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पवनपुत्र हनुमान क्यों कहलाए मैनेजमेंट गुरु,क्या बनाता है केसरीनंदन को खास - Lord Hanuman Qualities

Management Guru Lord Hanuman भगवान राम के दूत और परम भक्त हनुमान जी को मैनेजमेंट का गुरु क्यों कहा जाता है. हनुमान जी में ऐसी कौन सी विशेषताएं है, जिनके कारण हनुमान को मैनेजमेंट गुरु के नाम से जाना जाता है.आज हम आपको बताएंगे आखिर क्यों पवनपुत्र हनुमान मैनेजमेंट गुरु कहलाएं.

Lord Hanuman Qualities
पवनपुत्र हनुमान क्यों कहलाएं मैनेजमेंट गुरु (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 11, 2024, 4:52 AM IST

Updated : Jun 11, 2024, 11:26 AM IST

रायपुर : धरती में यदि किसी भगवान को जीवंत माना जाता है,तो वो हैं हनुमान. हनुमान को प्रभु श्रीराम ने धरती पर रहकर मनुष्यों को दुखों को दूर करने की जिम्मेदारी सौंपी थी.इसके लिए प्रभु श्रीराम ने हनुमान को अजर अमर का वरदान दिया था. ऐसा माना जाता है कि त्रेतायुग से हनुमान धरती पर ही रहकर लोगों की सेवा कर रहे हैं.ऐसा माना जाता है कि यदि मनुष्य हनुमान जी के गुणों को अपने अंदर धारण कर ले तो उसे सफलता मिलती है.

भगवान राम के दूत और परम भक्त हनुमान जी ने हर समस्याओं और परिस्थितियों के हिसाब से समझाया है. हनुमान ने जहां पर बल का प्रयोग करना था वहां पर बल का प्रयोग किया, जहां विनम्रता की आवश्यकता थी, वहां विनम्रता का प्रयोग किया. जिस जगह पर बुद्धि का उपयोग करना था उस जगह पर अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दिया. हनुमान जी एक कुशल प्रबंधन और मानव संसाधन का बेहतर उपयोग करने वाले राम भक्त हनुमान जी ने मैनेजमेंट की जबरदस्त क्षमता है.पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने इस बारे में विस्तार से बताया.

हनुमान क्यों कहलाएं मैनेजमेंट गुरु (ETV Bharat Chhattisgarh)

भगवान हनुमान में बहुत से हैं गुण : ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि रामदूत भगवान हनुमान जी में दासत्व के साथ ही कई तरह के खास गुण रॉयल्टी डिवोशन समर्पण इंटिलिजेंस मैनेजमेंट, क्यूरियस होना, रिसर्चक होना, डिस्कवर करना, एग्रेसिव होना, एग्रेसिव होकर के विपक्ष के बेसिक रिसोर्सेज को खत्म करना, अपनी संस्था और पक्ष के लिए लड़ना जैसे कई गुण भगवान हनुमान जी में विद्यमान हैं. जैसे ही भगवान राम का वन गमन होता है वहीं से भगवान हनुमान जी का उद्भव होता है.

''राम के पूरे जीवन में हनुमान जी दिखाई पड़ते हैं. हनुमान जी बड़ी सफाई से भगवान राम की मित्रता सुग्रीव से करवाते हैं. बाली का वध करने के साथ ही सुग्रीव को सत्ता दिलाते हैं. फिर सीता की खोज में निकल पड़ते हैं. भगवान हनुमान जी के नेतृत्व में सीता की खोज की शुरुआत होती है और लंका प्रवेश के साथ ही रावण दहन तक हनुमान जी अपना रोल निभाते हैं."- पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य

हनुमान जी ने संपूर्ण रामचरितमानस में अपने आप को समर्पित कर दिया. सुंदरकांड में ऐसी कई घटनाओं का जिक्र है. जहां पर हनुमान जी ने बल और बुद्धि का बेहतरीन संतुलन प्रस्तुत किया है. बल और बुद्धि का बेहतरीन उपयोग करते हुए हनुमान जी ने माता सीता की खोज की थी. हनुमान जी ने हर समस्याओं को परिस्थितियों के हिसाब से सुलझाया. जहां बल का प्रयोग करना था उस जगह पर बल का प्रयोग किया, जहां विनम्रता की आवश्यकता थी, वहां पर विनम्रता का परिचय दिया.

भरतपुर में कलश यात्रा, प्राचीन हनुमान मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की हुई शुरुआत
सरगुजा के इस मंदिर में साक्षात हनुमान जी का वास, 22 वर्षों से चौबीस घंटे रामचरितमानस का पाठ जारी
मनेन्द्रगढ़ के जनकपुर का अनोखा प्राचीन हनुमान मंदिर, पुजारी का दावा यहां बजरंगबली दूर करते हैं प्रेत बाधा

नोट: यहां प्रस्तुत सारी बातें ज्योतिषाचार्य की ओर से बताई गई हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

रायपुर : धरती में यदि किसी भगवान को जीवंत माना जाता है,तो वो हैं हनुमान. हनुमान को प्रभु श्रीराम ने धरती पर रहकर मनुष्यों को दुखों को दूर करने की जिम्मेदारी सौंपी थी.इसके लिए प्रभु श्रीराम ने हनुमान को अजर अमर का वरदान दिया था. ऐसा माना जाता है कि त्रेतायुग से हनुमान धरती पर ही रहकर लोगों की सेवा कर रहे हैं.ऐसा माना जाता है कि यदि मनुष्य हनुमान जी के गुणों को अपने अंदर धारण कर ले तो उसे सफलता मिलती है.

भगवान राम के दूत और परम भक्त हनुमान जी ने हर समस्याओं और परिस्थितियों के हिसाब से समझाया है. हनुमान ने जहां पर बल का प्रयोग करना था वहां पर बल का प्रयोग किया, जहां विनम्रता की आवश्यकता थी, वहां विनम्रता का प्रयोग किया. जिस जगह पर बुद्धि का उपयोग करना था उस जगह पर अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दिया. हनुमान जी एक कुशल प्रबंधन और मानव संसाधन का बेहतर उपयोग करने वाले राम भक्त हनुमान जी ने मैनेजमेंट की जबरदस्त क्षमता है.पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने इस बारे में विस्तार से बताया.

हनुमान क्यों कहलाएं मैनेजमेंट गुरु (ETV Bharat Chhattisgarh)

भगवान हनुमान में बहुत से हैं गुण : ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि रामदूत भगवान हनुमान जी में दासत्व के साथ ही कई तरह के खास गुण रॉयल्टी डिवोशन समर्पण इंटिलिजेंस मैनेजमेंट, क्यूरियस होना, रिसर्चक होना, डिस्कवर करना, एग्रेसिव होना, एग्रेसिव होकर के विपक्ष के बेसिक रिसोर्सेज को खत्म करना, अपनी संस्था और पक्ष के लिए लड़ना जैसे कई गुण भगवान हनुमान जी में विद्यमान हैं. जैसे ही भगवान राम का वन गमन होता है वहीं से भगवान हनुमान जी का उद्भव होता है.

''राम के पूरे जीवन में हनुमान जी दिखाई पड़ते हैं. हनुमान जी बड़ी सफाई से भगवान राम की मित्रता सुग्रीव से करवाते हैं. बाली का वध करने के साथ ही सुग्रीव को सत्ता दिलाते हैं. फिर सीता की खोज में निकल पड़ते हैं. भगवान हनुमान जी के नेतृत्व में सीता की खोज की शुरुआत होती है और लंका प्रवेश के साथ ही रावण दहन तक हनुमान जी अपना रोल निभाते हैं."- पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य

हनुमान जी ने संपूर्ण रामचरितमानस में अपने आप को समर्पित कर दिया. सुंदरकांड में ऐसी कई घटनाओं का जिक्र है. जहां पर हनुमान जी ने बल और बुद्धि का बेहतरीन संतुलन प्रस्तुत किया है. बल और बुद्धि का बेहतरीन उपयोग करते हुए हनुमान जी ने माता सीता की खोज की थी. हनुमान जी ने हर समस्याओं को परिस्थितियों के हिसाब से सुलझाया. जहां बल का प्रयोग करना था उस जगह पर बल का प्रयोग किया, जहां विनम्रता की आवश्यकता थी, वहां पर विनम्रता का परिचय दिया.

भरतपुर में कलश यात्रा, प्राचीन हनुमान मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की हुई शुरुआत
सरगुजा के इस मंदिर में साक्षात हनुमान जी का वास, 22 वर्षों से चौबीस घंटे रामचरितमानस का पाठ जारी
मनेन्द्रगढ़ के जनकपुर का अनोखा प्राचीन हनुमान मंदिर, पुजारी का दावा यहां बजरंगबली दूर करते हैं प्रेत बाधा

नोट: यहां प्रस्तुत सारी बातें ज्योतिषाचार्य की ओर से बताई गई हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

Last Updated : Jun 11, 2024, 11:26 AM IST
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