शिमला: राजधानी में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं. दूर से लोग इन मंदिरों के दर्शन करने आते हैं. इसमें जाखू, कालीबाड़ी, तारादेवी, भीमाकाली, संकटमोचन जैसे मंदिर हैं. इनके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी हैं. अब शिमला के सभी मंदिरों की जानकारी अब वेबसाइट के जरिए मिलेगी. उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां शिमला जिला के मंदिरों की वेबसाइट निर्माण के सम्बन्ध में बैठक का आयोजन किया गया.
उपायुक्त ने कहा कि, 'समकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शिमला जिला के मंदिरों की एक श्रेष्ठ वेबसाइट का निर्माण किया जाएगा. वेबसाइट के माध्यम से श्रद्धालुओं को मंदिर से संबंधित हर प्रकार की जानकारी हासिल करने में सुविधा मिलेगी. ऑनलाइन माध्यम से ही श्रद्धालुओं को वास्तविक दर्शन करने की सुविधा, भंडारा स्लॉट बुकिंग, चंदा, लाइव आरती दर्शन, सराय बुकिंग आदि जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी. प्रथम चरण में शिमला के तीन मंदिरों माता तारा देवी मंदिर, संकटमोचन मंदिर एवं जाखू मंदिर को वेबसाइट में शामिल किया जाएगा. इसके पश्चात जिला के अन्य मंदिरों को भी वेबसाइट में शामिल किया जाएगा.'
उपायुक्त ने कहा कि, 'वेबसाइट निर्माण से मंदिरों में जहां पारदर्शिता बनेगी वहीं, श्रद्धालुओं को हर प्रकार की जानकारी हासिल करने की भी सुविधा मिलेगी. वेबसाइट के माध्यम से लोगों को मंदिर का इतिहास, संस्कृति, मैप, फोटोग्राफ्स एवं आरती की समय सारणी आदि की जानकारी भी मिलेगी.' हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों को वेबसाइट निर्माण के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. उपायुक्त शिमला ने अधिकारियों को इन मंदिरों का दौरा कर सारी जानकारी हासिल कर जल्द से जल्द मसौदा तैयार करने को कहा है.
शिमला के इन मंदिरों में जुटती है लोगों की भीड़
जाखू मंदिर
शिमला में हनुमान जी का बहुत प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे जाखू मंदिर के नाम से जाना जाता है. माना जाता है कि जब हनुमानजी लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी लेने गए थे, तब उन्होंने यहां पर ही रुककर विश्राम किया था. तभी से लेकर आज तक यह मंदिर प्रसिद्ध है. यहां पर हनुमानजी की 108 फुट ऊंची प्रतिमा है.
संकट मोचन मंदिर
ये मंदिर 1962 में बना था. यहां पर राम-सीता, लक्ष्मण और भगवान शिव की मूर्तियां भी हैं. मंगलवार के दिन यहां पर विशेष पूजा का आयोजन होता है.
सूर्य मंदिर नीरथ
ये उत्तर भारत का एकमात्र सूर्य मंदिर रामपुर के नीरथ गांव में स्थित है. ये मंदिर लकड़ी से बना है. ये मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है. मंदिर के गर्भगृह में 3 फुट ऊंची और 4 फुट चौड़ी पाषाण सूर्य मूर्ति है. इस मूर्ति में भगवान सूर्य को सात घोड़ों पर सवार दिखाया गया है.