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बीपीएससी शिक्षक बनते ही बढ़ गई डिमांड, दहेज में मांगा एक कट्ठा जमीन, नहीं मिली तो नहीं लेकर पहुंचा बारात - Dowry In Bettiah - DOWRY IN BETTIAH

Dowry In Bettiah: बेतिया में एक युवक पर दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर बारात लेकर नहीं आने का आरोप लगाया है. आरोप लड़की पक्ष द्वारा लगाया गया है. साथ ही इस संबंध में थाने में भी आवेदन दिया गया है. उनका कहना है कि लड़का जब शिक्षक बन गया तो उसने शादी करने से इंकार कर दिया है.

Dowry In Bettiah
बेरोजगारी में तय हुई शादी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 22, 2024, 10:10 PM IST

बेतिया: समाज में दहेज प्रथा कब खत्म होगी यह कहना मुश्किल है. इस बीच बिहार के बेतिया से एक और नया मामला सामने आया है. जहां नरकटियागंज के दिउलिया में दहेज नहीं मिलने पर एक युवक बारात लेकर नहीं पहुंचा. जिसके बाद पीड़ित लड़की परिवार ने थाने में जाकर आवेदन दिया है.

बेरोजगारी में तय हुआ निकाह: मिली जानकारी के अनुसार, जब युवक बेरोजगार था, तब ही उसका निकाह तय कर दिया गया था. लेकिन बाद में जब लड़का शिक्षक बन गया तो दहेज में एक कट्ठा जमीन मांगने लगा. वहीं, जब लड़की वालों ने जमीन नहीं दिया तो लड़का बारात लेकर लड़की के दरवाजे पर नहीं पहुंचा, जिसके कारण निकाह टूट गई.

20 अप्रैल को होना था निकाह: दरअसल, नरकटियागंज के दिउलिया मुहल्ले के युनुस ने अपनी बेटी शगुफ्ता प्रवीण का निकाह शिकारपुर थाना क्षेत्र के बखरी निवासी शेख नौशाद के पुत्र वसीम अख्तर से तय किया था. 20 अप्रैल को बारात आने वाली थी. निकाह की पूरी तैयारी हो चुकी थी. लेकिन अंतिम मौके पर लड़के वाले बारात लेकर नहीं पहुंचे.

नरकटियागंज में एक कठ्ठा जमीन की मांग: बताया जा रहा कि जब निकाह तय हुआ था उस समय वसीम बेराजेगार था और पढ़ाई कर रहा था. लेकिन बाद में वो बीपीएससी कंप्लीट कर शिक्षक बन गया. इसके साथ ही उसके घरवालों के नखरे बढ़ने लगे. बारात नहीं आने का अंदाजा तब लगने लगा जब लड़के के घर वालों की तरफ से निकाह से पहले नरकटियागंज शहर में एक कठ्ठा जमीन की मांग की गई. अंत में जब लड़क बारात लेकर नहीं पहुंचा तो पीड़ित पिता ने थाने में आवेदन सौंपा दिया.

10 धुर जमीन देने पर भी नहीं मानें: पीड़ित ने बताया कि निकाह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी थी. 20 अप्रैल को बारात आने वाली थी. कार्ड भी छपवा दिया गया था. लेकिन निकाह के पांच दिन पहले अगुआ एकराम और लड़के के परिजन एक कठ्ठा जमीन देने का दबाव बनाने लगे. हम मान भी गया और 10 धुर जमीन देने को तैयार हो गया. लेकिन लड़के वाले इस पर राजी नहीं हुए. उसने आठ लाख रुपए नगद और तीन लाख रुपये का सामान भी दे दिया. लेकिन दहेजलोभी इससे भी खुश नहीं हुए और बारात लेकर नहीं पहुंचे.

दोषियों के ऊपर होगी कार्रवाई: मामले में युनुस ने शेख वसीम अख्तर, उसके पिता नौशाद आलम, शादी तय कराने वाले अजुआं के मो एकराम के विरूद्ध शिकारपुर थाने मे आवेदन दिया है. थानाध्यक्ष अवनीश कुमार ने बताया कि आवेदन मिला है. मामले में जांच पड़ताल की जा रही है. दोषियों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़े- दहेज के लिए विवाहिता को छत से धक्का देकर मार डाला, पति समेत ससुरालवालों पर हत्या का आरोप - Murder In Nawada

बेतिया: समाज में दहेज प्रथा कब खत्म होगी यह कहना मुश्किल है. इस बीच बिहार के बेतिया से एक और नया मामला सामने आया है. जहां नरकटियागंज के दिउलिया में दहेज नहीं मिलने पर एक युवक बारात लेकर नहीं पहुंचा. जिसके बाद पीड़ित लड़की परिवार ने थाने में जाकर आवेदन दिया है.

बेरोजगारी में तय हुआ निकाह: मिली जानकारी के अनुसार, जब युवक बेरोजगार था, तब ही उसका निकाह तय कर दिया गया था. लेकिन बाद में जब लड़का शिक्षक बन गया तो दहेज में एक कट्ठा जमीन मांगने लगा. वहीं, जब लड़की वालों ने जमीन नहीं दिया तो लड़का बारात लेकर लड़की के दरवाजे पर नहीं पहुंचा, जिसके कारण निकाह टूट गई.

20 अप्रैल को होना था निकाह: दरअसल, नरकटियागंज के दिउलिया मुहल्ले के युनुस ने अपनी बेटी शगुफ्ता प्रवीण का निकाह शिकारपुर थाना क्षेत्र के बखरी निवासी शेख नौशाद के पुत्र वसीम अख्तर से तय किया था. 20 अप्रैल को बारात आने वाली थी. निकाह की पूरी तैयारी हो चुकी थी. लेकिन अंतिम मौके पर लड़के वाले बारात लेकर नहीं पहुंचे.

नरकटियागंज में एक कठ्ठा जमीन की मांग: बताया जा रहा कि जब निकाह तय हुआ था उस समय वसीम बेराजेगार था और पढ़ाई कर रहा था. लेकिन बाद में वो बीपीएससी कंप्लीट कर शिक्षक बन गया. इसके साथ ही उसके घरवालों के नखरे बढ़ने लगे. बारात नहीं आने का अंदाजा तब लगने लगा जब लड़के के घर वालों की तरफ से निकाह से पहले नरकटियागंज शहर में एक कठ्ठा जमीन की मांग की गई. अंत में जब लड़क बारात लेकर नहीं पहुंचा तो पीड़ित पिता ने थाने में आवेदन सौंपा दिया.

10 धुर जमीन देने पर भी नहीं मानें: पीड़ित ने बताया कि निकाह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी थी. 20 अप्रैल को बारात आने वाली थी. कार्ड भी छपवा दिया गया था. लेकिन निकाह के पांच दिन पहले अगुआ एकराम और लड़के के परिजन एक कठ्ठा जमीन देने का दबाव बनाने लगे. हम मान भी गया और 10 धुर जमीन देने को तैयार हो गया. लेकिन लड़के वाले इस पर राजी नहीं हुए. उसने आठ लाख रुपए नगद और तीन लाख रुपये का सामान भी दे दिया. लेकिन दहेजलोभी इससे भी खुश नहीं हुए और बारात लेकर नहीं पहुंचे.

दोषियों के ऊपर होगी कार्रवाई: मामले में युनुस ने शेख वसीम अख्तर, उसके पिता नौशाद आलम, शादी तय कराने वाले अजुआं के मो एकराम के विरूद्ध शिकारपुर थाने मे आवेदन दिया है. थानाध्यक्ष अवनीश कुमार ने बताया कि आवेदन मिला है. मामले में जांच पड़ताल की जा रही है. दोषियों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी.

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