रांची: विश्व हाथी दिवस पर हाथियों के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से सोमवार को रांची में हाथी-मानव संघर्ष विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में झारखंड के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ एमपी सिंह सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि हाथी बेहद इंटेलीजेंट और जेंटल पशु हैं. इस बात को हमें जन-जन तक पहुंचाना होगा. विशेषज्ञों ने कहा कि मानव और हाथियों के बीच होने वाले संघर्ष को कम करने की योजना बनाकर उसपर काम करने की जरूरत है.
पश्चिम बंगाल में एलीफैंट कॉरिडोर किया गया डिस्टर्ब
वक्ताओं ने कहा कि हाथियों के मूवमेंट का एक नेचुरल रास्ता होता है जिसे एलीफैंट कॉरिडोर कहते हैं. हर वर्ष इन्हीं रास्तों से हाथियों का झुंड भ्रमण करता है. जब इस कॉरिडोर से छेड़छाड़ होता है या फिर हाथियों को पर्याप्त भोजन नहीं मिलता है तभी हाथी इधर-उधर भटक कर आबादी वाले क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं. वक्ताओं ने कहा कि कुछ वर्ष पहले पश्चिम बंगाल में हाथियों के स्वाभाविक कॉरिडोर की फेंसिंग कर के रोक दिया गया है. सोलर इलेक्ट्रिक आधारित फेंसिंग से हाथियों का स्वभाविक रास्ता डिस्टर्ब हुआ है.
हाथियों के लिए बम्बू प्लांटेशन की है योजना
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ एमपी सिंह ने कहा कि हाथियों को बांस बहुत पसंद है.ऐसे में अब विभाग इस योजना पर काम कर रहा है कि राज्य में हाथियों के स्वभाविक कॉरिडोर के दोनों तरफ बड़ी संख्या में प्लांटेशन किया जाए. इसमें ऐसे पौधे ज्यादा होंगे जो हाथियों को बेहद पसंद है. उन्होंने कहा कि बांस हाथियों को बहुत पसंद है. ऐसे में एलीफैंट कॉरिडोर के दोनों ओर बड़े पैमाने पर बम्बू ट्री लगाए जाएंगे.
चार वर्षों में 387 लोगों की मौत हाथियों के हमले से
राज्य में जंगली हाथियों और मानव के बीच संघर्ष कितना जानलेवा हो रहा है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2017 की गणना के अनुसार राज्य में हाथियों की जितनी संख्या है, उससे आधे से अधिक व्यक्ति की जान हाथियों के हमले से जा चुकी है. राज्य में वर्ष 2019-20 में 84, वर्ष 2020-21 में 74, वर्ष 2021-22 में 133 और वर्ष 2022-23 में 96 लोगों की जान हाथियों के हमले में गई है.
अगर 2019 से 2023 तक के इन आंकड़ों पर गौर करें तो कुल 387 लोगों की मौत हाथियों के हमले से हुई है. ऐसे में वन विभाग सेटेलाइट पिक्चर और एप के माध्यम से हाथियों के हमले से होने वाले नुकसान से जनता को बचाने की कोशिश कर रहा है.
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