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बेल की खेती में किसान किन बातों का रखें ध्यान? कौन से किस्म से कमा सकेंगे मुनाफा, जानिए - Fruticulture in chhattisgarh

VINE CULTIVATION छत्तीसगढ़ के किसान अब फलों की खेती की ओर आगे बढ़ रहे हैं. गर्मियों में बेल के जूस का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है. इसलिए बाजार में इसकी डिमांड बढ़ गई है. ऐसे में किसानों को बेल की खेती कब और कैसे करें, किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, बेल के कौन-कौन से उन्नत किस्म हैं, यह जानना जरूरी है. FRUTICULTURE IN CHHATTISGARH

VINE CULTIVATION IN CHHATTISGARH
बेल की खेती (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 10, 2024, 2:09 PM IST

Updated : May 11, 2024, 6:19 AM IST

बेल की खेती के तरीके (ETV Bharat Chhattisgarh)

रायपुर: छत्तीसगढ़ के किसान अब स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट जैसे फलों की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसा ही एक फल है बेल, बेल में कई ऐसे औषधि गुण पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के नजरिए से फायदेमंद है. खासकर गर्मियों में बेल की डिमांड काफी रहती है. इसकी खेती कर किसान गर्मी के दिनों में अच्छी कमाई कर सकते हैं.

कैसी भूमि में होती है बेल की खेती? : बेल, अनउपजाऊ जमीन, बंजार और लाल भूमि में आसानी से उगाया जा सकता है. प्रदेश के किसान अपनी आय को दुगनी करना चाहते हैं, तो बंजर भूमि, लाल भूमि में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है.

पत्ती निकलने के समय कीटों से करें बचाव: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम दास साहू ने बताया, "बेल को लगाकर किसान अपनी आय भी दोगुनी कर सकते हैं. बेल फल में अगर कीट प्रकोप की बात की जाए, तो इसमें नहीं के बराबर कीट या बीमारियों का प्रकोप रहता है. लेकिन बेल में पत्ती निकलने के समय कीट का प्रकोप देखने को मिलता है. इस प्रकोप को खत्म करने के लिए नीम युक्त, ऑयल युक्त दवाइयों का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे बेल फल की फसल को आसानी से बचाया जा सकता है."

"बेल की पत्ती को खाने वाले कीड़े ही ज्यादा नुकसानदायक है. उसी समय किसानों को नीम युक्त दवाई का उपयोग करना चाहिए." - डॉ घनश्याम दास साहू, कृषि वैज्ञानिक, आईजीकेवी रायपुर

बेल का कौन सा किस्म है लाभदायक: बेल के किस्मों में सीआईएसएच 2 और 4 नरेंद्र बेल 5, 6, 16 और 17 हैं. इसके साथ ही बेल के अन्य किस्म इटावा, बनारसी और कागजी गोंदा प्रमुख है. एक बेल का वजन लगभग दो से ढाई किलोग्राम का होता है. इन उन्नतशील किस्मों को लगाकर प्रदेश के किसान बेल से बनने वाले उत्पाद तैयार कर सकते हैं. साथ ही बाजार में बेल को सीधे बेचकर भी अच्छा लाभ प्रदेश के किसान अर्जित कर सकते हैं.

इम्युनिटी बढ़ाने में है फायदेमंद : डॉ घनश्याम दास साहू ने बताया, "बेल फल की पत्तियों में बहुत ज्यादा मात्रा में विटामिन प्रोटीन और मिनरल्स पाया जाता है. बेल की पत्तियां कई बार वीकनेस को दूर करने के साथ ही इम्युनिटी बढ़ाने के काम में आती है. शरीर की ठंडकता को बनाए रखने के लिए गर्मी के दिनों में बेल के जूस भी बनाकर पिया जा सकता है."

गर्मीयों में बेल सेहत के लिए है अमृत : बेल फल ठंडा तासीर वाला होता है. लसलसा गुदादार होने के साथ ही डाइजेस्टिव फाइबर की अधिक मात्रा होती है. बेल के गुदा से बहुत सारे उत्पाद बनाये जाते हैं, जिसमें बेल के कैंडी बहुत फेमस है. इसके अलावा ताजे बेल के शर्बत गर्मी में लू से बचाने का काम करता है. पेट संबंधी समस्या को दूर करने में भी बेल फल कारगर साबित होता है. बेल में विटामिन बी और बी 12 की अधिकता होने के कारण विटामिन बी की कमी से होने वाली रिकेट्स और बेरीबेरी जैसी बीमारी के लिए लाभदायक है.

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बेल की खेती के तरीके (ETV Bharat Chhattisgarh)

रायपुर: छत्तीसगढ़ के किसान अब स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट जैसे फलों की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसा ही एक फल है बेल, बेल में कई ऐसे औषधि गुण पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के नजरिए से फायदेमंद है. खासकर गर्मियों में बेल की डिमांड काफी रहती है. इसकी खेती कर किसान गर्मी के दिनों में अच्छी कमाई कर सकते हैं.

कैसी भूमि में होती है बेल की खेती? : बेल, अनउपजाऊ जमीन, बंजार और लाल भूमि में आसानी से उगाया जा सकता है. प्रदेश के किसान अपनी आय को दुगनी करना चाहते हैं, तो बंजर भूमि, लाल भूमि में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है.

पत्ती निकलने के समय कीटों से करें बचाव: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम दास साहू ने बताया, "बेल को लगाकर किसान अपनी आय भी दोगुनी कर सकते हैं. बेल फल में अगर कीट प्रकोप की बात की जाए, तो इसमें नहीं के बराबर कीट या बीमारियों का प्रकोप रहता है. लेकिन बेल में पत्ती निकलने के समय कीट का प्रकोप देखने को मिलता है. इस प्रकोप को खत्म करने के लिए नीम युक्त, ऑयल युक्त दवाइयों का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे बेल फल की फसल को आसानी से बचाया जा सकता है."

"बेल की पत्ती को खाने वाले कीड़े ही ज्यादा नुकसानदायक है. उसी समय किसानों को नीम युक्त दवाई का उपयोग करना चाहिए." - डॉ घनश्याम दास साहू, कृषि वैज्ञानिक, आईजीकेवी रायपुर

बेल का कौन सा किस्म है लाभदायक: बेल के किस्मों में सीआईएसएच 2 और 4 नरेंद्र बेल 5, 6, 16 और 17 हैं. इसके साथ ही बेल के अन्य किस्म इटावा, बनारसी और कागजी गोंदा प्रमुख है. एक बेल का वजन लगभग दो से ढाई किलोग्राम का होता है. इन उन्नतशील किस्मों को लगाकर प्रदेश के किसान बेल से बनने वाले उत्पाद तैयार कर सकते हैं. साथ ही बाजार में बेल को सीधे बेचकर भी अच्छा लाभ प्रदेश के किसान अर्जित कर सकते हैं.

इम्युनिटी बढ़ाने में है फायदेमंद : डॉ घनश्याम दास साहू ने बताया, "बेल फल की पत्तियों में बहुत ज्यादा मात्रा में विटामिन प्रोटीन और मिनरल्स पाया जाता है. बेल की पत्तियां कई बार वीकनेस को दूर करने के साथ ही इम्युनिटी बढ़ाने के काम में आती है. शरीर की ठंडकता को बनाए रखने के लिए गर्मी के दिनों में बेल के जूस भी बनाकर पिया जा सकता है."

गर्मीयों में बेल सेहत के लिए है अमृत : बेल फल ठंडा तासीर वाला होता है. लसलसा गुदादार होने के साथ ही डाइजेस्टिव फाइबर की अधिक मात्रा होती है. बेल के गुदा से बहुत सारे उत्पाद बनाये जाते हैं, जिसमें बेल के कैंडी बहुत फेमस है. इसके अलावा ताजे बेल के शर्बत गर्मी में लू से बचाने का काम करता है. पेट संबंधी समस्या को दूर करने में भी बेल फल कारगर साबित होता है. बेल में विटामिन बी और बी 12 की अधिकता होने के कारण विटामिन बी की कमी से होने वाली रिकेट्स और बेरीबेरी जैसी बीमारी के लिए लाभदायक है.

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Last Updated : May 11, 2024, 6:19 AM IST
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