मसूरी: भट्टा गांव में किराने की दुकान में शराब बेचे जाने का स्थानीय महिलाओं ने जमकर विरोध किया. साथ ही दुकान पर तालाबंदी कर दी. महिलाओं का कहना है कि पिछले एक महीने से शराब की दुकान खोले जाने का विरोध किया जा रहा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है. जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. उनका कहना है कि की किराने की दुकान में शराब कैसे बेची जा रही है? गांव में किसी भी शराब की दुकान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
मामले में तूल पकड़ा तो मसूरी बीजेपी मंडल अध्यक्ष राकेश रावत भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से कहा कि भट्टा गांव में कभी भी शराब की दुकान नहीं खोली गई है. इससे पहले भी यहां पर शराब की दुकान खोले जाने का स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के चलते बंद करवा दी गई थी. उन्होंने कहा कि शराब की दुकान से अस्पताल और स्कूल की दूरी 50 मीटर है. ऐसे में नियमों के अनुसार शराब की दुकान नहीं खुल सकती है.
मंडल अध्यक्ष राकेश रावत ने कहा कि उनकी ओर से एसडीएम से भट्टा ग्राम भी शराब की दुकान खोले जाने का ग्रामीण के विरोध के बारे में बताया गया है. जिसके बाद एसडीएम ने शराब कर दुकान को बंद करने के निर्देश देकर जांच बैठा दी है. उन्होने कहा कि उनकी पत्नी कौशल्या रावत क्यारकुली भट्टा ग्राम की प्रधान भी हैं. ऐसे में ग्रामीणों की ओर से स्पष्ट किया गया है कि पंचायत क्षेत्र में कहीं भी शराब की दुकान नहीं खुलने देंगे.
वहीं, स्थानीय महिलाओं का कहना है कि उनकी ओर से पिछले एक महीने से भट्टा गांव में शराब की दुकान खोले जाने का विरोध किया जा रहा है, लेकिन शासन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. ऐसे में उन्होंने खुद ही शराब की दुकान पर तालाबंदी कर दी है. उन्होंने कहा कि अगर शराब की दुकान दोबारा खुलती है तो उसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा और भट्टा गांव में कहीं भी शराब की दुकान नहीं खोली जाएगी.
क्या बोले मसूरी एसडीएम दीपक सैनी? मामले में मसूरी एसडीएम दीपक सैनी कहना है कि भट्टा गांव में शराब की दुकान को खोले जाने का ग्रामीण महिलाओं की ओर से विरोध किया जा रहा है. फिलहाल, दुकान स्वामी को शराब की दुकान को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं और लाइसेंस किस आधार पर दिया गया है, इसकी भी जांच कराई जा रही है.
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