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क्यों और कब मनाया जाता है विश्व पियानो दिवस, जानिए पियानो से जुड़ी रोचक बातें - world piano day 2024

world piano day:संगीत की दुनिया में पियानो की एक खास जगह है. इसके की-बोर्ड में 88 चाबियां होती हैं. वैसे तो पियानो एक विदेशी वाद्ययंत्र है लेकिन बॉलीवुड की फिल्मों के संगीत में शुरू से ही पियानो का खूब इस्तेमाल हुआ है. अलग-अलग चाबी से अलग-अलग सुर बिखरनेवाला पियानो क्यों है खास, आप भी जानिये

world piano day
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 29, 2024, 8:04 PM IST

सुनील राज

पटनाः वैसे तो विश्व पियानो दिवस 29 मार्च को मनाया जाता है लेकिन लीप वर्ष में ये 28 मार्च को ही मनाया जाता है. दरअसल पियानो में 88 चाबियां होती हैं इसलिए साल के 88वें दिन विश्व पियानो दिवस मनाया जाता है. बिहार की राजधानी पटना में भी संगीत प्रेमियों ने विश्व पियानो दिवस मनाया. संगीत में लगाव रखनेवाले लोगों को पता है कि संगीत के क्षेत्र में पियानो कितना महत्व रखता है.

पत्रकार सुनील को पियानो से है खास लगावः पटना में वरिष्ठ पत्रकार सुनील राज भी पियानो के बेहद ही शौकीन हैं और पिछले कई सालों से पियानो प्ले कर रहे हैं. सुनील राज बताते हैं कि "मेरा बेसिक प्रोफेशन तो पत्रकारिता है लेकिन मेरे खानदान में मेरे पिताजी और मेरे बड़े भाई साहब सुधीर सिन्हा अन्नु का प्रोफेशन म्यूजिक ही रहा है. यही कारण है कि मुझे भी संगीत से बेहद ही लगाव है खासकर पियानो बजाने में मुझे अद्भुत आनंद आता है."

कब हुआ पियानो का आविष्कार ?: वैसे तो पियानों का आविष्कार 10वीं सदी में बार्थोलोमेयो क्रिस्टोफर ने किया था लेकिन पियानो को आधुनिक रूप दिया 17वीं शताब्दी में इटली के बार्टोलोमो डी फ्रांसेस्को क्रिस्टोफोरी ने जो कि संगीत के महान् जानकार थे. उन्होंने अपने 20 अलग-अलग कंपोजिशंस बनाएं और उनको लेकर पूरी दुनिया में घूमे ताकि उनका नया वाद्य यंत्र फेमस हो सके.

पियानों में होती हैं 88 चाबियांः पियानो में कुल 88 चाबियां होती हैं तो 7.35 आक्टेव को कवर करती है. सबसे बड़ा 10 मीटर लंबा और 5 मीटर चौड़ा और सबसे छोटा पियानो 15 सेंटीमीटर मीटर लंबा और 10 सेंटीमीटर चौड़ा होता है. सुनील राज बताते हैं कि "पियानो के एक चाबी को भी अगर गलत बजा दिया जाए तो उसकी धुन ही अलग हो जाती है."

अलग-अलग कीमत के पियानो उपलब्धः संगीत की दुनिया का अहम हिस्सा बन चुके पियानो के कई प्रकार बाजार में उपलब्ध हैं. जिनकी कीमत 5 हजार रुपये से लकर 50 लाख रुपये तक भी है. वहीं सबसे महंगे पियानो की बात करें तो अभी तक जो सबसं महंगा पियानो उपलब्ध है उसकी कीमत 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर है.

2015 से मनाया जा रहा है विश्व पियानो दिवसः सैकड़ों साल पुराने इस वाद्ययंत्र को आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से विश्व पियानो दिवस मनाने की शुरुआत की गयी. निल्श फ्रैम्स नामक एक जर्मन संगीतकार और शिक्षक ने 2015 में विश्व पियानो दिवस मनाने की शुरुआत की. संगीत के इस आधुनिक दौर में पियानो का प्रयोग लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

ये भी पढ़ेंःक्या आप जानते हैं कितनी है पियानिस्ट की कमाई, जानें पियानो से जुड़ी रोचक जानकारी - World Piano Day 2024

सुनील राज

पटनाः वैसे तो विश्व पियानो दिवस 29 मार्च को मनाया जाता है लेकिन लीप वर्ष में ये 28 मार्च को ही मनाया जाता है. दरअसल पियानो में 88 चाबियां होती हैं इसलिए साल के 88वें दिन विश्व पियानो दिवस मनाया जाता है. बिहार की राजधानी पटना में भी संगीत प्रेमियों ने विश्व पियानो दिवस मनाया. संगीत में लगाव रखनेवाले लोगों को पता है कि संगीत के क्षेत्र में पियानो कितना महत्व रखता है.

पत्रकार सुनील को पियानो से है खास लगावः पटना में वरिष्ठ पत्रकार सुनील राज भी पियानो के बेहद ही शौकीन हैं और पिछले कई सालों से पियानो प्ले कर रहे हैं. सुनील राज बताते हैं कि "मेरा बेसिक प्रोफेशन तो पत्रकारिता है लेकिन मेरे खानदान में मेरे पिताजी और मेरे बड़े भाई साहब सुधीर सिन्हा अन्नु का प्रोफेशन म्यूजिक ही रहा है. यही कारण है कि मुझे भी संगीत से बेहद ही लगाव है खासकर पियानो बजाने में मुझे अद्भुत आनंद आता है."

कब हुआ पियानो का आविष्कार ?: वैसे तो पियानों का आविष्कार 10वीं सदी में बार्थोलोमेयो क्रिस्टोफर ने किया था लेकिन पियानो को आधुनिक रूप दिया 17वीं शताब्दी में इटली के बार्टोलोमो डी फ्रांसेस्को क्रिस्टोफोरी ने जो कि संगीत के महान् जानकार थे. उन्होंने अपने 20 अलग-अलग कंपोजिशंस बनाएं और उनको लेकर पूरी दुनिया में घूमे ताकि उनका नया वाद्य यंत्र फेमस हो सके.

पियानों में होती हैं 88 चाबियांः पियानो में कुल 88 चाबियां होती हैं तो 7.35 आक्टेव को कवर करती है. सबसे बड़ा 10 मीटर लंबा और 5 मीटर चौड़ा और सबसे छोटा पियानो 15 सेंटीमीटर मीटर लंबा और 10 सेंटीमीटर चौड़ा होता है. सुनील राज बताते हैं कि "पियानो के एक चाबी को भी अगर गलत बजा दिया जाए तो उसकी धुन ही अलग हो जाती है."

अलग-अलग कीमत के पियानो उपलब्धः संगीत की दुनिया का अहम हिस्सा बन चुके पियानो के कई प्रकार बाजार में उपलब्ध हैं. जिनकी कीमत 5 हजार रुपये से लकर 50 लाख रुपये तक भी है. वहीं सबसे महंगे पियानो की बात करें तो अभी तक जो सबसं महंगा पियानो उपलब्ध है उसकी कीमत 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर है.

2015 से मनाया जा रहा है विश्व पियानो दिवसः सैकड़ों साल पुराने इस वाद्ययंत्र को आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से विश्व पियानो दिवस मनाने की शुरुआत की गयी. निल्श फ्रैम्स नामक एक जर्मन संगीतकार और शिक्षक ने 2015 में विश्व पियानो दिवस मनाने की शुरुआत की. संगीत के इस आधुनिक दौर में पियानो का प्रयोग लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

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