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नक्सलियों के आपसी लड़ाई में मारा गया था टॉप नक्सली, पत्नी नौकरी के लिए अधिकारियों से लगा रही गुहार - पलामू में नक्सली

Naxalite commander Wife appeal for job. नक्सलियों के आपसी लड़ाई में मारे गए टॉप नक्सली कमांडर की पत्नी अब नौकरी के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रही है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि अपसी लड़ाई में मारे गए नक्सली की पत्नी सरकारी अधिकारियों के आगे गुहार लगा रही हो.

Naxalite commander Wife appeal for job
Naxalite commander Wife appeal for job
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 7, 2024, 9:29 PM IST

पलामू: नक्सल हिंसा अपने पीछे कई कहानी छोड़ जाती है और इसका खामियाजा परिवार को भुगतना पड़ता है. नक्सली होने पर परिवार को कई नुकसान भी उठाने पड़ते हैं. दरअसल 11 जुलाई 2023 को पलामू के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के होटाई के कुबुआ के इलाके में प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद की आपस में लड़ाई हुई. नक्सलियों की आपसी लड़ाई में जेजेएमपी का जोनल कमांडर गणेश लोहार और सबजोनल कमांडर संतोष यादव उर्फ सत्य प्रकाश यादव की मौत हो गई थी.

संतोष यादव पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के गुरहा का रहने वाला था. संतोष यादव के मौत के बाद परिजनों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. संतोष यादव का एक बच्चा 9 वर्ष जबकि दूसरा बच्चा सवा दो वर्ष का है. संतोष यादव की पत्नी बुधवार को पलामू डीसी के जनता दरबार में पहुंची थी और सरकारी प्रावधान के तहत मुआवजा एवं नौकरी की मांग की. संतोष यादव के पत्नी के आवेदन पर डीसी शशिरंजन ने संज्ञान लिया है और कार्रवाई के लिए सामान्य शाखा को लिखा है.

आवेदन में संतोष यादव की पत्नी ने लिखा है कि उसे जीविकोपार्जन में काफी परेशानी होती थी. पत्नी बीए तक पढ़ाई की हुई थी. पत्नी ने आवेदन में कई बातों का जिक्र किया है और एफआईआर संबंधी पूरे कागजात भी अधिकारियों को दिए हैं.

पहली बार जनता दरबार में इस तरह का मामला पहुंचा: दरअसल पहली बार जनता दरबार में कोई नक्सली कमांडर की पत्नी इस तरह के मामला लेकर पहुंची थी. नक्सलियों की आपसी लड़ाई में मारे जाने के बाद संतोष यादव का परिवार पहला परिवार है जो मदद के लिए किसी भी प्रशासनिक स्तर पर आवेदन लिखा है. आम तौर पर नक्सलियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद पीड़ित परिवार मुआवजा और नौकरी के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंचा है. लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई नक्सली कमांडर के हत्या के बाद परिवार मदद के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंचा है.

पलामू: नक्सल हिंसा अपने पीछे कई कहानी छोड़ जाती है और इसका खामियाजा परिवार को भुगतना पड़ता है. नक्सली होने पर परिवार को कई नुकसान भी उठाने पड़ते हैं. दरअसल 11 जुलाई 2023 को पलामू के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के होटाई के कुबुआ के इलाके में प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद की आपस में लड़ाई हुई. नक्सलियों की आपसी लड़ाई में जेजेएमपी का जोनल कमांडर गणेश लोहार और सबजोनल कमांडर संतोष यादव उर्फ सत्य प्रकाश यादव की मौत हो गई थी.

संतोष यादव पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के गुरहा का रहने वाला था. संतोष यादव के मौत के बाद परिजनों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. संतोष यादव का एक बच्चा 9 वर्ष जबकि दूसरा बच्चा सवा दो वर्ष का है. संतोष यादव की पत्नी बुधवार को पलामू डीसी के जनता दरबार में पहुंची थी और सरकारी प्रावधान के तहत मुआवजा एवं नौकरी की मांग की. संतोष यादव के पत्नी के आवेदन पर डीसी शशिरंजन ने संज्ञान लिया है और कार्रवाई के लिए सामान्य शाखा को लिखा है.

आवेदन में संतोष यादव की पत्नी ने लिखा है कि उसे जीविकोपार्जन में काफी परेशानी होती थी. पत्नी बीए तक पढ़ाई की हुई थी. पत्नी ने आवेदन में कई बातों का जिक्र किया है और एफआईआर संबंधी पूरे कागजात भी अधिकारियों को दिए हैं.

पहली बार जनता दरबार में इस तरह का मामला पहुंचा: दरअसल पहली बार जनता दरबार में कोई नक्सली कमांडर की पत्नी इस तरह के मामला लेकर पहुंची थी. नक्सलियों की आपसी लड़ाई में मारे जाने के बाद संतोष यादव का परिवार पहला परिवार है जो मदद के लिए किसी भी प्रशासनिक स्तर पर आवेदन लिखा है. आम तौर पर नक्सलियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद पीड़ित परिवार मुआवजा और नौकरी के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंचा है. लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई नक्सली कमांडर के हत्या के बाद परिवार मदद के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंचा है.

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