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करंट लगने पर क्या करना चाहिए, ये काम करना ना भूलें - What do in case of electric shock

What Do In Case Of Electric Shock अंबिकापुर शहर में जगह जगह झूलते करंट के तारों ने चिंता बढ़ा दी है. सड़क पर झूलती नंगी तारें अक्सर किसी बड़े हादसे को न्योता देती है. Electric Shock Treatment

Electric Shock
इलेक्ट्रिक शॉक
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 13, 2024, 10:03 AM IST

Updated : Mar 13, 2024, 2:06 PM IST

बिजली खंभों पर फाइबर ऑप्टिकल वायर

सरगुजा: राजस्थान के कोटा में महाशिवरात्रि के दिन शिव बारात में करंट लगने से कई बच्चे झुलस गए. शिव बारात में कई बच्चे झंडा लेकर चल रहे थे जो हाइटेंशन लाइन से टच हो गया और कई बच्चे करंट की चपेट में आ गए. ये सिर्फ कोटा की ही बात नहीं है, अंबिकापुर में भी कई ऐसे जगह है जहां केबलिंग के कारण जगह जगह तार झूल रहे हैं. जो हादसों की बड़ी वजह बन सकती है.

बिजली खंभों पर फाइबर ऑप्टिकल वायर: ETV भारत की टीम इसी का पता करने अंबिकापुर के दौरे पर निकली. शहर के गांधी स्टेडियम के सामने मेन रोड पर पहुंचे तो देखा कि बिजली विभाग के खंभों और ट्रांसफार्मर पर प्राइवेट इंटरनेट वालों ने कब्जा कर रखा है. पूरा ट्रांसफार्मर फाइबर ऑप्टिकल वायर से घिरा हुआ है. फाइबर ऑप्टिकल वायर, बिजली के तारों के बीच से शहरभर में फैले हुए हैं. इस चौक के पास ही एक प्राइवेट इंस्टीट्यूट है. जहां कई स्टूडेंट्स ट्यूशन पढ़ने आते हैं. इस इंस्टीट्यूट के पास ही एक चौपाटी है. जहां छात्र छात्राएं चाय पानी और नाश्ता करते हैं. ऐसे में ये फाइबर ऑप्टिकल शॉर्ट सर्किट का कारण बन सकते हैं. इससे बड़ा हादसा हो सकता है.

करंट लगने पर क्या करें: शहर के डॉक्टर आयुष जायसवाल ने बताया- "करंट लगने पर तुरंत ही अस्पताल जाये. डॉक्टर की सलाह लें, अगर आसपास में डॉक्टर या अस्पताल नहीं है तो एम्बुलेंस को फोन करें, करंट लगने से बहुत सारी कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं. शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है. ऐसे में ड्रिप चढ़ाना और तुरंत इलाज करना जरूरी होता है. "

करंट लगने पर क्या ना करें- डॉक्टर आयुष जायसवाल बताते हैं कि ग्रामीण इलाकों में अक्सर करंट लगने के बाद टोने टोटको का सहारा लिया जाता है. करंट लगने के बाद बेहोश हुए व्यक्ति को कभी गोबर या फिर कीचड़ में दबाकर रख दिया जाता है. डॉक्टर जायसवाल का कहना है कि कीचड़ में रखकर इलाज करने की गलती ना करें, लोग सोचते हैं कि कीचड़ या गोबर में रखने से ठंडक मिलेगी और व्यक्ति ठीक हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं करना है. करंट लगने पर सीधे अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये, देर होने पर व्यक्ति की मौत हो सकती है.

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बिजली खंभों पर फाइबर ऑप्टिकल वायर: ETV भारत की टीम इसी का पता करने अंबिकापुर के दौरे पर निकली. शहर के गांधी स्टेडियम के सामने मेन रोड पर पहुंचे तो देखा कि बिजली विभाग के खंभों और ट्रांसफार्मर पर प्राइवेट इंटरनेट वालों ने कब्जा कर रखा है. पूरा ट्रांसफार्मर फाइबर ऑप्टिकल वायर से घिरा हुआ है. फाइबर ऑप्टिकल वायर, बिजली के तारों के बीच से शहरभर में फैले हुए हैं. इस चौक के पास ही एक प्राइवेट इंस्टीट्यूट है. जहां कई स्टूडेंट्स ट्यूशन पढ़ने आते हैं. इस इंस्टीट्यूट के पास ही एक चौपाटी है. जहां छात्र छात्राएं चाय पानी और नाश्ता करते हैं. ऐसे में ये फाइबर ऑप्टिकल शॉर्ट सर्किट का कारण बन सकते हैं. इससे बड़ा हादसा हो सकता है.

करंट लगने पर क्या करें: शहर के डॉक्टर आयुष जायसवाल ने बताया- "करंट लगने पर तुरंत ही अस्पताल जाये. डॉक्टर की सलाह लें, अगर आसपास में डॉक्टर या अस्पताल नहीं है तो एम्बुलेंस को फोन करें, करंट लगने से बहुत सारी कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं. शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है. ऐसे में ड्रिप चढ़ाना और तुरंत इलाज करना जरूरी होता है. "

करंट लगने पर क्या ना करें- डॉक्टर आयुष जायसवाल बताते हैं कि ग्रामीण इलाकों में अक्सर करंट लगने के बाद टोने टोटको का सहारा लिया जाता है. करंट लगने के बाद बेहोश हुए व्यक्ति को कभी गोबर या फिर कीचड़ में दबाकर रख दिया जाता है. डॉक्टर जायसवाल का कहना है कि कीचड़ में रखकर इलाज करने की गलती ना करें, लोग सोचते हैं कि कीचड़ या गोबर में रखने से ठंडक मिलेगी और व्यक्ति ठीक हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं करना है. करंट लगने पर सीधे अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये, देर होने पर व्यक्ति की मौत हो सकती है.

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Last Updated : Mar 13, 2024, 2:06 PM IST
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