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सारण में कांटे की लड़ाई, राजीव प्रताप रूडी के मुकाबले रोहिणी आचार्य का पलड़ा भारी - Saran Lok Sabha Seat

Rohini Acharya Vs Rajiv Pratap Rudy : बिहार के सारण में किसकी जीत होगी यह कह पाना किसी के लिए मुश्किल हो रहा है. कांटे की टक्कर में रोहिणी आचार्य आगे दिखाई पड़ रही हैं. आगे पढ़ें पूरी खबर.

सारण में कांटे की लड़ाई
सारण में कांटे की लड़ाई (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 3, 2024, 5:46 PM IST

वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी (ETV Bharat)

सारण : बिहार की हॉट सीटों में शामिल सारण लोकसभा सीट पर दिलचस्प लड़ाई है. मतदाताओं ने किसके पक्ष में मतदान किया है इस पर फैसला 4 जून को हो जाएगा. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी और आरजेडी की रोहिणी आचार्य के बीच है

राजीव प्रताप रूडी Vs रोहिणी आचार्य : वैसे तो सारण लोकसभा सीट पर कुल 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी और आरजेडी की रोहिणी आचार्य के बीच है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले रूडी लगातार तीसरी जीत की तैयारी में हैं, तो लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी पहली बार चुनाव मैदान में उतरी हैं. इस सीट पर रोहिणी की जीत के लिए खुद लालू प्रसाद ने मोर्चा संभाल रखा था. कई दिनों तक इलाके में कैंप भी किया.

एग्जिट पोल में कांटे का मुकाबला : तमाम एग्जिट पोल में सारण लोकसभा सीट को सबसे उलझे हुए सीटों में दिखाया गया है. यहां जीत का और हार का मार्जिन बहुत ही कम बताया जा रहा है. यही कारण है कि सारण लोकसभा सीट से आखिर कौन बाजी मारेगी इसको लेकर अभी भी संशय बना हुआ है.

'रूडी लगातार अपने क्षेत्र में रहते हैं' : वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का कहना है कि सारण लोकसभा क्षेत्र से जैसे ही रोहिणी आचार्य के चुनाव लड़ने की घोषणा हुई, यहां का चुनाव बहुत ही दिलचस्प हो गया. लगातार दो बार से राजीव प्रताप रूडी यहां से सांसद हो रहे हैं और जीत की हैट्रिक लगाने को लेकर पूरा मेहनत किए हैं. राजीव प्रताप रूडी लगातार अपने क्षेत्र में कुछ न कुछ कामों में व्यस्त रहते हैं. यही कारण है कि लोगों के साथ उनका जुड़ाव बना हुआ है.

''2024 के चुनाव में राजीव प्रताप रूडी रोहिणी आचार्य के बजाय लालू प्रसाद यादव को टारगेट किए हुए थे, क्योंकि उनको पता था कि लालू प्रसाद यादव के खिलाफ बोलने से उनके वोटर एकजुट होंगे. ओबीसी और ईबीसी वोट बैंक का झुकाव बीजेपी प्रत्याशी की तरफ दिख रहा है. हालांकि राजीव प्रताप रूडी के लिए चुनौती यह है कि सोनपुर से लेकर तमाम उन इलाकों में जहां यादव वोटरों की संख्या ज्यादा है वहां इस बार मतदान पहले की अपेक्षा ज्यादा हुआ है. यही कारण है कि मेरे नजर में रोहिणी आचार्य का पलड़ा कुछ भारी दिख रहा है.''- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

2024 में पहले से कम वोटिंग : यहां वोटिंग को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिला. इस सीट पर 54.50 प्रतिशत वोटिंग हुई है. 2019 लोकसभा चुनाव में 56.60 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. इस हिसाब से 2024 के लोकसभा चुनाव में 2.10 प्रतिशत कम मतदान हुआ है. सारण लोकसभा में कुल 17 लाख 95 हजार 1 मतदाता थे.

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वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी (ETV Bharat)

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राजीव प्रताप रूडी Vs रोहिणी आचार्य : वैसे तो सारण लोकसभा सीट पर कुल 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी और आरजेडी की रोहिणी आचार्य के बीच है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले रूडी लगातार तीसरी जीत की तैयारी में हैं, तो लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी पहली बार चुनाव मैदान में उतरी हैं. इस सीट पर रोहिणी की जीत के लिए खुद लालू प्रसाद ने मोर्चा संभाल रखा था. कई दिनों तक इलाके में कैंप भी किया.

एग्जिट पोल में कांटे का मुकाबला : तमाम एग्जिट पोल में सारण लोकसभा सीट को सबसे उलझे हुए सीटों में दिखाया गया है. यहां जीत का और हार का मार्जिन बहुत ही कम बताया जा रहा है. यही कारण है कि सारण लोकसभा सीट से आखिर कौन बाजी मारेगी इसको लेकर अभी भी संशय बना हुआ है.

'रूडी लगातार अपने क्षेत्र में रहते हैं' : वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का कहना है कि सारण लोकसभा क्षेत्र से जैसे ही रोहिणी आचार्य के चुनाव लड़ने की घोषणा हुई, यहां का चुनाव बहुत ही दिलचस्प हो गया. लगातार दो बार से राजीव प्रताप रूडी यहां से सांसद हो रहे हैं और जीत की हैट्रिक लगाने को लेकर पूरा मेहनत किए हैं. राजीव प्रताप रूडी लगातार अपने क्षेत्र में कुछ न कुछ कामों में व्यस्त रहते हैं. यही कारण है कि लोगों के साथ उनका जुड़ाव बना हुआ है.

''2024 के चुनाव में राजीव प्रताप रूडी रोहिणी आचार्य के बजाय लालू प्रसाद यादव को टारगेट किए हुए थे, क्योंकि उनको पता था कि लालू प्रसाद यादव के खिलाफ बोलने से उनके वोटर एकजुट होंगे. ओबीसी और ईबीसी वोट बैंक का झुकाव बीजेपी प्रत्याशी की तरफ दिख रहा है. हालांकि राजीव प्रताप रूडी के लिए चुनौती यह है कि सोनपुर से लेकर तमाम उन इलाकों में जहां यादव वोटरों की संख्या ज्यादा है वहां इस बार मतदान पहले की अपेक्षा ज्यादा हुआ है. यही कारण है कि मेरे नजर में रोहिणी आचार्य का पलड़ा कुछ भारी दिख रहा है.''- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

2024 में पहले से कम वोटिंग : यहां वोटिंग को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिला. इस सीट पर 54.50 प्रतिशत वोटिंग हुई है. 2019 लोकसभा चुनाव में 56.60 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. इस हिसाब से 2024 के लोकसभा चुनाव में 2.10 प्रतिशत कम मतदान हुआ है. सारण लोकसभा में कुल 17 लाख 95 हजार 1 मतदाता थे.

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