पटना : बिहार की तेज तर्रार आईपीएस काम्या मिश्रा ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने निजी कारणों से आईपीएस की नौकरी से इस्तीफा दिया है. हालांकि अभी पुलिस मुख्यालय से इस्तीफे को लेकर कोई पुष्टि नहीं हुई है. ऐसे में सवाल उठता है कि काम्या मिश्रा आगे क्या करेंगी? चर्चा है कि काम्या मिश्रा राजनीति में एंट्री कर सकती हैं. बिहार कैडर की IPS अधिकारी काम्या मिश्रा को बिहार में लेडी सिंघम कहा जाता है.
क्या pk से जुड़ेंगी काम्या मिश्रा ? : वैसे तो काम्या मिश्रा अगर राजनीति में एंट्री करना चाहती हैं तो उनके पास कई विकल्प होंगे. हालांकि अभी के दौर में देखें तो प्रशांत किशोर का जन सुराज आईएए/आईपीएस को अपनी ओर खींच रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या काम्या मिश्रा भी जन सुराज की तरफ रुख करेंगी?
''वरिष्ठ आईएएस आईपीएस अधिकारियों की रुचि राजनीति में बहुत पहले से रही है. प्रशांत किशोर के राजनीति में आने का जो संकेत मिला है और उसके साथ गोलबंद होने की प्रक्रिया आ रही है, उससे भी लोग जोड़कर इसको देख रहे हैं. हालांकि अभी कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी.''- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार
रिटायर्ड अधिकारियों की पहली पसंद जन सुराज : प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान के साथ बिहार के अनेक अवकाश प्राप्त आईएएस आईपीएस एवं बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जुड़ चुके हैं. या यूं कहें कि अभी सेवा निवृत अधिकारियों की पहली पसंद जन सुराज हो गई है, यह कहना भी गलत नहीं होगा. प्रशांत किशोर के जनसुराज से जुड़े अधिकारियों में डीजी, आईजी और डीआईजी स्तर के अधिकारी शामिल हैं.
कौन-कौन जन सुराज से जुड़े? : 2004 बैच के सेवानिवृत्त आईजी (होमगार्ड) रहे जितेंद्र मिश्रा, 1979 बैच के पूर्व आईपीएस डीजी रहे एस के पासवान, 1983 बैच के आईपीएस पूर्व डीआईजी (कम्युनिकेशन) केबी सिंह जनसुराज से जुड़े हैं. इसके अलावा प्रशांत किशोर के जनसुराज से जुड़ने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारियों में आईजी (विजिलेंस) रहे उमेश सिंह, पूर्व डीआईजी अनिल सिंह, शिव कुमार झा, पूर्व डीजी अशोक कुमार सिंह, पूर्व डीजी राकेश कुमार मिश्रा, सीपी किरण, मोहम्मद रहमान मोमिन, शंकर झा और दिलीप मिश्रा शामिल हैं.
बिहार में अधिकारियों की पसंद राजनीति : अगर गौर से देखा जाए तो, बिहार में नौकरशाहों की राजनीति में दिलचस्पी कोई नई बात नहीं है. 80 के दशक से लेकर अब तक दर्जन भर से ज्यादा आईएएस आईपीएस हैं जिन्होंने राजनीति में कदम रखा. बिहार में अनेक ऐसे अधिकारी हुए जिन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद या नौकरी छोड़कर राजनीति में सक्रिय हुए.
यशवंत सिन्हा से लेकर RCP तक लंबी है लिस्ट : आईएएस अधिकारी यशवंत सिन्हा जिन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा और देश के वित्त मंत्री तक बने. आईएएस अधिकारी एनके सिंह, आरसीपी सिंह, पवन वर्मा, राजकुमार सिंह आईपीएस अधिकारी आशीष रंजन सिन्हा, डीपी ओझा, एके गुप्ता, गुप्तेश्वर पांडेय, करुणा सागर, सुनील कुमार जो वर्तमान में बिहार के शिक्षा मंत्री भी हैं. आनंद मिश्रा, बीके रवि, श्रीधर मंडल अनेक आईएएस एवं आईपीएस हैं, जिन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद या नौकरी से वॉलंटरी रिटायरमेंट लेने के बाद राजनीति में कदम रखा.
''जहां तक बिहार की भूमि है यह कोई नई बात नहीं है कि बड़े अधिकारी आईएएस हों इस आईपीएस हों, अपनी नौकरी में रहते या सेवानिवृत होने के बाद राजनीति में आए. ऐसे अधिकारियों की एक लंबी सूची है. राजनीति में आने के बाद कई लोग सफल भी रहे और अधिकांश असफल हुए. आप इसकी शुरुआत यशवंत सिन्हा से कर सकते हैं, जो कर्पूरी ठाकुर के समय अपने पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक भूमिका में आए. बाद में चलते-चलते वह देश के वित्त मंत्री भी रहे.''- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार
कौन हैं काम्या मिश्रा ? : ओडिशा की रहने वाली काम्या मिश्रा ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है. काम्या मिश्रा का जन्म 1 नवंबर 1996 को हुआ था. 2019 की संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम में 172 वां रैंक पाकर काम्या मिश्रा ने आईपीएस ज्वाइन किया. उन्होंने बाद में हिमाचल से अपना कैडर बिहार करा लिया. काम्या मिश्रा ने IPS के रूप में 26 अगस्त 2019 को ज्वाइन किया था. वर्तमान में वो दरभंगा ग्रामीण एसपी के रूप में कार्यरत थी. उनकी रिटायरमेंट तिथि 30 नवंबर 2056 थी. काम्या मिश्रा की नौकरी अभी 32 साल से ज्यादा बची थी.
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