पटना : जननायक कर्पूरी ठाकुर जन्म जयंती के मौके पर याद किया जा रहे हैं. राजनीतिक दल जन्म शताब्दी को बड़े ही ताम झाम के साथ मना रहे हैं. 24 जनवरी को बिहार के तमाम राजनीतिक दल जयंती समारोह मनाने की तैयारी कर रहे हैं और इस मौके पर शक्ति प्रदर्शन की भी तैयारी है. जननायक की जन्म जयंती को भाजपा राजद जदयू और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह को राज्य स्तर पर मनाने की तैयारी में है.
शक्ति प्रदर्शन की तैयारी : जनता दल यूनाइटेड ने बड़े फलक पर मनाने का फैसला लिया है और वेटरनरी ग्राउंड में शक्ति प्रदर्शन की तैयारी है. भाजपा भी पीछे नहीं है और मिलर स्कूल ग्राउंड में अति पिछड़ा समुदाय से आने वाले लोगों को जुटाने की तैयारी कर चुकी है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी व्यापक तैयारी है. 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं और पिछड़ा अति पिछड़ा वोट राजनीतिक दलों के लिए सत्ता की सीढ़ी की तरह है. तमाम राजनीतिक दल दिया साबित करने की कोशिश में जुटे हैं कि कर्पूरी ठाकुर के रास्ते पर वही चल रहे हैं.
राष्ट्रीय लोक जनता पार्टी प्रवक्ता राम पुकार सिन्हा ने कहा है कि "उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली पार्टी कर्पूरी ठाकुर के सपनों को सच करने के लिए काम कर रही है. जबकि राष्ट्रीय जनता दल नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर को धोखा देने का काम किया है और वह उनके बताएं रास्तों पर भी नहीं चल रहे हैं."
राष्ट्रीय जनता दल प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि "कर्पूरी ठाकुर ने लालू प्रसाद यादव के गोद में अंतिम सांस ली थी और हमारे नेता लालू प्रसाद यादव ही कर्पूरी ठाकुर की लड़ाई लड़ रहे हैं जातिगत जनगणना लालू प्रसाद यादव के प्रयासों से हुई जबकि भाजपा और जैन संघ के लोगों ने कई मौकों पर कर्पूरी ठाकुर को धोखा देने का काम किया."
भाजपा नेता और विधान पार्षद प्रमोद चंद्रवंशी ने कहा है कि "हम लोग कर्पूरी ठाकुर की जयंती लंबे समय से मनाते आ रहे हैं पहले के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह हिस्सा ले चुके हैं इस बार भी हजारों की संख्या में अधिक पिछड़ा समुदाय के लोग जयंती समारोह में हिस्सा ले रहे हैं."
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि "लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर को ठगने का काम किया है उनके सिद्धांतों को तिलांजलि दे दी है कर्पूरी ठाकुर के सपनों को भाजपा सच कर रही है".
पिछड़ा वोट को साधने की कोशिश : राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार का मानना है कि "कर्पूरी ठाकुर की शताब्दी जयंती इस बार खास है. क्योंकि 100 साल पूरे हुए हैं राजनीतिक दलों के लिए एक खास महत्व इसलिए रखता है कि इस बार लोकसभा चुनाव है और जातिगत जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद राजनीतिक दल पिछड़ा अति पिछड़ा वोट साधना चाहते हैं वोट बैंक की सियासत ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को राजनीतिक दलों के नजदीक लाकर खड़ा कर दिया है."
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