रोशनी से जगमगाया 'शिप्रा' का आंचल, कार्तिक पूर्णिमा पर दिखा हजारों दीपों का अद्भुत नजारा
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उज्जैन: महाकाल बाबा की नगरी उज्जैन में कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर शिप्रा नदी के रामघाट पर अद्भुत नजारा देखने को मिला. हजारों श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में पहुंचकर दीपदान किया और जगमगाते दीपों को शिप्रा नदी में प्रवाहित किया. शाम के समय दीपों की रोशनी से शिप्रा का आंचल जगमगाता दिखाई दिया, जो श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत आकर्षक और आध्यात्मिक अनुभव रहा. पंडित राकेश जोशी के अनुसार, ''कार्तिक मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है. देव उठनी ग्यारस से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक देव दिवाली मनाई जाती है. इस दिन नदियों पर दीपदान की परंपरा है, जिसे यम की यातनाओं से मुक्ति और देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के उद्देश्य से किया जाता है.'' पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान, दान और दीपदान करते हैं, जिससे वे पुण्य अर्जित करते हैं. उज्जैन के रामघाट पर हजारों दीपों से सजी शिप्रा नदी का दृश्य मनमोहक था.