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पौष पूर्णिमा पर करें माता लक्ष्मी की आराधना, होगी धन वर्षा और शुभ फल की प्राप्ति

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 24, 2024, 4:09 PM IST

Updated : Jan 25, 2024, 1:43 PM IST

इस साल 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन अगर कोई भक्त सच्चे मन से माता लक्ष्मी की आराधना करता है तो उसे जीवन भर धन की कमी नहीं होती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस तरह माता लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें प्रसन्न करने के क्या हैं उपाय. पढ़िए पूरी खबर...

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कुल्लू: सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा का खास महत्व है. पूर्णिमा के दिन व्रत, दान और स्नान का विशेष महत्व माना गया है. वहीं, इस बार जनवरी मास के 25 तारीख को पौष पूर्णिमा का आयोजन किया जाएगा. इस दिन श्रद्धालु दान पुण्य कर भगवान श्री विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान सूर्य देव का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं. पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पौष पूर्णिमा कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार 24 जनवरी की रात 9:24 से 25 जनवरी रात 11:23 तक पूर्णिमा तिथि रहेगी और उदया तिथि के चलते 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा मनाई जाएगी.

पौष पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है और उसी दिन अभिजीत मुहूर्त भी दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से लेकर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा है. इसके अलावा इसी दिन पुनर्वसु नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और गुरु पुष्य योग का भी अद्भुत संयोग बन रहा है. कहा जाता है कि इस शुभ योग में पुण्य और धार्मिक कार्य करने से भक्त को शुभ फल की प्राप्ति होती है.

आचार्य विजय कुमार का कहना है कि पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से भक्त को जीवन भर धन की कमी नहीं रहती है. इस दिन सुबह मां लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें कमल का फूल अर्पित करें. इसके अलावा मां लक्ष्मी को श्रृंगार की सामग्री जरुर चढ़ाएं. मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उन्हें 11 पीली कौड़ी अर्पित करें और उसके बाद उन्हें पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख ले. ऐसा करने से भी भक्त को भी धन की कमी नहीं सताएगी.

इसके अलावा पूर्णिमा की रात विधि विधान से मां लक्ष्मी का पूजन करें और उन्हें चावल की खीर का भोग चढ़ाएं. उसके बाद भक्ति के द्वारा श्री सूक्त, कनकधारा स्तोत्र, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। इस उपाय से व्यक्ति के जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी नहीं आती है.

ये भी पढ़ें: लाहौल की गाहर घाटी में मनाया गया हालडा उत्सव, लकड़ी की जलती मशालों से भगाई गई बुरी शक्तियां

कुल्लू: सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा का खास महत्व है. पूर्णिमा के दिन व्रत, दान और स्नान का विशेष महत्व माना गया है. वहीं, इस बार जनवरी मास के 25 तारीख को पौष पूर्णिमा का आयोजन किया जाएगा. इस दिन श्रद्धालु दान पुण्य कर भगवान श्री विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान सूर्य देव का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं. पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पौष पूर्णिमा कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार 24 जनवरी की रात 9:24 से 25 जनवरी रात 11:23 तक पूर्णिमा तिथि रहेगी और उदया तिथि के चलते 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा मनाई जाएगी.

पौष पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है और उसी दिन अभिजीत मुहूर्त भी दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से लेकर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा है. इसके अलावा इसी दिन पुनर्वसु नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और गुरु पुष्य योग का भी अद्भुत संयोग बन रहा है. कहा जाता है कि इस शुभ योग में पुण्य और धार्मिक कार्य करने से भक्त को शुभ फल की प्राप्ति होती है.

आचार्य विजय कुमार का कहना है कि पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से भक्त को जीवन भर धन की कमी नहीं रहती है. इस दिन सुबह मां लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें कमल का फूल अर्पित करें. इसके अलावा मां लक्ष्मी को श्रृंगार की सामग्री जरुर चढ़ाएं. मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उन्हें 11 पीली कौड़ी अर्पित करें और उसके बाद उन्हें पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख ले. ऐसा करने से भी भक्त को भी धन की कमी नहीं सताएगी.

इसके अलावा पूर्णिमा की रात विधि विधान से मां लक्ष्मी का पूजन करें और उन्हें चावल की खीर का भोग चढ़ाएं. उसके बाद भक्ति के द्वारा श्री सूक्त, कनकधारा स्तोत्र, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। इस उपाय से व्यक्ति के जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी नहीं आती है.

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Last Updated : Jan 25, 2024, 1:43 PM IST
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