लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कर्नाटक और मद्रास की तर्ज पर बसों से हेरिटेज टूर्स एंड ट्रिप्स यात्राओं का प्लान कर रही है. इसके लिए हेरिटेज बसें संचालित की जाएंगी. सरकार की तरफ से इसका जिम्मा उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को सौंपा गया है. मुख्यमंत्री के सलाहकार केवी राजू विजन डॉक्यूमेंट 2050 तैयार कर रहे हैं. इसमें इस तरह का प्लान किया गया है. भविष्य में बस बेड़े में ऐसी बसें जुड़ेंगी जो प्रदेश में पर्यटकों को पर्यटन स्थलों की सैर कराएंगी. इससे परिवहन निगम की आय बढ़ेगी और सरकार की साख में इजाफा होगा.
उत्तर प्रदेश में लगातार पर्यटन स्थल बढ़ते जा रहे हैं और तेजी से पर्यटकों का आना भी जारी है. बड़ी संख्या में हर रोज पर्यटक उत्तर प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों की सैर करने आते हैं. इनमें अयोध्या, बनारस, प्रयागराज, चित्रकूट, मथुरा, वृंदावन, सारनाथ, शाकंभरी देवी, विंध्यवासिनी मंदिर, गोला गोकर्णनाथ, नैमिष, आगरा का ताजमहल और फतेहपुर सीकरी प्रमुख हैं. देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले पर्यटकों को उत्तर प्रदेश में परिवहन सुविधा देने की पूरी तैयारी परिवहन निगम कर रहा है. परिवहन निगम की तरफ से जो प्लान तैयार किया जा रहा है उसमें हेरिटेज टूर्स एंड ट्रिप्स यात्राओं का प्लान है. इसके लिए विशेष तौर पर बसें चलाई जाने की तैयारी शुरू हो गई है. पर्यटकों को हेरिटेज बसें पर्यटन के लिए उपलब्ध कराए जाने की योजना है. सभी धार्मिक स्थलों के साथ ही पर्यटन स्थलों को भी परिवहन निगम बस सेवाओं से जोड़ेगा.
प्राइवेट बसों का होगा अनुबंध : परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि रोडवेज बसें भी यात्रियों को धार्मिक पर्यटन स्थलों की सैर कराएंगी. साथ ही प्राइवेट एसी बसों का भी अनुबंध किया जाएगा. इन बसों को बस बेड़े में शामिल कर पर्यटकों को पर्यटन स्थल तक पहुंचाया जाएगा, जिससे उन्हें आवागमन में कोई असुविधा नहीं होगी. सभी धार्मिक स्थलों को इन बसों से कनेक्ट किया जाएगा.
रोडवेज के पास है 11 हजार से ज्यादा बसों का बेड़ा : वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस बेड़े में 11000 से ज्यादा बसें हैं. इनमें 8000 से ज्यादा बसें परिवहन निगम की अपनी बसें हैं जो विभिन्न श्रेणियों की हैं. इनमें साधारण बसें, एसी शताब्दी बसें, एसी जनरथ बसें और एसी पवन हंस बसें शामिल हैं. इसके अलावा अनुबंध पर साधारण और एसी वॉल्वो बसें संचालित होती हैं. इनकी संख्या भी 3000 से ज्यादा है. इन सभी बसों से हर रोज 15 से 16 लाख यात्री प्रदेश भर में सफर करते हैं.
क्या कहते हैं परिवहन निगम के अधिकारी : परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) व प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि पर्यटकों को बसें उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है. पर्यटकों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए परिवहन निगम योजना बना रहा है. हम धार्मिक स्थलों को जोड़ने की योजना तैयार कर रहे हैं. यहां पर बसों का संचालन कराया जाएगा. अयोध्या, बनारस, मथुरा, चित्रकूट, वृंदावन और प्रयागराज समेत अन्य जो भी धार्मिक स्थल हैं उन सभी को बसों से जोड़ा जाएगा, जिससे पर्यटकों को सुविधा मिलेगी. अभी चुनाव हैं, लेकिन चुनाव के बाद इसे लागू किया जाएगा. हमारी तैयारी चल रही है.
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