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अगले तीन साल में भारत का अपना क्वांटम कम्प्यूटर होगा: डॉ. विजय पी. पांडुरंग - quantum computer in india

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 16, 2024, 12:50 PM IST

देश के वैज्ञानिक डॉ. विजय पी. पांडुरंग आज लखनऊ विश्वविद्यालय के 67वें दीक्षान्त समारोह में शामिल हुए.इस दौरान उन्होंने कहा, कि भारत में अगले तीन साल तक क्वांटम कम्प्यूटर आ जाएगा.

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सुपर कम्प्यूटर का आविष्कार करने वाले वैज्ञानिक डॉ. विजय पी. पांडुरंग (photo credit- Etv Bharat)


लखनऊ: सुपर कम्प्यूटर का आविष्कार करने वाले देश के वैज्ञानिक पद्मभूषण डॉ. विजय पी. पांडुरंग ने कहा, कि हम क्वांटम कम्प्यूटर पर काम कर रहे हैं. क्वांटम कम्प्यूटर के जरिए हम किसी भी कम्प्यूटर की गति को कई गुना बढ़ा सकते हैं. उन्होंने बताया, कि हमने पांच साल का रोड मैप तैयार किया है. क्वांटम कम्प्यूटर का प्रोटोटाइप तैयार है. तीन साल के अंदर भारत के पास अपना क्वांटम कम्प्यूटर होगा. डॉ. पांडुरंग सोमवार को प्रस्तावित लखनऊ विश्वविद्यालय के 67वें दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने रविवार को लखनऊ पहुंचे थे.


अमेरिका के राष्ट्रपति ने रखी थी कुछ शर्ते: भारत में सुपर कम्प्यूटर की यात्रा को लेकर बातचीत के दौरान डॉ. पांडुरंग ने खुलासा किया, कि तत्कालीन अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन भारत को सुपर कम्प्यूटर देने के लिए तैयार थे, लेकिन उन्होंने कुछ शर्तें रखी थी. रोनाल्ड चाहते थे, कि भारत इसका प्रयोग जलवायु के संदर्भ में करे न कि अन्य के संदर्भ में. इनमें एक यह भी शर्त थी, कि भारत यदि शर्तो का उल्लंघन करेगा, तो उसके साथ किये गये सभी करार रद्द कर दिये जायेंगे.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे तैयार: अमेरिका को आशंका थी, कि सुपर कम्प्यूटर का इस्तेमाल भारत मिसाइल बनाने में कर सकता है. डॉ. पांडुरंग ने कहा, कि भारत कृषि अर्थव्यवस्था वाला प्रधान देश है. ऐसे में यहां पर किसानों की फसल को लेकर जलवायु के बारे में सटीक अनुमान लगाकर उन्हें समय से जानकारी देना जरूरी है. उन्होंने बताया कि जब अमेरिका ने सुपर कम्प्यूटर बनाया तो, उस समय भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी इसे खरीदने के लिए तैयार थे, उन्होंने अमेरिका से बात भी की. लेकिन, शर्त के चलते बातचीत विफल होने के बाद भारत लौटने पर राजीव गांधी ने उन्हें बुलाया और पूछा कि क्या हम सुपर कम्प्यूटर बना सकते हैं. तो मैने जवाब दिया क्यों नहीं बना सकते. हालांकि मैने सुपर कम्प्यूटर देखा नहीं है केवल चित्र देखा है. उन्होंने बताया कि उस समय जापान सुपर कम्प्यूटर बनाने का प्रयास कर रहा था. राजीव गांधी ने फिर पूछा कि कितने समय में बन जायेगा, तो मैंने उत्तर दिया कि 3 साल में तैयार हो जायेगा.

इसे भी पढ़े-लखनऊ यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में एडमिशन का आखिरी मौका, जानिए कब है लास्ट डेट - lucknow university admission

डॉ. विजय पी. पांडुरंग ने कहा, कि मैंने राजीव गांधी से कहा कि एक सुपर कम्प्यूटर की कीमत में नया सेंटर और कम्प्यूटर दोनों तैयार हो जायेगा. उस समय अमेरिका के एक सुपर कम्प्यूटर की कीमत 37 करोड़ रुपए थी. फिर मैंने 100 लोगों की टीम के साथ काम करना शुरू किया और तीन साल में अमेरिका के सुपर कम्प्यूटर से काफी आगे का कम्प्यूटर बना कर तैयार किया.

उन्होंने कहा कि आज बगैर सुपर कम्प्यूटर के कोई टेक्रोलॉजी नहीं विकसित हो सकती है. उन्होंने बताया कि जब हमने सुपर कम्प्यूटर बनाया तो उस समय निर्णय लिया कि हम इसे मित्र देशों के साथ साझा करेंगे. आम आदमी के जीवन में एआई के बढ़ते हस्तक्षेप के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, कि एआई बेहतर तकनीक है. लेकिन, इसके दुरुपयोग को रोकने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि अभी इस पर बहस चल रही है.

मुख्यमंत्री योगी से है प्रभावित: उत्तरप्रदेश के बारे में पूछने पर डॉ. विजय पी. पांडुरंग ने कहा, कि वह यहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से काफी प्रभावित हैं. उन्होंने घोषणा की है कि हम उत्तरप्रदेश को आगे बढ़ायेंगे. उन्होंने कहा कि आज तकनीक के मामले में भारत चीन और अमेरिका के समकक्ष है. हमारे पास कई नेशनल प्लान है, जिससे भारत फिर से सोने की चिड़िया वाले देश की तरफ बढ़ेगा.

यह भी पढ़े-संस्कृत विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 26 सितंबर को, 19 से मिलेंगे परिधान


लखनऊ: सुपर कम्प्यूटर का आविष्कार करने वाले देश के वैज्ञानिक पद्मभूषण डॉ. विजय पी. पांडुरंग ने कहा, कि हम क्वांटम कम्प्यूटर पर काम कर रहे हैं. क्वांटम कम्प्यूटर के जरिए हम किसी भी कम्प्यूटर की गति को कई गुना बढ़ा सकते हैं. उन्होंने बताया, कि हमने पांच साल का रोड मैप तैयार किया है. क्वांटम कम्प्यूटर का प्रोटोटाइप तैयार है. तीन साल के अंदर भारत के पास अपना क्वांटम कम्प्यूटर होगा. डॉ. पांडुरंग सोमवार को प्रस्तावित लखनऊ विश्वविद्यालय के 67वें दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने रविवार को लखनऊ पहुंचे थे.


अमेरिका के राष्ट्रपति ने रखी थी कुछ शर्ते: भारत में सुपर कम्प्यूटर की यात्रा को लेकर बातचीत के दौरान डॉ. पांडुरंग ने खुलासा किया, कि तत्कालीन अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन भारत को सुपर कम्प्यूटर देने के लिए तैयार थे, लेकिन उन्होंने कुछ शर्तें रखी थी. रोनाल्ड चाहते थे, कि भारत इसका प्रयोग जलवायु के संदर्भ में करे न कि अन्य के संदर्भ में. इनमें एक यह भी शर्त थी, कि भारत यदि शर्तो का उल्लंघन करेगा, तो उसके साथ किये गये सभी करार रद्द कर दिये जायेंगे.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे तैयार: अमेरिका को आशंका थी, कि सुपर कम्प्यूटर का इस्तेमाल भारत मिसाइल बनाने में कर सकता है. डॉ. पांडुरंग ने कहा, कि भारत कृषि अर्थव्यवस्था वाला प्रधान देश है. ऐसे में यहां पर किसानों की फसल को लेकर जलवायु के बारे में सटीक अनुमान लगाकर उन्हें समय से जानकारी देना जरूरी है. उन्होंने बताया कि जब अमेरिका ने सुपर कम्प्यूटर बनाया तो, उस समय भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी इसे खरीदने के लिए तैयार थे, उन्होंने अमेरिका से बात भी की. लेकिन, शर्त के चलते बातचीत विफल होने के बाद भारत लौटने पर राजीव गांधी ने उन्हें बुलाया और पूछा कि क्या हम सुपर कम्प्यूटर बना सकते हैं. तो मैने जवाब दिया क्यों नहीं बना सकते. हालांकि मैने सुपर कम्प्यूटर देखा नहीं है केवल चित्र देखा है. उन्होंने बताया कि उस समय जापान सुपर कम्प्यूटर बनाने का प्रयास कर रहा था. राजीव गांधी ने फिर पूछा कि कितने समय में बन जायेगा, तो मैंने उत्तर दिया कि 3 साल में तैयार हो जायेगा.

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डॉ. विजय पी. पांडुरंग ने कहा, कि मैंने राजीव गांधी से कहा कि एक सुपर कम्प्यूटर की कीमत में नया सेंटर और कम्प्यूटर दोनों तैयार हो जायेगा. उस समय अमेरिका के एक सुपर कम्प्यूटर की कीमत 37 करोड़ रुपए थी. फिर मैंने 100 लोगों की टीम के साथ काम करना शुरू किया और तीन साल में अमेरिका के सुपर कम्प्यूटर से काफी आगे का कम्प्यूटर बना कर तैयार किया.

उन्होंने कहा कि आज बगैर सुपर कम्प्यूटर के कोई टेक्रोलॉजी नहीं विकसित हो सकती है. उन्होंने बताया कि जब हमने सुपर कम्प्यूटर बनाया तो उस समय निर्णय लिया कि हम इसे मित्र देशों के साथ साझा करेंगे. आम आदमी के जीवन में एआई के बढ़ते हस्तक्षेप के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, कि एआई बेहतर तकनीक है. लेकिन, इसके दुरुपयोग को रोकने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि अभी इस पर बहस चल रही है.

मुख्यमंत्री योगी से है प्रभावित: उत्तरप्रदेश के बारे में पूछने पर डॉ. विजय पी. पांडुरंग ने कहा, कि वह यहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से काफी प्रभावित हैं. उन्होंने घोषणा की है कि हम उत्तरप्रदेश को आगे बढ़ायेंगे. उन्होंने कहा कि आज तकनीक के मामले में भारत चीन और अमेरिका के समकक्ष है. हमारे पास कई नेशनल प्लान है, जिससे भारत फिर से सोने की चिड़िया वाले देश की तरफ बढ़ेगा.

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