जयपुर : बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के नरसंहार को लेकर भारत में भी चिंता हो रही है. अलग-अलग हिन्दू संगठन बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहे हैं. इसी कड़ी में विश्व हिंदू परिषद ने आज देशभर में मीडिया के जरिए चिंता जताई. जयपुर में विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि पड़ोसी बांग्लादेश हिंसा और अराजकता से ग्रसित है. निर्वाचित प्रधानमंत्री के त्यागपत्र देने और देश छोड़ने के बाद अराजक तत्व हावी हो गए हैं और कानून व्यवस्था निष्प्रभावी हो चुकी है. इस अराजक स्थिति में वहां के आतंकवादी जिहादी तत्वों ने हिंदू समाज का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न शुरू कर दिया है. ऐसे में भारत सरकार को चाहिए कि बांग्लादेश में रह रहे एक करोड़ हिन्दू परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. इसके साथ विश्व हिन्दू परिषद ने चेताया है कि बांग्लादेश जैसे हालात देशमें नहीं हो इसको लेकर सरकार को ठोस काम करने की जरूरत है.
कट्टरपंथियों के निशाने पर हिन्दू : विश्व हिंदू परिषद राजस्थान के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने कहा कि बांग्लादेश में पिछले कई दिनों से हिन्दू अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और घरों को नुकसान पहुंचाया गया है. पूरे बांग्लादेश में हर जिले में यह वीभत्स कृत्य होने की सूचना है. कट्टरपंथियों ने शमशान तक को नहीं छोड़ा. मंदिरों को भारी क्षति पहुंचाई गई है. बांग्लादेश में शायद ही कोई जिला बचा हो जो इनकी हिंसा और आतंक का निशाना ना बना हो. उन्होंने कहा कि समय-समय पर निरंतर अंतराल पर होने वाले ऐसे दंगों का ही परिणाम है कि बांग्लादेश में हिन्दू, जो विभाजन के समय 32% थे, अब 8% से भी कम बचे हैं और वे भी लगातार जिहादी उत्पीड़न के शिकार हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं के घर, मकान, दुकान, ऑफिस, व्यवसायिक प्रतिष्ठान और महिलाएं, बच्चे , उनकी आस्था और विश्वास के केंद्र मंदिर तक सुरक्षित नहीं हैं. वहां पीड़ित अल्पसंख्यक हिन्दुओं की हालत बद् से भी बद्तर होते जा रहे हैं. यह स्थिति अत्यंत चिंतनीय है.
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सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाए केंद्र : सुरेश उपाध्याय ने कहा कि बांग्लादेश में रंगपुर डिविजन, चटगांव, राजशाही, सिलहट मैमनसिंह ढाका सहित कई अन्य इलाकों में हिंदुओं के घर, मकान, मंदिर जलाए गए हैं. घटना के 24 घंटे के अंदर ही सैंकड़ों घर जला दिए गए. विभाजन के समय बांग्लादेश में 32 प्रतिशत हिंदू थे. आज वहां आठ प्रतिशत रह गए हैं. पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू आबादी सूखे की तरह सूख रही है. केंद्र सरकार से मांग है कि वो बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाए. भारत सरकार को चाहिए कि उन पीड़ित एक करोड़ से ज्यादा हिन्दू परिवारों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा करे.