जयपुर: राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले को लेकर युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और संगरिया से कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया ने अपनी ही पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. पायलट गुट के पूनिया ने कहा कि अब एसआई भर्ती रद्द करना युवाओं के साथ खिलवाड़ है. पेपर लीक में शामिल मगरमच्छों को पकड़ा जाए, चाहे वह कितने भी बड़े पदों पर बैठे मंत्री या अधिकारी हो. आरपीएससी भंग करो, उस समय के अध्यक्ष को जेल में डालो, लेकिन भर्ती रद्द करना सही नहीं है. कांग्रेस सरकार के समय आरपीएससी मेंबर बने दो लोग आज पेपर लीक के आरोप में जेल में हैं. जांच होनी चाहिए कि उन्हें सदस्य किसने बनाया. सभी अभ्यर्थी पेपर लीक में शामिल नहीं थे. जो लिप्त हैं. उन पर सख्त कार्रवाई हो, लेकिन किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए.
पूनिया ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि एसआई भर्ती में धांधली हुई है. पेपर लीक हुए, जो इसमें लिप्त थे, चाहे वह कितना भी बड़ा मंत्री या अधिकारी हो. सरकार को उन मगरमच्छों को पकड़ना चाहिए, लेकिन मेहनत से परीक्षा पास करने वाले युवाओं से खिलवाड़ करना सही नहीं है. कितने लोगों ने अपने माता-पिता की खून-पसीने की कमाई खर्च करके तैयारी की और चयनित हुए. कई अभ्यर्थियों के पास नौकरी पाने का यह आखिरी अवसर होगा. ऐसे अभ्यर्थियों की नौकरी छीनी जाती है तो गलत है.
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आरपीएससी को भंग करे सरकार: उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग पेपर लीक में लिप्त थे. चाहे वह कितने ही बड़े पदों पर बैठे हो. उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. आप आरपीएससी भंग करो, जो उस समय आरपीएससी चेयरमैन थे. उन्हें जेल में डालो. आरपीएससी के दो सदस्यों को पकड़ा. हम इस कार्रवाई का स्वागत करते हैं. इस मामले में सरकार बड़े मगरमच्छों को पकड़े, लेकिन विद्यार्थियों से दुश्मनी निकालना गलत है.
युवाओं के लिए पायलट ने निकाली थी पैदल यात्रा: अभिमन्यु पूनिया ने कहा, कांग्रेस में हम सबने युवाओं के लिए मांग उठाई थी. एनएसयूआई का अध्यक्ष रहते मैंने भी लेटर लिखा था. सचिन पायलट ने नौजवानों की भलाई के लिए 130 किलोमीटर की पैदल यात्रा निकाली थी. पेपर लीक का मुद्दा हमने ही उठाया. भले ही उस समय प्रदेश में हमारी सरकार थी. पारदर्शी जांच हो, निर्दोष की नौकरी छीनना गलत है. उन्होंने कहा, सरकार किसी की भी हो. हम यही कहते हैं कि पेपर लीक मामले में पारदर्शी तरीके से कार्रवाई होनी चाहिए. कांग्रेस राज में जो आरपीएससी सदस्य बने. वो आज पेपर लीक के आरोपों के चलते जेल में हैं. उनकी नियुक्ति कैसे हुई. किसने उन्हें आरपीएससी का सदस्य बनाया. कौन कुर्सियों पर बैठे थे. उन पर कार्रवाई हो. हम स्वागत करेंगे. किसी निर्दोष की नौकरी छीनना गलत है.
हरियाणा में अति उत्साह का खमियाजा: हरियाणा चुनाव के नतीजों को लेकर उन्होंने कहा, कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के अति उत्साह के कारण वहां हम हारे. कई जगह ऐसी हैं. जहां जीत-हार का अंतर बहुत कम रहा है. यह अति उत्साह का ही परिणाम रहा. धरातल पर उतरकर बूथों को संभालने की जरूरत थी. हमारे प्रत्याशियों ने ईवीएम को लेकर भी आपत्ति दर्ज करवाई है. हम राजस्थान में भी सरकार बनाते, लेकिन यहां भी अकेले के दम पर चुनाव लड़ा गया और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई. ऐसा जहां भी होता है. वहां ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं.
'नशा नहीं, नौकरी दो' अभियान 16 से: अभिमन्यु पूनिया ने कहा, 16 अक्टूबर को दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कार्यालय में 'नशा नहीं, नौकरी दो' देशव्यापी अभियान का आगाज किया जा रहा है. नरेंद्र मोदी के शासन में नशे का कारोबार बढ़ा है और नौजवान नशे की गिरफ्त में जा रहा है. राजस्थान में भी कोई भी जिला नशे की समस्या से अछूता नहीं है. राजस्थान में और केंद्र में भाजपा ने युवाओं को नौकरियों को लेकर जो-जो वादे किए थे. उन पर खरा नहीं उतर पाई है. राजस्थान में सरकार बने 11 महीने हो गए हैं. एक भी युवा को नौकरी नहीं मिली है. केंद्र सरकार ने भी नौकरियों को लेकर तमाम वादे किए, लेकिन 150 दिन में एक भी नौकरी नहीं दी है. इसे लेकर राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है. राजस्थान में भी विधानसभा-तहसील स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक युवा कांग्रेस सरकार को घेरेगी. प्रदेश के कोने-कोने से युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में भाग लेने दिल्ली जाएंगे.