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शिव भक्तों के लिए खुशखबरी, जल्द शुरू हो सकती है कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारत- चीन सहमत - KAILASH MANSAROVAR YATRA

कैलाश मानसरोवर यात्रा जल्द फिर से शुरू करने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. पवित्र कैलाश मानसरोवर भगवान शिव का निवास स्थान है.

Kailash Mansarovar Yatra
कैलाश मानसरोवर यात्रा (प्रतीकात्मक फोटो) (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

बीजिंग: भारत और चीन के बीच कई अहम मुद्दों पर सहमति हुई है जिसमें एक कैलाश मानसरोवर यात्रा भी शामिल है. यह कैलाश मानसरोवर यात्रियों के लिए खुशखबरी है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर विचार किया जा सकता है. बता दें कि पिछले पांच सालों से कैलाश मानसरोवर यात्रा भारतीयों के लिए बंद है.

कैलाश मानसरोवर सबसे पवित्र स्थलों में एक है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह भगवान शिव का निवास स्थान है. आपको बता दें कि कैलाश मान सरोवर यात्रा कोरोना काल के बाद से बंद है. कोरोना के दौरान कई प्रतिबंध लगाए गए. इसके साथ ही गलवाव हिंसा हुई जिसके बाद दोनों देशों के बीच गतिरोध बढ़ गया. साल 2000 के बाद से ही आधिकारिक रूप से मानसरोवर यात्रा भारतीयों के लिए बंद है.

कैलाश मानसरोवर हिमालय पर्वत श्रृंखला का एक हिस्सा है. यह स्थान तिब्बत में स्थित है लेकिन यहां चीन का अधिकार क्षेत्र है. यहां जाने के लिए चीनी पर्यटक वीजा लेना आवश्यक होता है. कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीन प्रमुख रास्ते हैं. इनमें पहला लिपुलेख दर्रा, दूसरा नाथू ला दर्रा और तीसरा शिगास्ते मार्ग है.

इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी समकक्ष के साथ मानसरोवर यात्रा शुरू करने और दोनों देशों के बीत सभी विमान सेवा बहाल करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की थी.

चीन और भारत के बीच बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक हुई. इस दौरान दोनों देश कई अहम मुद्दों पर सहमति जताई. इसमें प्रमुख रूप से चीनी सीमा विवाद के चलते जारी गतिरोध को दूर करने का प्रयास किया गया. इससे पहले भी दोनों देशों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी है.

बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के उपायों पर सहमति व्यक्त की. सैन्य वार्ता के लिए तंत्र को मजबूत करने के साथ ही अगले साल भारत में एक बैठक की योजना बनाई गई. चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि चीनी विशेष प्रतिनिधि वांग यी और भारतीय विशेष प्रतिनिधि और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने चीन-भारत सीमा मुद्दे पर ठोस चर्चा की और छह सहमतियों पर पहुंचे.

विशेष प्रतिनिधियों ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर भी विचार विमर्श किया. एनएसए डोभाल ने वांग यी को भारत आने का निमंत्रण दिया. 2020 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में टकराव के बाद से एसआर की यह पहली बैठक थी.

ये भी पढ़ें- भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 6 मुद्दों पर सहमति, NSA अजित डोभाल वांग यी से मिले

बीजिंग: भारत और चीन के बीच कई अहम मुद्दों पर सहमति हुई है जिसमें एक कैलाश मानसरोवर यात्रा भी शामिल है. यह कैलाश मानसरोवर यात्रियों के लिए खुशखबरी है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर विचार किया जा सकता है. बता दें कि पिछले पांच सालों से कैलाश मानसरोवर यात्रा भारतीयों के लिए बंद है.

कैलाश मानसरोवर सबसे पवित्र स्थलों में एक है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह भगवान शिव का निवास स्थान है. आपको बता दें कि कैलाश मान सरोवर यात्रा कोरोना काल के बाद से बंद है. कोरोना के दौरान कई प्रतिबंध लगाए गए. इसके साथ ही गलवाव हिंसा हुई जिसके बाद दोनों देशों के बीच गतिरोध बढ़ गया. साल 2000 के बाद से ही आधिकारिक रूप से मानसरोवर यात्रा भारतीयों के लिए बंद है.

कैलाश मानसरोवर हिमालय पर्वत श्रृंखला का एक हिस्सा है. यह स्थान तिब्बत में स्थित है लेकिन यहां चीन का अधिकार क्षेत्र है. यहां जाने के लिए चीनी पर्यटक वीजा लेना आवश्यक होता है. कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीन प्रमुख रास्ते हैं. इनमें पहला लिपुलेख दर्रा, दूसरा नाथू ला दर्रा और तीसरा शिगास्ते मार्ग है.

इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी समकक्ष के साथ मानसरोवर यात्रा शुरू करने और दोनों देशों के बीत सभी विमान सेवा बहाल करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की थी.

चीन और भारत के बीच बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक हुई. इस दौरान दोनों देश कई अहम मुद्दों पर सहमति जताई. इसमें प्रमुख रूप से चीनी सीमा विवाद के चलते जारी गतिरोध को दूर करने का प्रयास किया गया. इससे पहले भी दोनों देशों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी है.

बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के उपायों पर सहमति व्यक्त की. सैन्य वार्ता के लिए तंत्र को मजबूत करने के साथ ही अगले साल भारत में एक बैठक की योजना बनाई गई. चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि चीनी विशेष प्रतिनिधि वांग यी और भारतीय विशेष प्रतिनिधि और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने चीन-भारत सीमा मुद्दे पर ठोस चर्चा की और छह सहमतियों पर पहुंचे.

विशेष प्रतिनिधियों ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर भी विचार विमर्श किया. एनएसए डोभाल ने वांग यी को भारत आने का निमंत्रण दिया. 2020 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में टकराव के बाद से एसआर की यह पहली बैठक थी.

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