण (डायमंड प्रोसेसिंग) का केंद्र है. सूरत में 10 में से 9 विभिन्न प्रकार के हीरे को आकार दिया जाता है.
हालांकि सूरत में लंबे समय से हीरे को काटने और चमकाने का काम किया जाता है लेकिन हीरे का निर्यात, मुख्य लेनदेन और व्यापार मुंबई में किया जाता है. सूरत स्थित डायमंड पॉलिशिंग कि कई कंपनियों के कॉर्पोरेट कार्यालय मुंबई में हैं. कोविड-19 महामारी ने कई कंपनियों को अपने कार्यालय बंद करने पर मजबूर कर दिया है.
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सूरत में डायमंड बोर्स अभी भी निर्माणाधीन है और इसे पूरा बनने में एक साल से अधिक का समय लग सकता है. मुंबई में मंदी के चलते हीरा व्यापारी पहले ही सूरत जा रहे हैं. जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल सूरत के चेयरमैन दिनेश नवाडिया ने बताया कि 250 से अधिक कंपनियां मुंबई से सूरत आ रही हैं. कई व्यापारी अब अपने परिवारों के साथ सूरत में बस गए हैं.
वर्ष 2022 में सूरत का डायमंड बोर्स तैयार होने के बाद अनुमान लगाया जा सकता है कि मुंबई के हीरे का 60 प्रतिशत कारोबार सूरत में हो जाएगा. इसी के साथ ही व्यापारियों यहां संपत्ति भी खरीद सकते हैं जिससे रियल एस्टेट भी बढ़ने की उम्मीद है.