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ANMMCH में पेड़ गिरने से शख्स की दर्दनाक मौत, बीमार मां को देखने पहुंचा था अस्पताल - Tree fell in Gaya

Tree fell in ANMMCH: गया में एक दर्दनाक हादसे में शख्स की मौत हो गई. बताया जाता है कि बीमार मां को हॉस्पिटल में देखने आया था. रात में शख्स पानी लाने के लिए परिसर के अंदर नल के पास गया था. तभी एक भारी-भरकम पेड़ आ गिरा. इससे दबकर उसकी मौत हो गई. पढ़ें पूरी खबर.

गया अस्पताल परिसर में गिरा पेड़
गया अस्पताल परिसर में गिरा पेड़ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 13, 2024, 5:59 PM IST

गया: बिहार के गया से एक दुखद हादसे में शख्स की मौत हो गई. यह मामला गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के इमरजेंसी परिसर का है. यहां एक शख्स अपनी बीमार मां से मिलने के लिए आया था. रात में मां के लिए पीने का पानी लाने के लिए अस्पताल परिसर में लगे नल के पास गया था. तभी उस पर एक पेड़ गिर पड़ा. इस हादसे में उसकी पेड़ से दबने से मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने मुआवजे की मांग की है.

गया अस्पताल में पेड़ गिरने से एक की मौत: जानकारी के अनुसार वजीरगंज थाना क्षेत्र के जमुआवां निवासी सीमा खातून को बुखार और उल्टी की शिकायत के बाद एएनएमएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. अपनी भर्ती मां को देखने जमुआवां गांव निवासी 25 वर्षीय मो. तसब्बर अस्पताल पहुंचा था. बीती रात्रि करीब डेढ़ बजे युवक अपनी मां के लिए पानी लाने के लिए इमरजेंसी वार्ड के गेट के समीप लगे नल पर गया था. वहां वह पानी भर ही रहा था तभी पेड़ गिरने से वह उसकी चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया.

एएनएमएमसीएच
एएनएमएमसीएच (ETV Bharat)

"पेड़ गिरने से एक युवक की मौत हुई है. घायल होने के बाद अस्पताल के चिकित्सकों के द्वारा उसे बचाने का प्रयास किया गया था, लेकिन चोट गहरी होने के कारण उसकी मौत हो गई. हमारा प्रयास होगा कि उसके परिजनों को उचित मुआवजा दिलाया जा सके." - डॉ. केके सिन्हा, अधीक्षक, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल

मृतक के परिजनों ने मुआवजे की मांग की: बताया जाता है कि आनन-फानन में उसे इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड के आईसीयू में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. उक्त युवक मेला में घूम-घूमकर खिलौना बेचने का काम किया करता था. इस संबंध में मृतक के चाचा इंदु मियां ने बताया कि हमारा भतीजा काफी गरीब तबके से आता था. किसी तरह खिलौने बेचकर वह घर चलाता था. उन्होंने कहा कि हम अस्पताल प्रबंधन और सरकार से मांग करते हैं कि उचित मुआवजा दिया जाए ताकि उसकी आर्थिक मदद हो सके.

क्या है मुआवजा का नियम: राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदा में मृत्यु पर आश्रितों को चार लाख रुपए मुआवजा देने का प्रावधान है. पहले डेढ़ लाख रुपए दिए जाते थे. घायलों की मुआवजा राशि भी बढ़ा दी गई है. इनमें बाढ़, आंधी-तूफान, आगजनी, दुर्घटना नहर या तालाब के फूटने से मकान नष्ट होने, गड्‌ढे में गिरने, सांप-बिच्छू, मधुमक्खी के काटने या सिलेंडर फटने, पेड़ से दबने और लू से होने वाली मौतों भी शामिल है.

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गया: बिहार के गया से एक दुखद हादसे में शख्स की मौत हो गई. यह मामला गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के इमरजेंसी परिसर का है. यहां एक शख्स अपनी बीमार मां से मिलने के लिए आया था. रात में मां के लिए पीने का पानी लाने के लिए अस्पताल परिसर में लगे नल के पास गया था. तभी उस पर एक पेड़ गिर पड़ा. इस हादसे में उसकी पेड़ से दबने से मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने मुआवजे की मांग की है.

गया अस्पताल में पेड़ गिरने से एक की मौत: जानकारी के अनुसार वजीरगंज थाना क्षेत्र के जमुआवां निवासी सीमा खातून को बुखार और उल्टी की शिकायत के बाद एएनएमएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. अपनी भर्ती मां को देखने जमुआवां गांव निवासी 25 वर्षीय मो. तसब्बर अस्पताल पहुंचा था. बीती रात्रि करीब डेढ़ बजे युवक अपनी मां के लिए पानी लाने के लिए इमरजेंसी वार्ड के गेट के समीप लगे नल पर गया था. वहां वह पानी भर ही रहा था तभी पेड़ गिरने से वह उसकी चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया.

एएनएमएमसीएच
एएनएमएमसीएच (ETV Bharat)

"पेड़ गिरने से एक युवक की मौत हुई है. घायल होने के बाद अस्पताल के चिकित्सकों के द्वारा उसे बचाने का प्रयास किया गया था, लेकिन चोट गहरी होने के कारण उसकी मौत हो गई. हमारा प्रयास होगा कि उसके परिजनों को उचित मुआवजा दिलाया जा सके." - डॉ. केके सिन्हा, अधीक्षक, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल

मृतक के परिजनों ने मुआवजे की मांग की: बताया जाता है कि आनन-फानन में उसे इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड के आईसीयू में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. उक्त युवक मेला में घूम-घूमकर खिलौना बेचने का काम किया करता था. इस संबंध में मृतक के चाचा इंदु मियां ने बताया कि हमारा भतीजा काफी गरीब तबके से आता था. किसी तरह खिलौने बेचकर वह घर चलाता था. उन्होंने कहा कि हम अस्पताल प्रबंधन और सरकार से मांग करते हैं कि उचित मुआवजा दिया जाए ताकि उसकी आर्थिक मदद हो सके.

क्या है मुआवजा का नियम: राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदा में मृत्यु पर आश्रितों को चार लाख रुपए मुआवजा देने का प्रावधान है. पहले डेढ़ लाख रुपए दिए जाते थे. घायलों की मुआवजा राशि भी बढ़ा दी गई है. इनमें बाढ़, आंधी-तूफान, आगजनी, दुर्घटना नहर या तालाब के फूटने से मकान नष्ट होने, गड्‌ढे में गिरने, सांप-बिच्छू, मधुमक्खी के काटने या सिलेंडर फटने, पेड़ से दबने और लू से होने वाली मौतों भी शामिल है.

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