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RSS विजयादशमी उत्सव : भैयाजी जोशी बोले- विश्व गुरु बनने के लिए भेद करने वाले भाव खत्म करने होंगे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्थापना दिवस. सुरेश भैया जी जोशी बोले- विश्व गुरु बनने के लिए रावण का पुतला जलाने से कुछ नहीं होगा.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

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भैया जी जोशी का बड़ा बयान (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: विजयदशमी के मौके पर आरएसएस के स्थापना दिवस के साथ ही शस्त्र पूजा के कार्यक्रम देश भर में आयोजित किए गए. इस मौके पर जयपुर के झोटवाड़ा नगर में पथ संचलन का आयोजन किया गया. इसके पहले संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि हमने प्रकृति को ही ईश्वर माना है. आज उसे ही नष्ट करने में लगे हैं. प्रकृति के साथ खिलवाड़ क्यों करते हैं ? तभी तो बाढ़ आती है, बादल फटते हैं और भूकंप आते हैं.

उन्होंने कहा कि स्वच्छता सफाई के लिए बड़े-बड़े विज्ञापन लगाने पड़ते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की सफाई के प्रति जागरूक होने की बात की जाती है, लेकिन क्या सफाई के लिए बड़े-बड़े विज्ञापन लगाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमें अपने कर्तव्य पर चर्चा करनी चाहिए. हमेशा सरकार पर निर्भर होना सही नहीं है. समाज को आगे बढ़ना है तो हर महिला को मां के रूप में देखना होगा. आज के रावण कौन, कौरव कौन ? भारत को विश्व गुरु बनना है तो रावण का पुतला जलाने से कुछ नहीं होगा.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन (ETV Bharat Jaipur)

भेद करने वाले भाव खत्म करने होंगे : भैयाजी जोशी ने कहा कि संविधान के प्रति हमें मतदान करने का मौका मिला, लेकिन मतदान के समय 100 प्रतिशत मतदान नहीं होता है. हम मंगल की कामना करने वाले किसी में भेद कैसे कर सकते हैं ? ये भेद करने वाले भाव खत्म करने होंगे, तभी हिंदू शक्तिशाली होगा. उन्होंने कहा कि देश में रहने वाले किसी भी जाति-बिरादरी के हो सकते हैं, लेकिन हम एक हैं. हम जिन धर्म ग्रंथों को पढ़ते हैं, सुनते हैं, क्या वह किसी धर्म से जुड़े हैं. हम सबकी भाषा, हमारे ईश्वर, हम सबके धर्म, हमारे महापुरुष सब एक हैं. हम अलग कैसे हो सकते हैं. आज हमें एक देश और एक जन की भावना को बढ़ाना होगा.

पढ़ें : परिस्थितियां चुनौतियां देती हैं, हमें भविष्य के लिए तैयार होना है: मोहन भागवत

संगठित कार्य करना ईश्वर का आदेश - जोशी : पूर्व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने बताया कि संघ की स्थापना आज ही के दिन हुई थी. साथ ही उन्होंने कहा कि संगठित कार्य करना भी ईश्वर का आदेश है. जोशी ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर और बिरसा मुंडा आदिवासी थे और अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. अहिल्याबाई होल्कर अपने क्षेत्र के मंदिरों का निर्माण किया. 70 हजार से अधिक महिला सैनिक बनाई. उन्होंने हमेशा से कहा कि भगवान शंकर के आदेश से कार्य कर रही हूं.

संघ हमें एकता की सीख दे रहा है - मोना अग्रवाल : पैरालंपिक पदक विजेता मोना अग्रवाल ने संघ के स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा कि मुझे जानकर अच्छा लगा कि संघ शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास के लिए कार्य कर रहा है. आपको एकता की सीख दे रहा है. उन्होंने पथ संचलन को लेकर कहा कि अभी जो परेड चल रही थी, उसमें मैंने देखा कि सभी आयु वर्ग के लोग मौजूद हैं. जो दिखाता है कि एकजुटता क्या है. हर उम्र और हर तजुर्बे का इंसान यहां मौजूद है, यहां एकजुट होकर, एक समान एक प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस एकता से हम हमारे घर में ही संगठन की सीख ले सकते हैं.

बता दें कि कार्यक्रम के दौरान आरएसएस कार्यकर्ताओं ने शारीरिक व्यायाम का प्रदर्शन भी किया. पथ संचलन के दौरान विभिन्न मोहल्ला, विकास समितियों और सामाजिक संगठनों की ओर से स्वयंसेवकों के पथ संचलन पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया.

जयपुर: विजयदशमी के मौके पर आरएसएस के स्थापना दिवस के साथ ही शस्त्र पूजा के कार्यक्रम देश भर में आयोजित किए गए. इस मौके पर जयपुर के झोटवाड़ा नगर में पथ संचलन का आयोजन किया गया. इसके पहले संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि हमने प्रकृति को ही ईश्वर माना है. आज उसे ही नष्ट करने में लगे हैं. प्रकृति के साथ खिलवाड़ क्यों करते हैं ? तभी तो बाढ़ आती है, बादल फटते हैं और भूकंप आते हैं.

उन्होंने कहा कि स्वच्छता सफाई के लिए बड़े-बड़े विज्ञापन लगाने पड़ते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की सफाई के प्रति जागरूक होने की बात की जाती है, लेकिन क्या सफाई के लिए बड़े-बड़े विज्ञापन लगाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमें अपने कर्तव्य पर चर्चा करनी चाहिए. हमेशा सरकार पर निर्भर होना सही नहीं है. समाज को आगे बढ़ना है तो हर महिला को मां के रूप में देखना होगा. आज के रावण कौन, कौरव कौन ? भारत को विश्व गुरु बनना है तो रावण का पुतला जलाने से कुछ नहीं होगा.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन (ETV Bharat Jaipur)

भेद करने वाले भाव खत्म करने होंगे : भैयाजी जोशी ने कहा कि संविधान के प्रति हमें मतदान करने का मौका मिला, लेकिन मतदान के समय 100 प्रतिशत मतदान नहीं होता है. हम मंगल की कामना करने वाले किसी में भेद कैसे कर सकते हैं ? ये भेद करने वाले भाव खत्म करने होंगे, तभी हिंदू शक्तिशाली होगा. उन्होंने कहा कि देश में रहने वाले किसी भी जाति-बिरादरी के हो सकते हैं, लेकिन हम एक हैं. हम जिन धर्म ग्रंथों को पढ़ते हैं, सुनते हैं, क्या वह किसी धर्म से जुड़े हैं. हम सबकी भाषा, हमारे ईश्वर, हम सबके धर्म, हमारे महापुरुष सब एक हैं. हम अलग कैसे हो सकते हैं. आज हमें एक देश और एक जन की भावना को बढ़ाना होगा.

पढ़ें : परिस्थितियां चुनौतियां देती हैं, हमें भविष्य के लिए तैयार होना है: मोहन भागवत

संगठित कार्य करना ईश्वर का आदेश - जोशी : पूर्व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने बताया कि संघ की स्थापना आज ही के दिन हुई थी. साथ ही उन्होंने कहा कि संगठित कार्य करना भी ईश्वर का आदेश है. जोशी ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर और बिरसा मुंडा आदिवासी थे और अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. अहिल्याबाई होल्कर अपने क्षेत्र के मंदिरों का निर्माण किया. 70 हजार से अधिक महिला सैनिक बनाई. उन्होंने हमेशा से कहा कि भगवान शंकर के आदेश से कार्य कर रही हूं.

संघ हमें एकता की सीख दे रहा है - मोना अग्रवाल : पैरालंपिक पदक विजेता मोना अग्रवाल ने संघ के स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा कि मुझे जानकर अच्छा लगा कि संघ शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास के लिए कार्य कर रहा है. आपको एकता की सीख दे रहा है. उन्होंने पथ संचलन को लेकर कहा कि अभी जो परेड चल रही थी, उसमें मैंने देखा कि सभी आयु वर्ग के लोग मौजूद हैं. जो दिखाता है कि एकजुटता क्या है. हर उम्र और हर तजुर्बे का इंसान यहां मौजूद है, यहां एकजुट होकर, एक समान एक प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस एकता से हम हमारे घर में ही संगठन की सीख ले सकते हैं.

बता दें कि कार्यक्रम के दौरान आरएसएस कार्यकर्ताओं ने शारीरिक व्यायाम का प्रदर्शन भी किया. पथ संचलन के दौरान विभिन्न मोहल्ला, विकास समितियों और सामाजिक संगठनों की ओर से स्वयंसेवकों के पथ संचलन पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया.

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