ETV Bharat / state

क्या है गठिया का रोग? कैसे करें पहचान ? बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी हैं इससे पीड़ित - Arthritis Disease - ARTHRITIS DISEASE

What is Arthritis: गठिया का रोग एक गंभीर बीमारी है, जो कि जोड़ों से जुड़ी हुई है. भारत में गठिया के रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या लाखों तक पहुंच गई है. बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग सभी इस बीमारी की चपेट में हैं. गठिया रोग होने पर कैसे करें पहचान? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

What is Arthritis
गठिया का रोग (ETV Bharat GFX)
author img

By ETV Bharat Health Team

Published : Sep 15, 2024, 2:27 PM IST

Updated : Sep 16, 2024, 11:14 AM IST

शिमला: दुनिया का हर तीसरा व्यक्ति गठिया (आर्थराइटिस) के रोग से पीड़ित है. भारत में गठिया के मरीजों की संख्या लाखों तक पहुंच चुकी है. आमतौर पर गठिया को पहले बुढापे की बीमारी कहा जाता था, लेकिन आज के दौर में ये बीमारी बच्चों में भी देखने के मिल रही है. छोटे-छोटे बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं. बच्चों में होने वाले गठिया को जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस कहा जाता है. आज के समय में बच्चे, बुजुर्ग, युवा, महिलाएं और पुरुष सभी गठिया की बीमारी की चपेट में हैं.

डॉ. विकास शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, IGMC शिमला (ETV Bharat)

क्या है गठिया का रोग ?

आईजीएमसी शिमला के मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विकास शर्मा ने बताया, "गठिया एक सूजन संबंधित डिसऑर्डर है. जो शरीर में हड्डियों के जोड़ों के आसपास वाले टिश्यूज को प्रभावित करता है. गठिया से पीड़ित लोगों को जोड़ों में दर्द, कड़कपन और चलने में परेशानी होती है." डॉ. विकास ने बताया कि गठिया होने पर स्पेशलिस्ट से इलाज करवाया जा सकता है. यह डायबिटीज, थायराइड, हाइपरटेंशन की तरह ही होता है. इस बीमारी को दवाई से कंट्रोल किया जा सकता है और इसका इलाज भी संभव है. गठिया होने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवाई लेनी चाहिए.

गठिया के लक्षण

  • गठिया की शुरुआत में हाथों में दर्द महसूस होता है.
  • धीरे-धीरे जोड़ों में अकड़न और सूजन जैसे लक्षण दिखने लगते हैं.
  • हाथों को काम करने में भी दिक्कत होने लगती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि हड्डियों और जोड़ों को खराब होने से बचाने के लिए जरूरी है कि शुरुआत में ही इसका इलाज हो जाए.

गठिया रोग के मुख्य प्रकार

डॉ. विकास शर्मा ने बताया कि वैसे तो गठिया रोग के लगभग 100 से भी ज्यादा प्रकार हैं. जिसके कारण लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन कुछ मुख्य प्रकार इस तरह से हैं...

  1. ऑस्टियोआर्थराइटिस (अस्थिसंधिशोथ): ये गठिया रोग के सबसे आम रूप में गिना जाता है. इस अवस्था में व्यक्ति के जोड़ों में दर्द और सूजन के साथ-साथ हिलने ढुलने की गति पर भी असर पड़ता है. ऑस्टियोआर्थराइटिस जोड़ों के कार्टिलेज पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और इससे धीरे-धीरे कार्टिलेज टूटना शुरू हो जाते हैं.
  2. रूमेटॉइड आर्थराइटिस (रूमेटिक संधिशोथ): इस प्रकार के आर्थराइटिस से हमारे जोड़ों की परत को हानि होती है. रूमेटॉइड आर्थराइटिस में शरीर का इम्युनिटी सिस्टम अपने ही शरीर के ऊतकों पर हमला कर देता है, जोड़ों की परतों को क्षति पहुंचने की वजह से जोड़ों में दर्द और सूजन जैसी समस्याएं हो जाती हैं.
  3. गाउट आर्थराइटिस: गाउट का दूसरा नाम वातरक्त भी है जो पैरों पर प्रभाव डालता है. इस तरह की परिस्थिति में जोड़ों में दर्द और सूजन होती है. खासतौर से बड़े पैर के अंगूठे में, पैर में अचानक दर्द होना गाउट का एक लक्षण है.
  4. सेप्टिक आर्थराइटिस: इसे इन्फेक्शियस आर्थराइटिस भी कहा जाता है. जो कि जोड़ों के ऊतकों और तरल पदार्थ का संक्रमण है. सेप्टिक आर्थराइटिस बच्चों में भी पाया जाता है और इसके होने का मुख्य कारण इम्युनिटी सिस्टम का कमजोर होना है.
  5. एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस: इस तरह का गठिया रोग वैसे तो किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है, लेकिन ज्यादातर यह रीढ़ की हड्डी में होता है. ऐसी अवस्था में व्यक्ति को आराम करते समय या रात को सोते समय भी कमर दर्द की समस्या हो जाती है.
  6. जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस: यह एक ऐसे प्रकार का गठिया रोग है जो बच्चों में पाया जाता है. ऐसी अवस्था में हाथ, घुटनों, टखनों, कोहनियों, और कलाई में दर्द या सूजन की शिकायत देखने को मिलती है. हालांकि ये शरीर के अन्य अंगों पर भी अपना प्रभाव डाल सकता है.
  7. रिएक्टिव आर्थराइटिस: इस तरह के गठिया रोग में व्यक्ति के जोड़, आंखें, त्वचा और मूत्रमार्ग प्रभावित होते हैं. आमतौर पर रिएक्टिव आर्थराइटिस का प्रभाव 20 से 40 वर्ष के लोगों के बीच में दिखाई देता है और ज्यादातर पुरुषों में इसकी समस्या देखने को मिलती है.

ये भी पढ़ें: घुटनों के दर्द से छुटकारा दिला सकती हैं ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी बूटी और फल, रिसर्च के अनुसार जानें कैसे?

ये भी पढ़ें: गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है रूमेटाइड अर्थराइटिस, जागरूकता जरूरी

ये भी पढ़ें: गठिया से पीड़ित महिलाओं के रक्तचाप में सुधार कर सकती है सिर्फ 30 मिनट की सैर : शोध

ये भी पढ़ें: सावधान : उच्च BMI पांच प्रकार के गठिया रोगों का कारण बन सकता है

शिमला: दुनिया का हर तीसरा व्यक्ति गठिया (आर्थराइटिस) के रोग से पीड़ित है. भारत में गठिया के मरीजों की संख्या लाखों तक पहुंच चुकी है. आमतौर पर गठिया को पहले बुढापे की बीमारी कहा जाता था, लेकिन आज के दौर में ये बीमारी बच्चों में भी देखने के मिल रही है. छोटे-छोटे बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं. बच्चों में होने वाले गठिया को जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस कहा जाता है. आज के समय में बच्चे, बुजुर्ग, युवा, महिलाएं और पुरुष सभी गठिया की बीमारी की चपेट में हैं.

डॉ. विकास शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, IGMC शिमला (ETV Bharat)

क्या है गठिया का रोग ?

आईजीएमसी शिमला के मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विकास शर्मा ने बताया, "गठिया एक सूजन संबंधित डिसऑर्डर है. जो शरीर में हड्डियों के जोड़ों के आसपास वाले टिश्यूज को प्रभावित करता है. गठिया से पीड़ित लोगों को जोड़ों में दर्द, कड़कपन और चलने में परेशानी होती है." डॉ. विकास ने बताया कि गठिया होने पर स्पेशलिस्ट से इलाज करवाया जा सकता है. यह डायबिटीज, थायराइड, हाइपरटेंशन की तरह ही होता है. इस बीमारी को दवाई से कंट्रोल किया जा सकता है और इसका इलाज भी संभव है. गठिया होने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवाई लेनी चाहिए.

गठिया के लक्षण

  • गठिया की शुरुआत में हाथों में दर्द महसूस होता है.
  • धीरे-धीरे जोड़ों में अकड़न और सूजन जैसे लक्षण दिखने लगते हैं.
  • हाथों को काम करने में भी दिक्कत होने लगती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि हड्डियों और जोड़ों को खराब होने से बचाने के लिए जरूरी है कि शुरुआत में ही इसका इलाज हो जाए.

गठिया रोग के मुख्य प्रकार

डॉ. विकास शर्मा ने बताया कि वैसे तो गठिया रोग के लगभग 100 से भी ज्यादा प्रकार हैं. जिसके कारण लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन कुछ मुख्य प्रकार इस तरह से हैं...

  1. ऑस्टियोआर्थराइटिस (अस्थिसंधिशोथ): ये गठिया रोग के सबसे आम रूप में गिना जाता है. इस अवस्था में व्यक्ति के जोड़ों में दर्द और सूजन के साथ-साथ हिलने ढुलने की गति पर भी असर पड़ता है. ऑस्टियोआर्थराइटिस जोड़ों के कार्टिलेज पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और इससे धीरे-धीरे कार्टिलेज टूटना शुरू हो जाते हैं.
  2. रूमेटॉइड आर्थराइटिस (रूमेटिक संधिशोथ): इस प्रकार के आर्थराइटिस से हमारे जोड़ों की परत को हानि होती है. रूमेटॉइड आर्थराइटिस में शरीर का इम्युनिटी सिस्टम अपने ही शरीर के ऊतकों पर हमला कर देता है, जोड़ों की परतों को क्षति पहुंचने की वजह से जोड़ों में दर्द और सूजन जैसी समस्याएं हो जाती हैं.
  3. गाउट आर्थराइटिस: गाउट का दूसरा नाम वातरक्त भी है जो पैरों पर प्रभाव डालता है. इस तरह की परिस्थिति में जोड़ों में दर्द और सूजन होती है. खासतौर से बड़े पैर के अंगूठे में, पैर में अचानक दर्द होना गाउट का एक लक्षण है.
  4. सेप्टिक आर्थराइटिस: इसे इन्फेक्शियस आर्थराइटिस भी कहा जाता है. जो कि जोड़ों के ऊतकों और तरल पदार्थ का संक्रमण है. सेप्टिक आर्थराइटिस बच्चों में भी पाया जाता है और इसके होने का मुख्य कारण इम्युनिटी सिस्टम का कमजोर होना है.
  5. एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस: इस तरह का गठिया रोग वैसे तो किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है, लेकिन ज्यादातर यह रीढ़ की हड्डी में होता है. ऐसी अवस्था में व्यक्ति को आराम करते समय या रात को सोते समय भी कमर दर्द की समस्या हो जाती है.
  6. जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस: यह एक ऐसे प्रकार का गठिया रोग है जो बच्चों में पाया जाता है. ऐसी अवस्था में हाथ, घुटनों, टखनों, कोहनियों, और कलाई में दर्द या सूजन की शिकायत देखने को मिलती है. हालांकि ये शरीर के अन्य अंगों पर भी अपना प्रभाव डाल सकता है.
  7. रिएक्टिव आर्थराइटिस: इस तरह के गठिया रोग में व्यक्ति के जोड़, आंखें, त्वचा और मूत्रमार्ग प्रभावित होते हैं. आमतौर पर रिएक्टिव आर्थराइटिस का प्रभाव 20 से 40 वर्ष के लोगों के बीच में दिखाई देता है और ज्यादातर पुरुषों में इसकी समस्या देखने को मिलती है.

ये भी पढ़ें: घुटनों के दर्द से छुटकारा दिला सकती हैं ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी बूटी और फल, रिसर्च के अनुसार जानें कैसे?

ये भी पढ़ें: गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है रूमेटाइड अर्थराइटिस, जागरूकता जरूरी

ये भी पढ़ें: गठिया से पीड़ित महिलाओं के रक्तचाप में सुधार कर सकती है सिर्फ 30 मिनट की सैर : शोध

ये भी पढ़ें: सावधान : उच्च BMI पांच प्रकार के गठिया रोगों का कारण बन सकता है

Last Updated : Sep 16, 2024, 11:14 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.