जयपुर : राजधानी में तेज बारिश का दौर जारी है. इस बारिश में शहर का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हुआ. इस बारिश ने निगम, जेडीए के काम की गुणवत्ता की बखिया उधेड़ कर रख दी. कहीं डामर रोड पूरी तरह उधड़ गई, तो कहीं सड़क ही धंस गई. ऐसे में निगम और जेडीए की ओर से हर साल नई सड़कों के निर्माण में खर्च किए जा रहे 300-400 करोड़ रुपए पर भी सवाल उठे.
राजधानी में बीते 24 घंटे में 118.5 एमएम बारिश दर्ज की गई, जिसे इस सीजन की दूसरी सबसे तेज बरसात बताया जा रहा है. इस बारिश से मानसरोवर, जवाहर सर्किल, सीकर रोड, झोटवाड़ा, न्यू सांगानेर रोड, दुर्गापुरा, कालवाड़ रोड, खातीपुरा, हसनपुरा, जलमहल रोड, ब्रह्मपुरी और परकोटा सहित 30 से ज्यादा मुख्य मार्गों की सड़कें कहीं उधड़ गईं, कहीं धंस गईं. इन घावों पर मरहम लगाने के लिए निगम के अधिकारी फील्ड में उतरे. साथ ही बाढ़ नियंत्रण कक्ष में आ रही शिकायतों का फीडबैक लिया. हेरिटेज निगम क्षेत्र में जामडोली क्षेत्र नारी का नाका बस्ती और जल भराव क्षेत्र का जायजा लिया और परकोटे में भी स्थिति संभाली. वहीं, ब्रह्मपुरी रोड स्थित गोकर्णेशवर महादेव मंदिर भी जलमग्न हो गया. मंदिर में तीन फीट पानी भर गया. ऐसे में वहां रहने वाले पुजारी परिवार को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
माधो सिंह सर्किल पर सड़क पर बड़ा गड्ढा हो गया, जहां निगम आयुक्त अभिषेक सुराणा ने मौके पर पहुंच कर कमान संभाली और यातायात को डायवर्ट करवाते हुए बेरिकेडिंग लगवाए. साथ ही गड्ढे को भरवाने का काम शुरू करवाया. वहीं, जवाहर नगर कच्ची बस्ती में जल भराव की शिकायत पर अधिकारी मडपंप के साथ मौके पर पहुंचे और यहां से पानी को निकलवाया. निगम आयुक्त ने बनी पार्क के पास सड़क धंसने की सूचना पर कार्मिकों को आपदा प्रबंधन के कार्य में लगाया.
ग्रेटर नगर निगम में आयुक्त रुकमणी रियाड़ ने सभी जोन उपायुक्त, अधिकारियों, कर्मचारियों को फील्ड में रहने के निर्देश दिए. साथ ही जल भराव वाले क्षेत्रों पर फोकस करने के भी निर्देश दिए. इसके अलावा सभी फायर स्टेशन के अधिकारियों कर्मचारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए. रियाड़ ने खुद भी दौरा कर जल भराव वाले क्षेत्र की मॉनिटरिंग की. वहीं, मेयर सौम्या गुर्जर ने आमजन से भी अपील की कि जल भराव वाले क्षेत्रों में न जाएं. बारिश में बिजली के पोल, बिजली के तारों से भी दूरी बनाए रखें. उन्होंने कहा कि ग्रेटर नगर निगम आमजन की हर संभव मदद के लिए तत्पर है.
वहीं, अतिवृष्टि को देखते हुए आवासन आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने भी दौरा किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने प्रताप नगर, मानसरोवर सहित अन्य इलाकों का दौरा कर मंडल के सभी इंजीनियर को फील्ड में मुस्तैद रहने के निर्देश दिए. निरीक्षण कर अतिवृष्टि के कारण पानी का बहाव न हो और किसी भी प्रकार की जनहानि न हो ये सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. वहीं निर्देश दिए कि आगामी आदेशों तक कोई भी कार्मिक सक्षम स्वीकृति के बिना अपना मुख्यालय नहीं छोड़ेगा.