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डिजिटल महाकुंभ: मेले की धक्का-मुक्की से बचकर ऐसे ले सकते हैं आनंद, बस ये काम करना होगा - DIGITAL EXPERIENCE OF MAHAKUMBH

AI तकनीक से प्रयागराज में डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र बनाया गया है. समुद्र मंथन की कहानी से लेकर बहुत कुछ डिजिटल देखिए.

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डिजिटल महाकुंभ की झलक (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 16, 2025, 9:23 AM IST

प्रयागराज : अगर आप प्रयागराज महाकुंभनगर आ रहे हैं और संगम स्नान करने के बाद महाकुंभ मेले में धक्का मुक्की से बचना चाहते हैं. तो आपके लिए यहां पर एक अद्भुत व्यवस्था की गई है. डिजिटल अनुभूति केंद्र के जरिए आप पूरे महाकुंभ मेले को देख सकते हैं, और इसकी सुखद अनुभूति कर सकते हैं. महाकुंभ नगर में 60 हजार वर्ग फीट में डिजिटल अनुभूति केंद्र की स्थापना की गई है. AI तकनीक से प्रयागराज में डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र बनाया गया है. इसमें वर्चुअल रियलिटी (VR), ऑगमेंटेड रियलिटी (AR), लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लीडार) तकनीक, LED डिस्प्ले और होलोग्राम का इस्तेमाल कर महाकुंभ मेले के पीछे की पौराणिक कहानियों को डिजिटल रूप से चित्रित किया गया है. डिजिटल अनुभूति केंद्र को 12 क्षेत्रों में डिवाइड किया गया है. "ईटीवी भारत" पर देखिए शानदार तकनीकी से लैस डिजिटल अनुभूति केंद्र का चित्रण.

सबसे पहले दिखेगी समुद्र मंथन की कहानी : डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र में प्रवेश करते ही सबसे पहले आपको समुद्र मंथन की एक बड़ी सी तस्वीर दिखाई देगी. जिसमें एक मोहिनी अमृत लेकर खड़ी है. राक्षस और देवताओं के बीच समुद्र मंथन किया जा रहा है. उसके बाईं तरफ मां लक्ष्मी, मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की बड़ी से तस्वीर लगाई गई है.

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डिजिटल महाकुंभ के नजारे. (photo credit: Maha Kumbh adiministraion)

यहां पर एक बड़ी सी प्रतिमा कुर्मावतार की लगी है. सामने तीन पुराणों की प्रतियां रखी हुई हैं. इसके बाद प्रवेश करते ही प्रोजेक्शन थ्रेड पर महाकुंभ मेले का ट्रेलर दिखाई देगा. एक लकड़ी की दीवार और कपड़े पर स्क्रॉल के रूप में प्रोजेक्शन के माध्यम से समुद्र मंथन की कहानी सुनाई जाती है. आगे बढ़ने पर यमुनोत्री ग्लेशियर के पास होने का अनुभव होता है. बहते हुए यमुना नदी पर हाथ फेर सकते हैं जिससे पानी में लहरें उठती हैं. इसी तरह प्रयाग महात्म्य और त्रिवेणी संगम की कहानियों का भी अहसास कर सकते हैं.

Maha Kumbh 2025
डिजिटल महाकुंभ के नजारे. (photo credit: Maha Kumbh adiministraion)

सभी अखाड़ों का भी किया गया है चित्रण : अखाड़ों का डिजिटल चित्रण किया गया है, जिसे देखकर श्रद्धालु आश्चर्यचकित रह जाते हैं. सिर्फ अपने देश के ही नहीं विदेशियों को भी डिजिटल अनुभूति केंद्र रोमांचित कर रहा है. "ईटीवी भारत" ने डिजिटल अनुभूति केंद्र में डिजिटल महाकुंभ का दीदार करने आए स्पेनिश से बात की और अपने देश के श्रद्धालुओं से भी इस अद्भुत अनुभूति केंद्र के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा यह वाकई बहुत अद्भुत है. महाकुंभ में डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र में आए दर्शकों का कहना है कि अगर महाकुंभ में आ रहे हैं, तो फिर डिजिटल अनुभूति केंद्र में आकर पूरे महाकुंभ को जरूर देखिए.

क्या कहती हैं डिजिटल अनुभूति केंद्र की गाइड : डिजिटल अनुभूति केंद्र की गाइड सुनीता भट्ट ने बताया कि दर्शकों को देखने के लिए डिजिटल माध्यम के थ्रू पूरे महाकुंभ का दर्शन कराया जाता है, कैसे सागर मंथन हुआ, कैसे कलश से विष्णु जी नारी का वेश लेकर देवताओं और दानवों को अलग करने के लिए अमृत और सुरा पिला रहे थे. उधर नाव के जरिए हम पूरे प्रयागराज को डिजिटल माध्यम से दिखा रहे हैं. नाव में जाकर लोग फोटो खींचते हैं. नाव में बैठकर ऐसा लगेगा कि हम त्रिवेणी संगम में नाव पर ही बैठे हैं. सब कुछ डिजिटल माध्यम से महाकुंभ का दर्शन बिना धक्के खाए मिल रहा है. ₹50 का टिकट लेकर पूरे महाकुंभ का दर्शन कर सकते हैं. खूब दर्शक आ रहे हैं.

Maha Kumbh 2025
डिजिटल महाकुंभ के नजारे. (photo credit: Maha Kumbh adiministraion)

इन्होंने निभाई अहम भूमिका : नोएडा स्थित पैवेलियन एंड इंटीरियर्स इवेंट मैनेजमेंट फर्म के प्रमुख और डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र स्थापित करने में मोहित वर्मा बताते हैं कि "कुंभ की पूरी कहानी बताने वाला एक शो आयोजित करने का विचार मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) का था. इसके बाद मेला प्राधिकरण ने टेंडर जारी किया. 18 दिसंबर को महाकुंभ मेला स्थल के सेक्टर 3 क्षेत्र में उस स्थान पर पहुंचे थे, जहां केंद्र स्थापित किया जाना था. उन्होंने वहां का मुआयना किया और उसके बाद क्षेत्र निर्धारित करने का कार्य किया.

Maha Kumbh 2025
डिजिटल महाकुंभ के नजारे. (photo credit: Maha Kumbh adiministraion)

यह भी पढ़ें : महाकुंभ में अखंड रुद्री पाठ का बनेगा रिकॉर्ड, राजनैतिक, फिल्मी जगत से जुड़ी हस्तियां भी होगी शामिल.

प्रयागराज : अगर आप प्रयागराज महाकुंभनगर आ रहे हैं और संगम स्नान करने के बाद महाकुंभ मेले में धक्का मुक्की से बचना चाहते हैं. तो आपके लिए यहां पर एक अद्भुत व्यवस्था की गई है. डिजिटल अनुभूति केंद्र के जरिए आप पूरे महाकुंभ मेले को देख सकते हैं, और इसकी सुखद अनुभूति कर सकते हैं. महाकुंभ नगर में 60 हजार वर्ग फीट में डिजिटल अनुभूति केंद्र की स्थापना की गई है. AI तकनीक से प्रयागराज में डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र बनाया गया है. इसमें वर्चुअल रियलिटी (VR), ऑगमेंटेड रियलिटी (AR), लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लीडार) तकनीक, LED डिस्प्ले और होलोग्राम का इस्तेमाल कर महाकुंभ मेले के पीछे की पौराणिक कहानियों को डिजिटल रूप से चित्रित किया गया है. डिजिटल अनुभूति केंद्र को 12 क्षेत्रों में डिवाइड किया गया है. "ईटीवी भारत" पर देखिए शानदार तकनीकी से लैस डिजिटल अनुभूति केंद्र का चित्रण.

सबसे पहले दिखेगी समुद्र मंथन की कहानी : डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र में प्रवेश करते ही सबसे पहले आपको समुद्र मंथन की एक बड़ी सी तस्वीर दिखाई देगी. जिसमें एक मोहिनी अमृत लेकर खड़ी है. राक्षस और देवताओं के बीच समुद्र मंथन किया जा रहा है. उसके बाईं तरफ मां लक्ष्मी, मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की बड़ी से तस्वीर लगाई गई है.

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डिजिटल महाकुंभ के नजारे. (photo credit: Maha Kumbh adiministraion)

यहां पर एक बड़ी सी प्रतिमा कुर्मावतार की लगी है. सामने तीन पुराणों की प्रतियां रखी हुई हैं. इसके बाद प्रवेश करते ही प्रोजेक्शन थ्रेड पर महाकुंभ मेले का ट्रेलर दिखाई देगा. एक लकड़ी की दीवार और कपड़े पर स्क्रॉल के रूप में प्रोजेक्शन के माध्यम से समुद्र मंथन की कहानी सुनाई जाती है. आगे बढ़ने पर यमुनोत्री ग्लेशियर के पास होने का अनुभव होता है. बहते हुए यमुना नदी पर हाथ फेर सकते हैं जिससे पानी में लहरें उठती हैं. इसी तरह प्रयाग महात्म्य और त्रिवेणी संगम की कहानियों का भी अहसास कर सकते हैं.

Maha Kumbh 2025
डिजिटल महाकुंभ के नजारे. (photo credit: Maha Kumbh adiministraion)

सभी अखाड़ों का भी किया गया है चित्रण : अखाड़ों का डिजिटल चित्रण किया गया है, जिसे देखकर श्रद्धालु आश्चर्यचकित रह जाते हैं. सिर्फ अपने देश के ही नहीं विदेशियों को भी डिजिटल अनुभूति केंद्र रोमांचित कर रहा है. "ईटीवी भारत" ने डिजिटल अनुभूति केंद्र में डिजिटल महाकुंभ का दीदार करने आए स्पेनिश से बात की और अपने देश के श्रद्धालुओं से भी इस अद्भुत अनुभूति केंद्र के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा यह वाकई बहुत अद्भुत है. महाकुंभ में डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र में आए दर्शकों का कहना है कि अगर महाकुंभ में आ रहे हैं, तो फिर डिजिटल अनुभूति केंद्र में आकर पूरे महाकुंभ को जरूर देखिए.

क्या कहती हैं डिजिटल अनुभूति केंद्र की गाइड : डिजिटल अनुभूति केंद्र की गाइड सुनीता भट्ट ने बताया कि दर्शकों को देखने के लिए डिजिटल माध्यम के थ्रू पूरे महाकुंभ का दर्शन कराया जाता है, कैसे सागर मंथन हुआ, कैसे कलश से विष्णु जी नारी का वेश लेकर देवताओं और दानवों को अलग करने के लिए अमृत और सुरा पिला रहे थे. उधर नाव के जरिए हम पूरे प्रयागराज को डिजिटल माध्यम से दिखा रहे हैं. नाव में जाकर लोग फोटो खींचते हैं. नाव में बैठकर ऐसा लगेगा कि हम त्रिवेणी संगम में नाव पर ही बैठे हैं. सब कुछ डिजिटल माध्यम से महाकुंभ का दर्शन बिना धक्के खाए मिल रहा है. ₹50 का टिकट लेकर पूरे महाकुंभ का दर्शन कर सकते हैं. खूब दर्शक आ रहे हैं.

Maha Kumbh 2025
डिजिटल महाकुंभ के नजारे. (photo credit: Maha Kumbh adiministraion)

इन्होंने निभाई अहम भूमिका : नोएडा स्थित पैवेलियन एंड इंटीरियर्स इवेंट मैनेजमेंट फर्म के प्रमुख और डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र स्थापित करने में मोहित वर्मा बताते हैं कि "कुंभ की पूरी कहानी बताने वाला एक शो आयोजित करने का विचार मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) का था. इसके बाद मेला प्राधिकरण ने टेंडर जारी किया. 18 दिसंबर को महाकुंभ मेला स्थल के सेक्टर 3 क्षेत्र में उस स्थान पर पहुंचे थे, जहां केंद्र स्थापित किया जाना था. उन्होंने वहां का मुआयना किया और उसके बाद क्षेत्र निर्धारित करने का कार्य किया.

Maha Kumbh 2025
डिजिटल महाकुंभ के नजारे. (photo credit: Maha Kumbh adiministraion)

यह भी पढ़ें : महाकुंभ में अखंड रुद्री पाठ का बनेगा रिकॉर्ड, राजनैतिक, फिल्मी जगत से जुड़ी हस्तियां भी होगी शामिल.

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