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बरसात में इन सब्जियों और अनाज से करें परहेज, जानें मानसून का बेस्ट डाइट प्लान - AYURVEDA HEALTH TIPS IN MONSOON

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 4:30 PM IST

Updated : Jul 19, 2024, 7:21 PM IST

Ayurvedic Diet for Rainy Season What to Eat and What to Avoid: बरसात का मौसम बेहद सुहावना होता है, लेकिन इस मौसम में कई बीमारियों का भी खतरा रहता है. इस मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल बुखार जैसे बीमारियां भी लोगों को जकड़ लेती हैं. ऐसे में इस मौसम में खान-पान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. बरसात के इस मौसम में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. इसे लेकर ईटीवी भारत ने आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर डॉ. ममता जैन से खास बातचीत की है.

कॉन्सेप्ट इमेज
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)

HEALTH TIPS: मानसून के सीजन लोगों को गर्मी से राहत देने वाला होता है. मानसून में जमकर बरसात होती है. ये मौसम सेहत के लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण रहता है. ऐसे में बरसात के इस मौसम में खान-पान को लेकर बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है. खान-पान में छोटी-छोटी गलतियां भी आपके लिए परेशानी का कारण बन सकती है. आयुर्वेदिक चिकित्सा में बरसात के मौसम में भी डाइट प्लान को फॉलो करने की बात कही गई है.

बरसात के मौसम में कैसा होना चाहिए डाइट प्लान (ईटीवी भारत)

इस आर्टिकल में सिरमौर जिला के नाहन विधानसभा क्षेत्र के धौण आयुर्वेदिक हेल्थ सेंटर में तैनात आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर डॉ. ममता जैन से जानेंगे कि बरसात के इस मौसम में लोगों को स्वस्थ रहने के लिए क्या खाना चाहिए और किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. डॉ. जैन ने कहा कि बरसात में स्वस्थ रहने और बीमारियों से बचने के लिए आयुर्वेद में विशेष आहार-विहार का वर्णन किया गया है. इस मौसम में बीमारियां बहुत जल्दी होती है. खासकर बुजुर्ग और बच्चों जिनकी एम्युनिटी बहुत वीक है, वह जल्दी बीमारियों की चपेट में आते हैं. इस मौसम में सर्दी, जुकाम, बुखार और यदि खाने-पीने की थोड़ी भी गड़बड़ी हो जाए, तो पित्त से संबंधित बीमारियां बहुत जल्दी होती है.

ऐसे करें शहद का इस्तेमाल

डा. जैन ने बताया कि सबसे पहले बरसात में उबला हुआ पानी ठंडा करके इस्तेमाल करना चाहिए. यदि शहद का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो वह भी उबले हुए ठंडे पानी में ही प्रयोग करें. शहद को गर्म करना या गर्म पानी में शहद का इस्तेमाल करना हानिकारक साबित हो सकता है. कुएं, तालाब, नदी, बावड़ी के पानी का प्रयोग बिना शुद्ध किए नहीं करना चाहिए. यदि पानी उबला हुआ और साफ न हो, तो उल्टी-दस्त आदि की बीमारी भी हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि उबालकर ही पानी पीना चाहिए.

इन सब्जियों का करें सेवन

डॉ. ममता जैन के मुताबिक इस मौसम में यदि सब्जियों की बात की जाए तो घीया, तोरी, लौकी, भिंडी आदि का सेवन किया जा सकता है, लेकिन हरे पत्तेदार सब्जियों का कम से कम सेवन किया जाना चाहिए, क्योंकि यह पचने में भारी होती हैं. यदि इनका प्रयोग करना भी है, तो इन्हें पानी में उबालकर और इनसे पानी निचोड़कर ही इनका सेवन करें.

ये आनाज हैं लाभदायक

डॉ. जैन ने बताया कि अनाज में गेहूं, जौ, चावल का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन ये कम से कम एक वर्ष पुराना होना चाहिए. इस मौसम में मूंग की दाल का विशेष महत्व रहता है, क्योंकि यह दाल जल्दी पच जाती है, लेकिन इसका घी में जीरा, सौंठ, अजवाइन और हींग आदि का छोंक लगाकर ही सेवन करें, ताकि ये सुपाच्य रहे. इस मौसम में घी आदि की मात्रा होनी चाहिए, लेकिन तली हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. तली हुई चीजों से पित्त से संबंधित बीमारियां जल्दी हो जाती है.

डेंगू सहित कई बीमारियों को बढ़ जाता है खतरा

डॉ. जैन ने बताया कि इस मौसम में डेंगू, बुखार, मलेरिया आदि भी काफी अधिक होते हैं. यदि किसी को बुखार है, तो सबसे पहले उस व्यक्ति को कोई भी दर्द निवारक एलोपैथिक दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. सौंठ, धनिया का काढ़ा या पानी इस्तेमाल करें, तो इससे पाचन तंत्र बढ़ता है और वायरस औरबैकटीरिया जैसे जनित रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है. इसके अलावा गिलोय का पानी, गिलोय की टेबलेट या फिर तुलसी का रस और पीते के पत्ते का रस इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि डेंगू में प्लेटलेटस होने की वजह से शरीर के किन्हीं हिस्सों से ब्लीडिंग के लक्षण दिखाई देते हैं, तो यह चिंताजनक विषय है और इस सूरत में तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. यदि खानपान का ध्यान रखेंगे तो इन बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है.

ये भी पढ़ें: ये लक्षण बजाते हैं हार्ट अटैक से पहले खतरे की घंटी, भूलकर भी ना करें इग्नोर

HEALTH TIPS: मानसून के सीजन लोगों को गर्मी से राहत देने वाला होता है. मानसून में जमकर बरसात होती है. ये मौसम सेहत के लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण रहता है. ऐसे में बरसात के इस मौसम में खान-पान को लेकर बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है. खान-पान में छोटी-छोटी गलतियां भी आपके लिए परेशानी का कारण बन सकती है. आयुर्वेदिक चिकित्सा में बरसात के मौसम में भी डाइट प्लान को फॉलो करने की बात कही गई है.

बरसात के मौसम में कैसा होना चाहिए डाइट प्लान (ईटीवी भारत)

इस आर्टिकल में सिरमौर जिला के नाहन विधानसभा क्षेत्र के धौण आयुर्वेदिक हेल्थ सेंटर में तैनात आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर डॉ. ममता जैन से जानेंगे कि बरसात के इस मौसम में लोगों को स्वस्थ रहने के लिए क्या खाना चाहिए और किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. डॉ. जैन ने कहा कि बरसात में स्वस्थ रहने और बीमारियों से बचने के लिए आयुर्वेद में विशेष आहार-विहार का वर्णन किया गया है. इस मौसम में बीमारियां बहुत जल्दी होती है. खासकर बुजुर्ग और बच्चों जिनकी एम्युनिटी बहुत वीक है, वह जल्दी बीमारियों की चपेट में आते हैं. इस मौसम में सर्दी, जुकाम, बुखार और यदि खाने-पीने की थोड़ी भी गड़बड़ी हो जाए, तो पित्त से संबंधित बीमारियां बहुत जल्दी होती है.

ऐसे करें शहद का इस्तेमाल

डा. जैन ने बताया कि सबसे पहले बरसात में उबला हुआ पानी ठंडा करके इस्तेमाल करना चाहिए. यदि शहद का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो वह भी उबले हुए ठंडे पानी में ही प्रयोग करें. शहद को गर्म करना या गर्म पानी में शहद का इस्तेमाल करना हानिकारक साबित हो सकता है. कुएं, तालाब, नदी, बावड़ी के पानी का प्रयोग बिना शुद्ध किए नहीं करना चाहिए. यदि पानी उबला हुआ और साफ न हो, तो उल्टी-दस्त आदि की बीमारी भी हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि उबालकर ही पानी पीना चाहिए.

इन सब्जियों का करें सेवन

डॉ. ममता जैन के मुताबिक इस मौसम में यदि सब्जियों की बात की जाए तो घीया, तोरी, लौकी, भिंडी आदि का सेवन किया जा सकता है, लेकिन हरे पत्तेदार सब्जियों का कम से कम सेवन किया जाना चाहिए, क्योंकि यह पचने में भारी होती हैं. यदि इनका प्रयोग करना भी है, तो इन्हें पानी में उबालकर और इनसे पानी निचोड़कर ही इनका सेवन करें.

ये आनाज हैं लाभदायक

डॉ. जैन ने बताया कि अनाज में गेहूं, जौ, चावल का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन ये कम से कम एक वर्ष पुराना होना चाहिए. इस मौसम में मूंग की दाल का विशेष महत्व रहता है, क्योंकि यह दाल जल्दी पच जाती है, लेकिन इसका घी में जीरा, सौंठ, अजवाइन और हींग आदि का छोंक लगाकर ही सेवन करें, ताकि ये सुपाच्य रहे. इस मौसम में घी आदि की मात्रा होनी चाहिए, लेकिन तली हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. तली हुई चीजों से पित्त से संबंधित बीमारियां जल्दी हो जाती है.

डेंगू सहित कई बीमारियों को बढ़ जाता है खतरा

डॉ. जैन ने बताया कि इस मौसम में डेंगू, बुखार, मलेरिया आदि भी काफी अधिक होते हैं. यदि किसी को बुखार है, तो सबसे पहले उस व्यक्ति को कोई भी दर्द निवारक एलोपैथिक दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. सौंठ, धनिया का काढ़ा या पानी इस्तेमाल करें, तो इससे पाचन तंत्र बढ़ता है और वायरस औरबैकटीरिया जैसे जनित रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है. इसके अलावा गिलोय का पानी, गिलोय की टेबलेट या फिर तुलसी का रस और पीते के पत्ते का रस इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि डेंगू में प्लेटलेटस होने की वजह से शरीर के किन्हीं हिस्सों से ब्लीडिंग के लक्षण दिखाई देते हैं, तो यह चिंताजनक विषय है और इस सूरत में तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. यदि खानपान का ध्यान रखेंगे तो इन बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है.

ये भी पढ़ें: ये लक्षण बजाते हैं हार्ट अटैक से पहले खतरे की घंटी, भूलकर भी ना करें इग्नोर

Last Updated : Jul 19, 2024, 7:21 PM IST
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