पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया एयरपोर्ट को लेकर जल्द मिल सकती है बड़ी खुशखबरी. यह बात सुनते हुए 9 साल बीत गए. 2 लोकसभा और 2 विधानसभा चुनाव निकल गए. लेकिन हमलोग भाषण सुनकर, सपने देखकर आज खुश हैं. गर्मी के मौसम में पूर्णिया के लोगों की इस मांग ने एक बार फिर पूर्णिया का सियासी पारा बढ़ा दिया है. चर्चा इस बात की है कि प्रधानमंत्री मोदी एयरपोर्ट को लेकर कोई घोषणा कर सकते है, या फिर एयरपोर्ट नहीं बन पाने का कारण बताएंगे.
पूर्णिया के सैन्य हवाई अड्डा पर उतरेंगे मोदी : दरअसल मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी पूर्णिया के सैन्य अड्डा पर उतरेंगे. इसके बाद रंगभूमि मैदान से चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. लेकिन आपको बता दें कि जिक सैन्य हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का विमान उतरेगा, वो करीब 60 साल पुराना है. जिले के चुनापूर में स्थित हवाई अड्डे का निर्माण भारत- चीन युद्द के समय किया गया था. आज की प्रधानमंत्री की सभा से लोगों को उम्मीद है कि उनकी इस मांग को मोदी की गारंटी मिल सकती है.
कब बनेगा पूर्णिया एयरपोर्ट?, मोदी बताएंगे? : 9 साल पहले यानी साल 2015 में जब प्रधानमंत्री ने पूर्णिया में हवाई अड्डा बनाने का ऐलान किया था, तो यहां के लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं था. प्रधानमंत्री ने कहा था कि अब पूर्णिया देश के मानचित्र पर दिखेगा. आप लोगों को जल्द एयरपोर्ट की सौगात मिलेगी. लेकिन वक्त के साथ पीएम मोदी की सौगात फाइलों में सिमट गई. स्थानीय लोगों ने 'एयरपोर्ट फॉर पूर्णिया' कैपेंन भी चलाया. जमीन अधिग्रहण में 8 साल लग गए, वो भी आधी अधूरी.
मांगी उत्तर दिशा में जमीन, हुआ दक्षिण में अधिग्रहण : इसके बाद पूर्णिया एयरपोर्ट को लेकर स्थानीय लोगों ने कैंपेन भी चलाया. मामला संसद में उठा. इस बीच दिसंबर 2022 में दिल्ली से एक खबर सामने आई कि तत्कालीन सांसद सुशील मोदी ने पूर्णिया एयरपोर्ट को लेकर राज्यसभा में सवाल पूछा. जवाब में नागर विमानन राज्य मंत्री विजय कुमार सिंह ने बताया कि पूर्णिया में एयरपोर्ट ऑथारिटी ने राज्य सरकार से उत्तर दिशा में जमीन मांगी थी. लेकिन सरकार द्वारा 52.18 एकड़ जमीन अधिग्रहण दक्षिण दिशा में किया गया. हालांकि बाद में जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया. लेकिन 15 एकड़ जमीन अधिग्रहण का काम अब तक अधर में है. हालांकि, पूर्णिया एयरपोर्ट का मामला पटना हाईकोर्ट में भी पहुंचा लेकिन कोरोना की वजह से मामला आगे नहीं बढ़ पाया.
6 जून 2033, MoU साइन : पूर्णियावासियों के लिए अच्छी खबर आई. एयरपोर्ट के लिए बिहार सरकार और एयरपोर्ट ऑथारिटी ऑफ इंडिया ने नए सिविल एंक्लेव के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए. अब आप कहेंगे कि एमओयू साइन करने से एयरपोर्ट कैसे बनेगा?. इसका मतलब ये है कि एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार बिना अधिग्रहण के जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को उपलब्ध कराएगी. इसके लिए सड़क मार्ग से फोरलेन तक कनेक्टिविटी और बिजली पानी उपलब्ध कराना था. कहां गया कि इससे लाखों लोगों को एयरपोर्ट से फायदा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर का भी सृजन हो सकेगा.
432 करोड़ की राशि जारी. डिजाइन तैयार : इसके बाद दिसंबर 2023, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने ऐसी खबर दी, जिससे लोगों को नई उम्मीद जगी. कहा गया कि एयरपोर्ट का डिजाइन तैयार हो गया है. बजट के लिए 432 करोड़ का आवंटन हो गया है. उम्मीद थी कि चुनाव से पहले एयरपोर्ट का काम शुरू हो जाएगा. इस बीच, एयरपोर्ट ऑथारिटी ऑफ इंडिया ने रोड और 15 एकड़ जमीन की मांग रख दी, जिसके बाद से मामला अटका हुआ है.
'9 साल में नेताओं ने खूब सब्जबाग दिखाए' : पूर्णिया के स्थानीय लोग बताते हैं कि, 2015 से लेकर 2024 तक 9 साल बीच चुके हैं, अब तक पूर्णिया एयरपोर्ट की शुरुआत नहीं हो पाई है. जबकि शुरुआत होने में यहां सिर्फ टर्मिनल बिल्डिंग और रोड कनेक्टिविटी की जरूरत है. प्रधानमंत्री के कार्यकाल में कई एयरपोर्ट थोड़े समय में बन कर तैयार हो गए. लेकिन यहां नेताओं ने खूब सब्जबाग दिखाए. पूर्णिया एयरपोर्ट साजिश का शिकार है.
''यहां से 200 किलोमीटर के दायरे में बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत 200 करोड़ की आबादी आती है. डबल इंजन की सरकार, मोदी की गारंटी और प्रधानमंत्री का बिहार पैकेज के बावजूद पूर्णिया एयरपोर्ट उपेक्षित है. प्रधानमंत्री आ रहे हैं, पूर्णियावासियों को उम्मीद है कि कोई बड़ा ऐलान होगा.'' - विजय श्रीवास्तव, स्थानीय निवासी
'पूर्णिया को एयरपोर्ट चाहिए, नहीं तो चुनाव..' : वहीं स्थानीय निवासी पंकज नायक ने बताया कि, प्रधानमंत्री जब पिछली बार यहां आए थे तो उन्होंने दरभंगा और पूर्णिया में एयरपोर्ट को लेकर बड़ा ऐलान किया था. करीब 9 साल बीत गए. दरभंगा एयरपोर्ट को लेकर तो संजय झा काफी एक्टिव थे. इसलिए वहां एयरपोर्ट शुरू हो गया. लेकिन पूर्णिया में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी देखने को मिली. हम लोग दो-ढाई से आंदोलन कर रहे हैं. अब इंतजार नहीं होता है.
''हम लोगों को उम्मीद थी कि चुनाव से पहले शिलान्यास हो जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. तकनीकि कारणों से आम आदमी को कोई मतलब नहीं है. लोग एयरपोर्ट चाहते है. अगर यह एयरपोर्ट बन जाता है तो पूर्णिया को विस्तार मिलेगा. लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री कुछ बोलेंगे, नहीं तो चुनाव में इसका विपरित असर देखने को जरूर मिलेगा.'' - पंकज नायक, स्थानीय निवासी
पूर्णिया को एयरपोर्ट क्यों चाहिए? : अब सवाल यह उठता है कि अगर पूर्णिया में एयरपोर्ट बन जाएगा तो क्या होगा?. दरअसल, सड़क मार्ग से पूर्णिया से दिल्ली की दूरी करीब 1355 किलोमीटर है. अभी करीब 22 घंटे में पूर्णिया से दिल्ली पहुंचा जा सकता है. लेकिन एयरपोर्ट बनने के बाद यह दूरी घटकर 1063 किलोमीटर रह जाएगी और हवाई जहाद से दो घंटे में उड़कर पहुंचा जा सकेगा. महानगरों की दूरी कम होगी. स्वास्थ्य, पढ़ाई, कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे.
ये भी पढ़ें : पूर्णिया एयरपोर्ट को लेकर अच्छी खबर.. अब जल्द पूरा होगा हवाई सफर का सपना, दूर हुई ये अड़चन
ये भी पढ़ें : कब बनेगा पूर्णिया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ? RTI से हुए कई चौंकाने वाले खुलासे
ये भी पढ़ें : सोशल मीडिया पर तेज हुई पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग, सालों से अधर में लटका है निर्माण कार्य