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उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल: भारतीय, पॉप और फ्यूजन बैंड ने मचाई धूम - WORLD MUSIC FESTIVAL 2025

वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल के तहत शनिवार को लेकसिटी के तीन प्रमुख स्थानों पर संगीत के आयोजन हुए. इन आयोजनों ने दर्शकों का मन मोह लिया.

World Music Festival 2025
उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल (ETV Bharat Udaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 8, 2025, 7:52 PM IST

उदयपुर: वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल 2025 के तहत शनिवार को एक ही दिन में लेकसिटी के तीन प्रमुख स्थानों पर स्वर लहरियां बिखरी. फेस्टिवल के दूसरे दिन सुबह मांजी का घाट, दोपहर में फतहसागर पाल और शाम को गांधी ग्राउंड पर भारतीय और अंतरराष्ट्रीय संगीत की प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया. दर्शक विश्व की विभिन्न संगीत परंपराओं और प्रस्तुतियों से रूबरू हुए.

सुबह की शुरुआत सिटी पैलेस और जग मंदिर के सामने मांजी का घाट से हुई, जहां दर्शकों ने ऋत्विक राजा के भावपूर्ण कर्नाटक संगीत के साथ शांतिपूर्ण शुरुआत का आनंद लिया. इसके बाद ईरान के डेलगोचा एन्सेम्बल ने दर्शकों को रदीफ परंपरा के माध्यम से फारसी शास्त्रीय संगीत से परिचित कराया.

उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल (ETV Bharat Udaipur)

पढ़ें: उदयपुर में वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल का आगाज, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

दोपहर में दर्शकों ने फतहसागर पाल पर लहरों और संगीत का आनंद उठाया. फतहसागर पर चिजई ने पॉप और फंक के अपने फ्यूजन से वहां मौजूद संगीत प्रेमियों का मनोरंजन किया, जबकि अली डोगन गोनुलतास और उनके कलाकारों ने कुर्दिस्तान और तुर्की की लोक परंपराओं को जीवंत कर दिया. सत्र का समापन करश काले और पीटर टेगनर के साथ हुआ, जिन्होंने अद्वितीय साउंडस्केप के लिए इलेक्ट्रॉनिक और ध्वनिक संगीत का मिश्रण किया.

सेहर के संस्थापक-निदेशक संजीव भार्गव ने बताया कि इस उत्सव की योजना बनाने में एक साल लगता है, जिसमें हर विवरण पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाता है ताकि हम हर साल दर्शकों के लिए एक अनूठा अनुभव बना सकें. कलाकार से लेकर मंच की सजावट तक हर तत्व को उदयपुर जैसे शहर की प्राकृतिक लय के साथ संगीत को मिलाने के लिए सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया है.

उदयपुर: वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल 2025 के तहत शनिवार को एक ही दिन में लेकसिटी के तीन प्रमुख स्थानों पर स्वर लहरियां बिखरी. फेस्टिवल के दूसरे दिन सुबह मांजी का घाट, दोपहर में फतहसागर पाल और शाम को गांधी ग्राउंड पर भारतीय और अंतरराष्ट्रीय संगीत की प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया. दर्शक विश्व की विभिन्न संगीत परंपराओं और प्रस्तुतियों से रूबरू हुए.

सुबह की शुरुआत सिटी पैलेस और जग मंदिर के सामने मांजी का घाट से हुई, जहां दर्शकों ने ऋत्विक राजा के भावपूर्ण कर्नाटक संगीत के साथ शांतिपूर्ण शुरुआत का आनंद लिया. इसके बाद ईरान के डेलगोचा एन्सेम्बल ने दर्शकों को रदीफ परंपरा के माध्यम से फारसी शास्त्रीय संगीत से परिचित कराया.

उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल (ETV Bharat Udaipur)

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दोपहर में दर्शकों ने फतहसागर पाल पर लहरों और संगीत का आनंद उठाया. फतहसागर पर चिजई ने पॉप और फंक के अपने फ्यूजन से वहां मौजूद संगीत प्रेमियों का मनोरंजन किया, जबकि अली डोगन गोनुलतास और उनके कलाकारों ने कुर्दिस्तान और तुर्की की लोक परंपराओं को जीवंत कर दिया. सत्र का समापन करश काले और पीटर टेगनर के साथ हुआ, जिन्होंने अद्वितीय साउंडस्केप के लिए इलेक्ट्रॉनिक और ध्वनिक संगीत का मिश्रण किया.

सेहर के संस्थापक-निदेशक संजीव भार्गव ने बताया कि इस उत्सव की योजना बनाने में एक साल लगता है, जिसमें हर विवरण पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाता है ताकि हम हर साल दर्शकों के लिए एक अनूठा अनुभव बना सकें. कलाकार से लेकर मंच की सजावट तक हर तत्व को उदयपुर जैसे शहर की प्राकृतिक लय के साथ संगीत को मिलाने के लिए सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया है.

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