टोंक: जिले के लिए वरदान साबित हुआ बीसलपुर बांध की दाईं और बाईं नहरों में पानी छोड़ दिया गया. बुधवार को बांध का रेगुलेटर खोलकर नहरों में पानी छोड़ा गया. इससे टोंक जिले के 81 हजार 800 हेक्टयर में लगभग 256 गांवों में किसानों को खेतों में सिंचाई का पानी मिल सकेगा. बांध से पानी की निकासी अगले 105 दिनों तक जारी रहेगी. इस दौरान 8 टीएमसी पानी की निकासी होगी.
बीसलपुर बांध परियोजना के सहायक अभियंता ब्रह्मानंद बैरवा ने बताया कि इस संबंध में किसानों की मंगलवार को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें बुधवार को नहरों में पानी छोड़ने का निर्णय किया गया था. बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि पानी चोरी पर नजर रखी जाएगी. टेल तक पानी पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा. नहरों पर इंजन लगाकर पानी चोरी करने वालों के साथ टोंक पुलिस सख्ती से पेश आएगी.
21 साल में 15 वीं बार छोड़ा नहरों में पानी: उन्होंने बताया कि बुधवार को पूजा अर्चना के साथ बीसलपुर बांध से 15 वीं बार दाईं और बाईं नहरों में 8 टीएमसी पानी सिंचाई के लिए छोड़ा गया. बांध के निर्माण काल के बाद सबसे पहले 2004 में बांध के पूर्ण भराव होने पर नहरों में पानी छोड़ा गया था. इसके बाद 2005, 2006 और 2007 में लगातार पानी छोड़ा गया. इसके बाद कुछ अंतराल रहा और बाद में 2011 से 2017 तक लगातार 6 साल पानी छोड़ा गया. उसके बाद 2019, 2022 और 2023 में पानी छोड़ा गया. अब 2024 में एक बार फिर से अगले 105 दिनों तक 8 टीएमसी पानी की निकासी होगी .
कलेक्ट्रेट में हुई बैठक: इससे पहले मंगलवार को जिला कलेक्टर डॉ. सौम्या झा की अध्यक्षता में कलेक्टेट सभागार में बीसलपुर बांध से पानी छोड़े जाने को लेकर एक बैठक हुई. इसमें बीसलपुर बांध परियोजना के अधीक्षण अभियंता वी.एस. सागर, अधिशाषी अभियंता मनीष बंसल, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक और पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे थे. बैठक में जिला कलेक्टर ने बीसलपुर बांध परियोजना के अधीक्षण अभियंता वी.एस. सागर को निर्देश दिए कि नहरों का पानी अंतिम छोर तक पहुंचाया जाए. नहरों में इंजन लगाकर पानी चोरी करने वाले काश्तकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.