धनबादः शहर के एक नामी गिरामी होटल के पांच अधिकारियों के ऊपर गंभीर आरोप लगें हैं. यह आरोप होटल में कार्यरत महिला मैनेजर ने लगाई हैं. महिला मैनेजर ने होटल के पांच अधिकारियों के ऊपर जबरदस्ती शारीरिक शोषण, मानसिक उत्पीड़न एवं षडयंत्र के तहत नौकरी से हटाने की कोशिश का आरोप लगाया है. महिला मैनेजर की शिकायत पर 25 जुलाई को महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कोर्ट में शनिवार को पीड़ित महिला मैनेजर का 184 के तहत बयान दर्ज कर लिया गया है.
38 वर्षीय पीड़ित महिला मैनेजर ने अपनी शिकायत में कहा है कि विगत करीब 03 महीने (01.04.2024) से धनसार थाना क्षेत्र के एक निजी होटल रूप में कार्य कर रही हूं. ये होटल खोलने से पहले होटल प्रबंधन द्वारा अन्य कर्मचारी भी नियुक्त किए गए हैं. जिसमें प्रतीक मोहन होटल प्रबंधक, एचआर प्रबंधक, राजीव गोस्वामी सहायक निदेशक (विक्रय), संजीत कुमार सुरक्षा प्रबंधक और होटल के कार्यालय प्रबंधक मुख्य हैं. 8 फरवरी 2024 को होटल खुला और मेहमानों के कमरों, बैठकों और कार्यक्रमों के लिए बुकिंग शुरू कर दी.
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया है कि मेरी नियुक्ति के बाद ही होटल के व्यवसाय से जुड़े हुए मुद्दों पर अन्य कर्मचारियों से मेरा मतभेद होता था. जिसके कारण मैं अपनी राय उन सबों के समक्ष रखती थी. कुछ कर्मचारियों के पद में वरीय होने के कारण यह अपनी राय को जबरदस्ती मुझ पर थोप कर मुझसे मनवाना चाहते थे, जिसका मैं विरोध करती थी. इन सब बातों को मेरे द्वारा होटल मालिकों की जानकारी में भी दी गयी थी.
इन सब बातों से नाराज होटल में कार्यरत प्रतीक मोहन, राजीव गोस्वामी और एचआर मुझसे प्रतिशोध लेने की भावना रखने लगे. इसी क्रम में होटल में काम करते समय अक्सर राजीव गोस्वामी और प्रतीक मोहन द्वारा मेरे शरीर को बुरी नीयत से छुआ जाने लगा. दोनों व्यक्ति हमेशा मुझसे अश्लील बातें और अश्लील हरकत भी किया करते थे. कुछ समय तक मैं इसे सहती रही बाद में मैंने उन दोनों लोगों के हरकतों का विरोध किया तो उक्त दोनों व्यक्ति बातों को हंसकर टाल गए. उस वक्त भी मैंने उन्हें बातों की गंभीरता को समझाने का अनुरोध किया लेकिन इन दोनों व्यक्तियों पर मेरे विरोध का कोई असर नहीं पड़ा.
पीड़िता ने अपने आवेदन में बताया कि इतना ही नहीं उनके इस घृणित कारनामों में एचआर का भी सहयोग और समर्थन था. वह मुझे भी कार्यस्थल पर अपने सीनियर्स के द्वारा इस तरह के शोषण को सहने की बात समझाई जाती थी क्योंकि एचआर, प्रतीक मोहन और राजीव गोस्वामी की अंतरंग मित्र थीं. इन सभी व्यक्तियों द्वारा प्रताड़ित करने के उद्देश्य से अनावश्यक रूप से जान-बूझकर मुझे अकेले अपने केबिन में बुलाकर घंटों बिठाया रखा जाता था. शाम को देर तक ऑफिस में रोकने की कोशिश की जाती थी और उन सबों की बात नहीं मानने पर मेरी हाजिरी काट देने की और नौकरी से निकाल दिए जाने की धमकी दी जाती थी.
पीड़िता ने कहा है कि पांचों लोग एक षडयंत्र के तहत मुझे ऑफिस में प्रताड़ित करने एवं अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे. 25 मई 2024 को जब धनबाद में चुनाव को लेकर सरकारी एवं अर्द्धसरकारी सारे संस्थानों में छुट्टी घोषित की गई थी. उस दिन भी मुझे जबरदस्ती काम पर आने के लिए दबाव डाला गया जबकि में जानती थी कि उस दिन अन्य सभी कर्मचारी अनुपस्थित होंगे. उन लोगों के गंदे मंसुबों को भांपकर मैं उस दिन काम पर नहीं गई. फलतः प्रतीक मोहन के द्वारा मेरी हाजिरी काटकर उस दिन मुझे अनुपस्थित दिखा दिया गया. मैंने इस संबंध में उन्हें फोन से एवं मेल कर अपना विरोध जताया लेकिन उन लोगो के उपर इसका कोई असर नहीं हुआ.
29 मई 2024 को जब में अपने ऑफिस गई तो राजीव गोस्वामी एवं प्रतीक मोहन ने मुझे धमकी देते हुए कहा कि वहां नौकरी उनके मर्जी से एवं उनके मनचाहे शर्तों पर करनी होगी. मैने जब उन सबों की शिकायत होटल के मालिक एवं प्रबंधन से करने की बात बताई तो उन पांचों प्रतीक मोहन के केबिन में घसीटकर मुझे ले गये एवं मुझे भद्दी-भद्दी गालियों दी एवं उपस्थित तीनों पुरुषों ने मेरी लज्जा भंग करने का प्रयास किया. पांचो लोगों ने मिलकर मेरे साथ बुरी तरह खींचातानी की जिससे मेरे शरीर के विभिन्न भागों पर खरोंच लग गए. मैं अकेली होने के कारण अपना बचाव नहीं कर सकी.
अपने आवेदन में पीड़िता ने आगे बताया कि जब उनलोगों का जी भर गया तो पांचों लोगों ने जबरदस्ती होटल के ऑफिस से धक्का देकर मुझे बाहर कर दिया एवं राजीव गोस्वामी ने जबरदस्ती मेरा छोटा पर्स (जिसमें कुछ पैसे एवं कागजात थे) रख लिया. पांचो लोगों ने मुझे धमकी देकर कहा कि अगर कल से काम पर वापस आई तो मेरे साथ पुनः इससे भी बुरा होगा. मैं इस मानसिक प्रताड़ना एवं अपने सहकर्मियों के द्वारा किए गए उत्पीड़न से मानसिक रूप से इतने तनाव में थी कि सड़क पर बेहोश होकर गिर गई. जहां अगल-बगल के लोगों ने मुझे पानी डालने के बाद ऑटो में डालकर किसी तरह मुझे मेरे घर पहुंचाया. अपनी शिकायत में पीड़िता ने कहा है कि उत्पीड़न व प्रताड़ना के कार्यों के कारण मैं अभी मानसिक अवसाद के दौर से गुजर रही हूं. डॉक्टरों की सलाह पर घर में स्वास्थ्य लाभ कर रही हूं इन्हीं कारणों से आवेदन देने में देरी हुई है.
इसको लेकर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है, इसके साथ ही पूरे मामले की जांच की जा रही है. आगे की जांच के बाद ही इस मुद्दे पर कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है. -अजीत कुमार, धनबाद सिटी एसपी.
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