अनूपगढ़: राजस्थान सरकार की ओर से प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के दावे किए जाते हैं, लेकिन स्थानीय नौकरशाही की लापरवाही के चलते अनूपगढ़ के गांव 6 एपीएम के ग्रामीण पिछले 8 महीनों से दूषित पेयजल पीने को मजबूर हैं. गांव में वाटर वर्क्स की दोनों डिग्गियां पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. पिछले 4 दिनों से एक डिग्गी में एक मृत बकरी पड़ी है. इसके बावजूद जलदाय विभाग ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. इसी दूषित पानी को ग्रामीणों के घरों में सप्लाई किया जा रहा है. वहीं, जिला कलेक्टर अवधेश मीना ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जलदाय विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए.
ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन: गांव 6 एपीएम के ग्रामीणों ने बुधवार को किसान नेता जालंधर सिंह के नेतृत्व में जिला कलेक्टर अवधेश मीना से मिले और दूषित पेयजल की समस्या को उनके समक्ष रखा. ग्रामीणों ने बताया कि दूषित पानी के कारण कई लोग बीमार हो चुके हैं. एक महीने पहले ग्रामीण इस मुद्दे पर धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ.
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किसान नेता जालंधर सिंह तूर ने बताया कि गांव में वाटर वर्क्स की दो डिग्गियां बनी हुई हैं, जो अब पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. इसके अलावा नहर से डिग्गी में पानी डालने वाला नक्का भी टूट चुका है, जिससे बरसात और नालियों का पानी डिग्गी में जा रहा है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जलदाय विभाग के अधिकारियों को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. गांव के 400 घरों में इसी दूषित पानी की सप्लाई हो रही है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.
अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग: एक ग्रामीण ने बताया कि 4 दिन से डिग्गी में एक बकरी मरी हुई है. इसे निकालने के लिए जलदाय विभाग के कर्मचारियों को सूचित किया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर तुरंत डिग्गियों की मरम्मत और शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की मांग की है.