जयपुर. एसएमएस अस्पताल में गलत ब्लड चढ़ाने से हुई मरीज की मौत के बाद की गई कार्रवाई रेजिडेंट डॉक्टर्स को रास नहीं आ रही. उन्होंने कमेटी की जांच को एकतरफा बताते हुए रेजिडेंट डॉक्टर्स के ऊपर की गई कार्रवाई को उनकी पीजी डिग्री पर प्रश्न चिह्न बताया, साथ ही मंगलवार को चौथे दिन भी सुबह 9:00 से 11:00 बजे तक सांकेतिक कार्य बहिष्कार किया. यही नहीं अब नर्सेज ने भी इस प्रकरण में जांच अधिकारियों की ओर से की गई जांच को तथ्यों से परे बताते हुए, प्रकरण की जांच किसी प्रशासनिक या न्यायिक अधिकारी से करने की मांग की है.
प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से युवक सचिन शर्मा की मौत के मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट पर रेजिडेंट डॉक्टर्स और नर्सेज संगठन ने सवाल उठाए हैं. दरअसल, जांच कमेटी की रिपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह ने तीन डॉक्टर को एपीओ और एक नर्सिंग अधिकारी को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए थे. इस कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए सही दोषी की पहचान करने के लिए नई कमेटी का गठन कर दोबारा जांच कराने की मांग करते हुए रेजिडेंट डॉक्टर ने शनिवार से 2 घंटे का कार्य बहिष्कार शुरू किया. साथ ही चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग पर अमल नहीं किया जाता, तो प्रदेश भर के रेजिडेंट डॉक्टर पूरे दिन का कार्य बहिष्कार करेंगे. फिलहाल, रेजिडेंट डॉक्टर के 2 घंटे के कार्य बहिष्कार के चलते ओपीडी के चैंबर्स में सिर्फ सीनियर डॉक्टर काम कर रहे हैं, जिसकी वजह से मरीजों की लंबी कतार देखने को मिल रही है. जबकि कुछ मरीज बिना ट्रीटमेंट लिए ही वापस लौट रहे हैं.
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उधर, रेजिडेंट डॉक्टर्स के बाद अब नर्सेज एसोसिएशन ने भी इस कार्रवाई को भेदभावपूर्ण बताते हुए मृतक सचिन के प्रकरण में चिकित्सकों की जांच कमेटी की बजाय निष्पक्ष जांच के लिए प्रशासनिक या न्यायिक अधिकारियों की कमेटी बनाकर दोबारा जांच कराने की मांग की है. आपको बता दें कि गलत ब्लड चढ़ाने के मामले में एसीएस हेल्थ ने मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके गोयल और सर्विस रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. ऋषभ चलाना और डॉ. दौलत राम को एपीओ करने के आदेश जारी किए. वहीं, नर्सिंग अधिकारी अशोक कुमार को सस्पेंड किया. इसके बाद से रेजिडेंट डॉक्टर्स का 2 घंटे का कार्य बहिष्कार जारी है. हालांकि, इमरजेंसी और आईपीडी सेवाओं को इससे दूर रखा गया है.