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सरायकेला में बाघ की दस्तक, प्रत्यक्षदर्शी बच्चे की बिगड़ी तबीयत, ग्रामीणों में दहशत - FEAR OF TIGER IN SERAIKELA

सरायकेला के तुलग्राम जंगलों में बाघ के होने से ग्रामीणों में डर का माहौल बन गया है.

FEAR OF TIGER IN SERAIKELA
फाइल फोटो (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 4, 2025, 1:50 PM IST

सरायकेला: जिले के चांडिल वन क्षेत्र अंतर्गत तुलग्राम के जंगलों में एक विशालकाय बाघ की मौजूदगी से ग्रामीणों में भय का महौल बन गया है. बीते मंगलवार को जंगल में मवेशी चराने गए ग्रामीणों के साथ यह घटना घटी, जब एक बाघ ने हमला कर एक बैल को मार गिराया.
घटना ने बढ़ाई ग्रामीणों की चिंता
ग्रामीणों के अनुसार बाघ ने अचानक मवेशियों पर हमला किया, जिससे मवेशी इधर-उधर भागने लगे. इस दौरान बाघ ने एक बैल को मार डाला और एक बछड़ा भी लापता है. आशंका जताई जा रही है कि बाघ ने बछड़े को भी अपना शिकार बना लिया है. 12 वर्षीय प्रत्यक्षदर्शी सुमित महतो, जो मवेशी चराने गया था ने दावा किया कि उसने अपनी आंखों से बाघ को बैल पर हमला करते देखा. घटना के बाद सुमित की हालत खराब हो गई है और वह गहरे सदमे में हैं.

बाघ को लेकर जानकारी देते वन विभाग के अधिकारी और ग्रामीण (ईटीवी भारत)

वन विभाग ने की पुष्टि

वन विभाग के खूंटी क्षेत्र के प्रभारी वनपाल सनातन रवानी ने जंगल में बाघ की मौजूदगी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि घटना के बाद क्षेत्र में तकनीकी उपकरण लगाए गए हैं, ताकि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. उन्होंने यह भी बताया कि बाघ द्वारा मारे गए बैल को जंगल में ही छोड़ दिया गया है, ताकि उसकी गतिविधियों को समझा जा सके.

ग्रामीणों में भय और सतर्कता
घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. लोग अपने मवेशियों को चराने से डर रहे हैं और वन विभाग से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि बाघ की गतिविधियों का अध्ययन कर उसे नियंत्रित करने के प्रयास जारी है. जंगल में बाघ की मौजूदगी और उसके हमले से वन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों में डर का महौल बन गया है. लोगों ने कहा कि प्रशासन को इस दिशा में तत्काल ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें- खूंटी और तुलग्राम के जंगल में बाघ की मौजूदगी की संभावना, ग्रामीणों को किया गया सचेत

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बाघ की आहट से गढ़वा में दहशत, वन विभाग ने ग्रामीणों से की जंगल में नहीं जाने की अपील

सरायकेला: जिले के चांडिल वन क्षेत्र अंतर्गत तुलग्राम के जंगलों में एक विशालकाय बाघ की मौजूदगी से ग्रामीणों में भय का महौल बन गया है. बीते मंगलवार को जंगल में मवेशी चराने गए ग्रामीणों के साथ यह घटना घटी, जब एक बाघ ने हमला कर एक बैल को मार गिराया.
घटना ने बढ़ाई ग्रामीणों की चिंता
ग्रामीणों के अनुसार बाघ ने अचानक मवेशियों पर हमला किया, जिससे मवेशी इधर-उधर भागने लगे. इस दौरान बाघ ने एक बैल को मार डाला और एक बछड़ा भी लापता है. आशंका जताई जा रही है कि बाघ ने बछड़े को भी अपना शिकार बना लिया है. 12 वर्षीय प्रत्यक्षदर्शी सुमित महतो, जो मवेशी चराने गया था ने दावा किया कि उसने अपनी आंखों से बाघ को बैल पर हमला करते देखा. घटना के बाद सुमित की हालत खराब हो गई है और वह गहरे सदमे में हैं.

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वन विभाग ने की पुष्टि

वन विभाग के खूंटी क्षेत्र के प्रभारी वनपाल सनातन रवानी ने जंगल में बाघ की मौजूदगी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि घटना के बाद क्षेत्र में तकनीकी उपकरण लगाए गए हैं, ताकि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. उन्होंने यह भी बताया कि बाघ द्वारा मारे गए बैल को जंगल में ही छोड़ दिया गया है, ताकि उसकी गतिविधियों को समझा जा सके.

ग्रामीणों में भय और सतर्कता
घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. लोग अपने मवेशियों को चराने से डर रहे हैं और वन विभाग से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि बाघ की गतिविधियों का अध्ययन कर उसे नियंत्रित करने के प्रयास जारी है. जंगल में बाघ की मौजूदगी और उसके हमले से वन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों में डर का महौल बन गया है. लोगों ने कहा कि प्रशासन को इस दिशा में तत्काल ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.

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