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Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में किसकी बनेगी सरकार? पहले चरण के मतदाताओं ने क्या दिया संदेश - JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION 2024

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में पहले चरण के मतदान के बाद किसकी सरकार बनेगी और मतदाताओं ने क्या संदेश दिया. इस रिपोर्ट में जानिए.

JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION 2024
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 15, 2024, 8:42 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है. दूसरे चरण में 38 सीटों पर मतदान 20 नवंबर को होना है. पहले चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में वोटिंग परसेंटेज ज्यादा रहा जबकि शहरी इलाकों में मतदाताओं ने उतना उत्साह नहीं दिखाया. खास बात ये रही कि आदिवासी बहुल इलाकों में बंपर मतदान हुआ है, इनमें 10 सीटों पर 70 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई है.

झारखंड में पहले चरण के मतदान के जो आंकड़े आए हैं, विश्लेषक उसके कई मायने निकाल रहे हैं. पहले चरण में 66 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ है जो 2019 से करीब दो प्रतिशत ज्यादा है. हालांकि ये बढ़ोतरी बेहद कम है और इससे अंदाजा लगाना मुश्किल है कि वोट किस तरफ गए. आम धारणा ये है कि वोटिंग परसेंटेज बढ़ना मतलब लोग सत्ता से खुश नहीं हैं और उसके खिलाफ वोट दे रहे हैं, लेकिन ये तब होता है जब वोटिंग परसेंटेज काफी अधिक हो. हालांकि कई बार ये धारणा भी टूटती रही है.

पहले चरण में 26 रिजर्व सीटों पर करीब 77 प्रतिशत मतदान हुआ है. ये अब तक का रिकॉर्ड मतदान है. खास बात ये भी है कि जिन 26 सीटों पर बंपर वोटिंग हुई है, उनमें से 21 पर सीट इंडिया गठबंधन के पास है, जबकि सिर्फ पांच सीट एनडीए के पास है. रिजर्व सीटों पर मतदान अधिक होने को विश्लेषक अलग नजरिए से देखते हैं. कई जानकारों का मानना है कि हेमंत सोरेन के जेल जाने से आदिवासी एकजुट हुए हैं और उनकी बीजेपी से नाराजगी वोटिंग परसेंटेज के रूप में दिखाई दी है. इसलिए बढ़े हुए मतदान प्रतिशत को वे हेमंत सोरेन के पक्ष में मान रहे हैं.

कुछ जानकार ये भी कहते हैं कि हेमंत सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना शुरू की जिसका उत्साह मतदाताओं में दिखाई दिया. हेमंत सरकार 18 से 50 साल की महिलाओं के खाते में एक हजार रुपए डाल रही है. मंईयां सम्मान योजना से अब तक करीब 49 लाख महिलाएं जुड़ चुकी हैं. यहीं नहीं इंडिया गठबंधन ने अपने घोषणा पत्र ये भी वादा किया है कि मंईयां सम्मान राशि को बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया जाएगा.

हालांकि कई विश्लेषक ये भी मान रहे हैं कि कांटे की टक्कर में कुछ भी कह पाना मुश्किल है. कई बार जानकारों का अनुमान गलत साबित हुआ है. एनडीए ने भी महिलाओं के लिए गोगो दीदी योजना का वादा किया है. इसके तहत महिलाओं को 2100 रुपए देने का वादा किया गया है. इसके अलावा बीजेपी ने रोटी बेटी माटी और बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा बेहद आक्रामक तरीके से उठाया है. ऐसे में अगर वोटर उनकी तरफ जाते हैं तो आश्चर्य नहीं होगा.

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झारखंड में पहले चरण के मतदान के जो आंकड़े आए हैं, विश्लेषक उसके कई मायने निकाल रहे हैं. पहले चरण में 66 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ है जो 2019 से करीब दो प्रतिशत ज्यादा है. हालांकि ये बढ़ोतरी बेहद कम है और इससे अंदाजा लगाना मुश्किल है कि वोट किस तरफ गए. आम धारणा ये है कि वोटिंग परसेंटेज बढ़ना मतलब लोग सत्ता से खुश नहीं हैं और उसके खिलाफ वोट दे रहे हैं, लेकिन ये तब होता है जब वोटिंग परसेंटेज काफी अधिक हो. हालांकि कई बार ये धारणा भी टूटती रही है.

पहले चरण में 26 रिजर्व सीटों पर करीब 77 प्रतिशत मतदान हुआ है. ये अब तक का रिकॉर्ड मतदान है. खास बात ये भी है कि जिन 26 सीटों पर बंपर वोटिंग हुई है, उनमें से 21 पर सीट इंडिया गठबंधन के पास है, जबकि सिर्फ पांच सीट एनडीए के पास है. रिजर्व सीटों पर मतदान अधिक होने को विश्लेषक अलग नजरिए से देखते हैं. कई जानकारों का मानना है कि हेमंत सोरेन के जेल जाने से आदिवासी एकजुट हुए हैं और उनकी बीजेपी से नाराजगी वोटिंग परसेंटेज के रूप में दिखाई दी है. इसलिए बढ़े हुए मतदान प्रतिशत को वे हेमंत सोरेन के पक्ष में मान रहे हैं.

कुछ जानकार ये भी कहते हैं कि हेमंत सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना शुरू की जिसका उत्साह मतदाताओं में दिखाई दिया. हेमंत सरकार 18 से 50 साल की महिलाओं के खाते में एक हजार रुपए डाल रही है. मंईयां सम्मान योजना से अब तक करीब 49 लाख महिलाएं जुड़ चुकी हैं. यहीं नहीं इंडिया गठबंधन ने अपने घोषणा पत्र ये भी वादा किया है कि मंईयां सम्मान राशि को बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया जाएगा.

हालांकि कई विश्लेषक ये भी मान रहे हैं कि कांटे की टक्कर में कुछ भी कह पाना मुश्किल है. कई बार जानकारों का अनुमान गलत साबित हुआ है. एनडीए ने भी महिलाओं के लिए गोगो दीदी योजना का वादा किया है. इसके तहत महिलाओं को 2100 रुपए देने का वादा किया गया है. इसके अलावा बीजेपी ने रोटी बेटी माटी और बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा बेहद आक्रामक तरीके से उठाया है. ऐसे में अगर वोटर उनकी तरफ जाते हैं तो आश्चर्य नहीं होगा.

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