उत्तरकाशी: सिलक्यारा टनल निर्माण को केंद्र से अनुमति मिलने के बाद सुरंग में फंसे रहे मजदूर अब धीरे-धीरे काम पर लौट रहे हैं. वापस लौटने वालों में बिहार के बांका जिले के वीरेंद्र किसकू भी शामिल हैं. वीरेंद्र ने बताया कि परिजनों ने उन्हें काम पर वापस आने से रोका था, लेकिन वह उन्हें समझा-बुझाकर वापस काम पर लौट आए हैं. उन्होंने कहा उन्हें किसी तरह का डर नहीं है. उनका मेडिकल चेकअप हो चुका है, जो भी काम बताया जाएगा वह उसके लिए पूरी तरह तैयार हैं.
12 नवंबर को हुआ था सिलक्यारा टनल में भूस्खलन: गौर हो कि 12 नवंबर 2023 की सुबह सुरंग के सिलक्यारा मुहाने से 200 मीटर आगे भारी भूस्खलन हुआ था. जिससे सुरंग का मुंह बंद होने से अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें 17 दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बाहर निकाला गया था. उसके बाद से ही सुरंग का निर्माण कार्य बंद था. करीब साढ़े चार किमी लंबी बनने वाली इस सुरंग का 480 मीटर निर्माण शेष है.
जेसीबी मशीन ऑपरेटर हैं वीरेंद्र किसकू: जेसीबी मशीन ऑपरेटर वीरेंद्र किसकू ने बताया कि जब हादसा हुआ तो, वह अपने साथियों के साथ सिलक्यारा वाले मुहाने से करीब 2300 मीटर अंदर काम कर रहे थे. हादसे के बाद मलबा गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि उन्हें अंदर सुनाई दी थी. उनके साथियों ने वायरलेस से उन्हें सुरंग धंसने की सूचना दी थी. पहले उन्हें लगा कि मिट्टी आई होगी, जिससे मिट्टी हटाकर वह बाहर निकल जाएंगे, लेकिन जब आकर देखा तो सुरंग पूरी तरह बंद हो चुकी थी. उन्होंने बताया कि वह 25 साल की उम्र से ही सुरंग प्रोजेक्ट्स में मशीन ऑपरेटर का काम कर रहे हैं. उन्हें यही काम आता है.
वीरेंद्र किसकू को 3 लाख रुपये की मिली मदद: वीरेंद्र किसकू ने बताया कि कंपनी से उन्हें 2 लाख और सीएम पुष्कर सिंह धामी की ओर से एक लाख रुपए की मदद मिली थी. जिससे उन्होंने कुछ पैसे की एफडी करवाई है.
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