अलवर : अब महंगी लग्जरी वाहन खरीदने का जमाना लद चुका है. युवाओं में अब स्टेटस सिंबल का क्रेज बढ़ने लगा है. इसके लिए युवा वाहनों पर वीआईपी नंबर लगाने के लिए लाखों रुपए चुकाने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं. युवाओं में वीआईपी नंबरों के बढ़ते क्रेज का ही नतीजा है कि बीते 4 माह में वीआईपी नंबरों के लिए सात बार ऑक्शन किया गया. इसमें पसंद के वीआईपी नंबर के लिए 3 लाख तक बोली लगी.
वर्तमान में लोगों में स्टेटस सिंबल का क्रेज है. सुविधायुक्त आवास, लग्जरी वाहनों के साथ ही अब वीआईपी नंबर भी रुतबे का प्रतीक बन गया है. युवाओं में स्टेटस सिंबल के प्रति बढ़ते क्रेज को देख सरकार ने भी अब वाहनों के वीआईपी नंबरों के लिए ऑक्शन शुरू किया है. इसमें परिवहन विभाग की ओर से हर सीरीज में कुछ वीआईपी नंबर को आरक्षित रख उनकी खुली बोली लगाई जाती है. लोग इन वीआईपी नंबरों को लेने के लिए बोली लगाते हैं. इससे सरकार को राजस्व मिलने के साथ ही ऊंची बोली दाता वाहन मालिक को ज्यादा राशि चुकाने पर अपनी पसंद का नंबर मिल जाता है.
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वीआईपी नंबरों के लिए रहती है होड : परिवहन विभाग की ओर से पोर्टल पर इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच सात बार वीआईपी वाहन नंबरों के लिए बोली लगाई जा चुकी है. इन ऑक्शनों में सबसे ऊंची बोली वीआईपी नंबर आरजे 02 यूडी 0009 के लिए 3 लाख 3 हजार की लगाई गई.
वीआईपी नंबर की प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल पर : प्रादेशिक परिवहन अधिकारी सतीश कुमार का कहना है कि वीआईपी नंबर के आवंटन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है. वाहन मालिक पोर्टल के माध्यम से ऊंची बोली लगाकर पसंद का नंबर ले सकते हैं. प्रादेशिक परिवहन अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति गाड़ी रजिस्ट्रेशन के लिए शोरूम में जाता है, तभी वो अपना नंबर पसंद कर सकता है. पोर्टल पर वीआईपी नंबर दिखाई देगा.
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पोर्टल पर वाहनों की सीरीज के सभी नंबर दिखाई देंगे. उसमें से वाहन मालिक अपनी पसंद का नंबर ज्यादा राशि की बोली लगाकर ले सकता है. यदि एक ही वीआईपी नंबर के लिए दो वाहन मालिक आवेदन करते हैं तो उस नंबर के लिए ऑनलाइन बोली लगाई जाती है. इसमें ज्यादा राशि लगाने वाले वाहन मालिक को वो वीआईपी नंबर दिया जाता है. वीआईपी नंबरों के लिए पोर्टल पर कीमत व्यक्ति को दिख जाती है, जिसे उसे ऑनलाइन ही जमा कराना होता है.