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विदिशा में मंदिर को लेकर विवाद, हिंदू संगठनों की चेतावनी- कोई मंदिर को छूकर बताए, जानें क्या है पूरा मामला

Vidisha railway station mandir : अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत विदिशा में आस्था के केंद्र सिद्धेश्वरी माता मंदिर के हिस्से को भी हटाने की योजना है. इसे लेकर हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए हैं.

Vidisha railway station mandir
विदिशा में मंदिर को लेकर विवाद, हिंदू संगठनों की चेतावनी कोई मंदिर को छूकर बताए
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 25, 2024, 6:44 AM IST

विदिशा में मंदिर को लेकर विवाद, हिंदू संगठनों की चेतावनी कोई मंदिर को छूकर बताए

विदिशा. अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत विदिशा रेलवे स्टेशन (Vidisha railway station) का भी विस्तार किया जाना है. इसे लेकर विदिशा स्टेशन से लगे हुए सिद्धेश्वरी माता मंदिर (Siddheshwari mandir) के हिस्से को भी तोड़े जाने की चर्चा चल रही है. हिंदू संगठनों का आरोप है कि मंदिर परिसर के एक हिस्से को तोड़कर वहां से स्टेशन का ड्रेनेज सिस्टम (नालियां) निकाले जाने की योजना है. इसे लेकर हिंदू संगठने आक्रोश में हैं और रेलवे और प्रशासन को चेतावनी दे रहे हैं.

किसी को मंदिर छूने नहीं देंगे : हिंदू संगठन

हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह राजपूत ने इस मामले में कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, ' अभी 2 दिन पहले रेलवे ने पत्र लिखकर बताया है कि अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत विदिशा का कायाकल्प होना है. ऐसे में रेलवे के कुछ अधिकारी मंदिर का एक हिस्सा तोड़कर वहां से सड़क और रेलवे स्टेशन का ड्रेनेज सिस्टम मंदिर के बगल से निकालना चाहते हैं. मंदिर के इस हिस्से को तोड़ने के लिए आज का दिन तय किया गया था. इसके विरोध में विदिशा का हिंदू समाज यहां मंदिर पर उपस्थित है और किसी भी कीमत पर हम मंदिर को छूने नही देंगे.'

Vidisha railway station mandir
विदिशा स्टेशन से लगे मंदिर को लेकर हो रहा विवाद

भक्तों ने कहा- जेसीबी के सामने लेट जाएंगे

वहीं मंदिर के हिस्से को तोड़े जाने का विरोध कर रहे श्रद्धालु जितेंद्र यादव ने कहा, ' एक और देश में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है तो दूसरी ओर सरकार मां भवानी का मंदिर तोड़ रही है. हम ऐसा नहीं होने देंगे, जेसीबी के सामने लेट जाएंगे और अपना खून पानी की तरह बहा देंगे. लेकिन मंदिर की एक ईंट को भी हटाने नहीं देंगे.

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18 करोड़ की लागत से हो रहा कायाकल्प

बता दें कि अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत यात्रियों के लिए साफ और हायजेनीक वेटिंग एरिया और रेस्टरूम बनाए जाने हैं और इसी के चलते विदिशा रेलवे स्टेशन का भी पुन:र्निर्माण किया जा रहा है. इसमें लगभग 18 करोड़ रुपए के विकास कार्य हो रहे हैं. इन विकास कार्यों के लिए विदिशा के श्रद्धालुओं की आस्था के बड़े केंद्र सिद्धेश्वरी माता मंदिर के हिस्से को भी हटाने की योजना है, जिसके विरोध में शनिवार को अनेक श्रद्धालुओं और सनातन श्री हिंदू उत्सव समिति के सदस्यों ने विरोध दर्ज कराया. फिलहाल रेलवे की इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

विदिशा में मंदिर को लेकर विवाद, हिंदू संगठनों की चेतावनी कोई मंदिर को छूकर बताए

विदिशा. अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत विदिशा रेलवे स्टेशन (Vidisha railway station) का भी विस्तार किया जाना है. इसे लेकर विदिशा स्टेशन से लगे हुए सिद्धेश्वरी माता मंदिर (Siddheshwari mandir) के हिस्से को भी तोड़े जाने की चर्चा चल रही है. हिंदू संगठनों का आरोप है कि मंदिर परिसर के एक हिस्से को तोड़कर वहां से स्टेशन का ड्रेनेज सिस्टम (नालियां) निकाले जाने की योजना है. इसे लेकर हिंदू संगठने आक्रोश में हैं और रेलवे और प्रशासन को चेतावनी दे रहे हैं.

किसी को मंदिर छूने नहीं देंगे : हिंदू संगठन

हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह राजपूत ने इस मामले में कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, ' अभी 2 दिन पहले रेलवे ने पत्र लिखकर बताया है कि अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत विदिशा का कायाकल्प होना है. ऐसे में रेलवे के कुछ अधिकारी मंदिर का एक हिस्सा तोड़कर वहां से सड़क और रेलवे स्टेशन का ड्रेनेज सिस्टम मंदिर के बगल से निकालना चाहते हैं. मंदिर के इस हिस्से को तोड़ने के लिए आज का दिन तय किया गया था. इसके विरोध में विदिशा का हिंदू समाज यहां मंदिर पर उपस्थित है और किसी भी कीमत पर हम मंदिर को छूने नही देंगे.'

Vidisha railway station mandir
विदिशा स्टेशन से लगे मंदिर को लेकर हो रहा विवाद

भक्तों ने कहा- जेसीबी के सामने लेट जाएंगे

वहीं मंदिर के हिस्से को तोड़े जाने का विरोध कर रहे श्रद्धालु जितेंद्र यादव ने कहा, ' एक और देश में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है तो दूसरी ओर सरकार मां भवानी का मंदिर तोड़ रही है. हम ऐसा नहीं होने देंगे, जेसीबी के सामने लेट जाएंगे और अपना खून पानी की तरह बहा देंगे. लेकिन मंदिर की एक ईंट को भी हटाने नहीं देंगे.

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