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अटल बिहारी वाजपेयी को टक्कर दे चुके हैं पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा, अब चेले शिवराज की बारी - congress candidate Pratap Bhanu - CONGRESS CANDIDATE PRATAP BHANU

विदिशा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. यहां से पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला शिवराज सिंह चौहान से होगा. इसके पहले वे अटल बिहारी वाजपेयी और शिवराज के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं.

CONGRESS CANDIDATE PRATAP BHANU
अटल बिहारी के खिलाफ लड़ चुके हैं चुनाव
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 28, 2024, 2:54 PM IST

Updated : Mar 28, 2024, 3:04 PM IST

से कांग्रेस के पूर्व विदिशा संसदीय क्षेत्र सांसद प्रताप भानु शर्मा मैदान में

विदिशा। लोकसभा चुनाव को लेकर बिगुल बज चुका है. सभी प्रत्याशियों ने मैदान में दो-दो हाथ करने के लिए कमर कस ली है. विदिशा-रायसेन संसदीय सीट पर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं बुधवार को कांग्रेस ने लंबे मंथन के बाद विदिशा संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा को फिर मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला शिवराज सिंह चौहान से होगा. विदिशा संसदीय क्षेत्र से वे दो बार सांसद रह चुके हैं. वहीं शिवराज सिंह चौहान भी यहां से सांसद रह चुके हैं. इधर शिवसेना भी एमपी की 29 लोकसभा सीटों में से सिर्फ विदिशा-रायसेन संसदीय सीट से ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. शिवसेना ने अपने जिला अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह सिसोदिया को प्रत्याशी घोषित किया है.

पहले भी दोनों का हो चुका है आमना-सामना

वैसे तो विदिशा संसदीय क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है. कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा पहले भी शिवराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अब एक बार फिर 33 साल के बाद दोनों फिर मैदान में हैं.

Vidisha parliamentary constituency
विदिशा में नामांकन भरने पहुंचे अटल बिहारी

अटल बिहारी के खिलाफ लड़ चुके हैं चुनाव

विदिशा से कांग्रेस के एकमात्र सांसद रहे प्रताप भानु शर्मा इस सीट से एक बार फिर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इस बार उनका मुकाबला शिवराज सिंह चौहान से होगा. दो बार सांसद रहे प्रताप भानु शर्मा का 1991 में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ आमना-सामना हो चुका है. भले ही वे अटल बिहारी से चुनाव हार गए लेकिन उनकी तारीफ भी करते नजर आते हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के साथ अपने अनुभव और अटल बिहारी के समय के संस्मरण साझा किए.

Vidisha parliamentary constituency
विदिशा में चुनाव प्रचार के दौरान अटल बिहारी
Vidisha parliamentary constituency
1991 में अटल बिहारी वाजपेयी ने विदिशा से लड़ा था चुनाव

'बीजेपी ने अचानक बदला था प्रत्याशी'

पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा बताते हैं कि वह 10 साल यानी दो कार्यकाल विदिशा से सांसद रहे हैं. उनके लिए प्रचार के लिए इंदिरा गांधी भी आईं थी. वह बताते हैं कि "1991 में भारतीय जनता पार्टी ने अचानक अपना प्रत्याशी बदल दिया और राष्ट्रीय नेता के रूप में ख्याति प्राप्त अटल बिहारी वाजपेयी को यहां से उम्मीदवार बना दिया. तब उस दौरान बड़े कांग्रेस नेताओं ने उनकी संसदीय सीट बदलने की बात की थी लेकिन मैंने इसी सीट से अटलजी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया था". उन्होंने वह संस्मरण भी सुनाया जब अटल बिहारी वाजपेयी विदिशा कलेक्ट्रेट में अपना नामांकन दाखिल करने आए थे. उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार और जीत के बाद भी वह विदिशा नहीं आए और जीत के बाद उन्होंने विदिशा की सीट छोड़ दी थी.

'चुनाव अब जानी दुश्मन के रूप में लड़े जाते हैं'

कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप भानु शर्मा ने बताया कि "पुराने समय में लड़े जाने वाले चुनाव और आज के दौर के चुनाव में काफी बदलाव आ गया है. उस समय चुनाव स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ एक दूसरे का सम्मान रखते हुए लड़े जाते थे. तब पक्ष या विपक्ष के प्रत्याशी किसी पर निजी आक्षेप नहीं लगाते थे. चुनाव मुद्दों पर लड़े जाते थे लेकिन अब चुनाव मुद्दा विहीन होते हैं और निजी अक्षेप लगाए जाते हैं".

भाजपा पर उठाए सवाल

कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप भानु शर्मा ने भाजपा पर चाल,चरित्र और चेहरे का आरोप लगाते हुए कहा कि आज के नेताओं को हासिए पर रखा. उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को भी कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज और भाजपा के कई नेताओं का सम्मानपूर्वक नाम लेते हुए कहा कि यह नेता राजनीति के साथ अपने व्यवहार को भी संभाल कर रखते थे.उन्होंने कहा कि भाजपा जहां कांग्रेस मुक्त देश की बात करता था अब वही भाजपा कांग्रेस से युक्त हो गई है.

ये भी पढ़ें:

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दिग्विजय सिंह राजगढ़ से ठोकेंगे ताल, रतलाम से भूरिया को टिकट, कांग्रेस ने MP के लिए जारी की लोकसभा प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट

विदिशा संसदीय क्षेत्र के अब तक के सांसद

  • 1952-1962 तक निर्वाचन क्षेत्र मौजूद नहीं
  • 1967- पंडित शिव शर्मा, भारतीय जनसंघ
  • 1971- रामनाथ गोयनका, भारतीय जनसंघ
  • 1977- राघव जी भाई, जनता पार्टी
  • 1980- प्रताप भानु शर्मा,कांग्रेस
  • 1984- प्रताप भानु शर्मा,कांग्रेस
  • 1989- राघव जी भाई, बीजेपी
  • 1991- अटल बिहारी वाजपेयी,बीजेपी
  • 1991- शिवराज सिंह चौहान,बीजेपी(उपचुनाव)
  • 1996 -शिवराज सिंह चौहान,बीजेपी
  • 1998- शिवराज सिंह चौहान,बीजेपी
  • 1999- शिवराज सिंह चौहान,बीजेपी
  • 2004- शिवराज सिंह चौहान,बीजेपी
  • 2006- रामपाल सिंह राजपूत,बीजेपी(उपचुनाव)
  • 2009 - सुषमा स्वराज,बीजेपी
  • 2014 - सुषमा स्वराज,बीजेपी
  • 2019 - रमाकांत भार्गव,बीजेपी

से कांग्रेस के पूर्व विदिशा संसदीय क्षेत्र सांसद प्रताप भानु शर्मा मैदान में

विदिशा। लोकसभा चुनाव को लेकर बिगुल बज चुका है. सभी प्रत्याशियों ने मैदान में दो-दो हाथ करने के लिए कमर कस ली है. विदिशा-रायसेन संसदीय सीट पर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं बुधवार को कांग्रेस ने लंबे मंथन के बाद विदिशा संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा को फिर मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला शिवराज सिंह चौहान से होगा. विदिशा संसदीय क्षेत्र से वे दो बार सांसद रह चुके हैं. वहीं शिवराज सिंह चौहान भी यहां से सांसद रह चुके हैं. इधर शिवसेना भी एमपी की 29 लोकसभा सीटों में से सिर्फ विदिशा-रायसेन संसदीय सीट से ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. शिवसेना ने अपने जिला अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह सिसोदिया को प्रत्याशी घोषित किया है.

पहले भी दोनों का हो चुका है आमना-सामना

वैसे तो विदिशा संसदीय क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है. कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा पहले भी शिवराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अब एक बार फिर 33 साल के बाद दोनों फिर मैदान में हैं.

Vidisha parliamentary constituency
विदिशा में नामांकन भरने पहुंचे अटल बिहारी

अटल बिहारी के खिलाफ लड़ चुके हैं चुनाव

विदिशा से कांग्रेस के एकमात्र सांसद रहे प्रताप भानु शर्मा इस सीट से एक बार फिर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इस बार उनका मुकाबला शिवराज सिंह चौहान से होगा. दो बार सांसद रहे प्रताप भानु शर्मा का 1991 में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ आमना-सामना हो चुका है. भले ही वे अटल बिहारी से चुनाव हार गए लेकिन उनकी तारीफ भी करते नजर आते हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के साथ अपने अनुभव और अटल बिहारी के समय के संस्मरण साझा किए.

Vidisha parliamentary constituency
विदिशा में चुनाव प्रचार के दौरान अटल बिहारी
Vidisha parliamentary constituency
1991 में अटल बिहारी वाजपेयी ने विदिशा से लड़ा था चुनाव

'बीजेपी ने अचानक बदला था प्रत्याशी'

पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा बताते हैं कि वह 10 साल यानी दो कार्यकाल विदिशा से सांसद रहे हैं. उनके लिए प्रचार के लिए इंदिरा गांधी भी आईं थी. वह बताते हैं कि "1991 में भारतीय जनता पार्टी ने अचानक अपना प्रत्याशी बदल दिया और राष्ट्रीय नेता के रूप में ख्याति प्राप्त अटल बिहारी वाजपेयी को यहां से उम्मीदवार बना दिया. तब उस दौरान बड़े कांग्रेस नेताओं ने उनकी संसदीय सीट बदलने की बात की थी लेकिन मैंने इसी सीट से अटलजी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया था". उन्होंने वह संस्मरण भी सुनाया जब अटल बिहारी वाजपेयी विदिशा कलेक्ट्रेट में अपना नामांकन दाखिल करने आए थे. उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार और जीत के बाद भी वह विदिशा नहीं आए और जीत के बाद उन्होंने विदिशा की सीट छोड़ दी थी.

'चुनाव अब जानी दुश्मन के रूप में लड़े जाते हैं'

कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप भानु शर्मा ने बताया कि "पुराने समय में लड़े जाने वाले चुनाव और आज के दौर के चुनाव में काफी बदलाव आ गया है. उस समय चुनाव स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ एक दूसरे का सम्मान रखते हुए लड़े जाते थे. तब पक्ष या विपक्ष के प्रत्याशी किसी पर निजी आक्षेप नहीं लगाते थे. चुनाव मुद्दों पर लड़े जाते थे लेकिन अब चुनाव मुद्दा विहीन होते हैं और निजी अक्षेप लगाए जाते हैं".

भाजपा पर उठाए सवाल

कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप भानु शर्मा ने भाजपा पर चाल,चरित्र और चेहरे का आरोप लगाते हुए कहा कि आज के नेताओं को हासिए पर रखा. उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को भी कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज और भाजपा के कई नेताओं का सम्मानपूर्वक नाम लेते हुए कहा कि यह नेता राजनीति के साथ अपने व्यवहार को भी संभाल कर रखते थे.उन्होंने कहा कि भाजपा जहां कांग्रेस मुक्त देश की बात करता था अब वही भाजपा कांग्रेस से युक्त हो गई है.

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MP कांग्रेस की तीसरी लिस्ट जारी, सिंधिया और शिवराज को टक्कर देंगे ये महारथी

दिग्विजय सिंह राजगढ़ से ठोकेंगे ताल, रतलाम से भूरिया को टिकट, कांग्रेस ने MP के लिए जारी की लोकसभा प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट

विदिशा संसदीय क्षेत्र के अब तक के सांसद

  • 1952-1962 तक निर्वाचन क्षेत्र मौजूद नहीं
  • 1967- पंडित शिव शर्मा, भारतीय जनसंघ
  • 1971- रामनाथ गोयनका, भारतीय जनसंघ
  • 1977- राघव जी भाई, जनता पार्टी
  • 1980- प्रताप भानु शर्मा,कांग्रेस
  • 1984- प्रताप भानु शर्मा,कांग्रेस
  • 1989- राघव जी भाई, बीजेपी
  • 1991- अटल बिहारी वाजपेयी,बीजेपी
  • 1991- शिवराज सिंह चौहान,बीजेपी(उपचुनाव)
  • 1996 -शिवराज सिंह चौहान,बीजेपी
  • 1998- शिवराज सिंह चौहान,बीजेपी
  • 1999- शिवराज सिंह चौहान,बीजेपी
  • 2004- शिवराज सिंह चौहान,बीजेपी
  • 2006- रामपाल सिंह राजपूत,बीजेपी(उपचुनाव)
  • 2009 - सुषमा स्वराज,बीजेपी
  • 2014 - सुषमा स्वराज,बीजेपी
  • 2019 - रमाकांत भार्गव,बीजेपी
Last Updated : Mar 28, 2024, 3:04 PM IST
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