विदिशा: पूर्व वित्त मंत्री राघव जी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने यौन शोषण मामले में उन्हें क्लीन चिट दे दी है. दरअसल, 11 साल पहले यौन शोषण के मामले में पूर्व वित्त मंत्री राघव जी के खिलाफ FIR की गई थी. राघव जी के द्वारा अपील करने पर जबलपुर उच्च न्यायालय ने पिछले साल जुलाई 2023 में उनके खिलाफ की गई FIR को रद्द कर दिया था. लेकिन मध्य प्रदेश शासन की ओर से दोबारा सर्वोच्च न्यायालय में राघव जी के खिलाफ याचिका दायर की गई. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पुन: रद्द करते हुए मध्य प्रदेश शासन को फटकार लगाई.
राघव जी बोले- सत्य की हुई जीत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व वित्त मंत्री राघव जी का कहना है कि, ''आखिर सत्य की विजय हुई. देर से ही सही 11 वर्ष के बाद बेदाग साबित हुआ हूं. उनके घोर राजनैतिक विरोधियों ने एक षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाया था, किन्तु उनके मनसूबों पर पानी फिर गया. हम यह कह सकते हैं कि सत्य प्रताड़ित हो सकता है, पराजित नहीं. मुझे क्लीन चिट दी गई है, मेरे खिलाफ दर्ज FIR रद्द की गई है. एक षड्यंत्र के तहत मुझे यौन शोषण के प्रकरण में फंसाया गया था. जिससे मेरी सोशल लाइफ और 60 साल के राजनीतिक सामाजिक जीवन पर ग्रहण लग गया था. भारत के कानून पर मुझे विश्वास था और उस विश्वास की जीत हुई. यदि इस बीच में मर जाता तो यह कलंक कभी न मिटता.''
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सहयोगी ने लगाया था यौन शोषण का आरोप
पूर्व वित्त मंत्री राघव जी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि, ''मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपना फैसला 2023 में दे दिया था और उसमें कोर्ट ने FIR को सिरे से खारिज कर दिया था कि यह केस चलने योग्य नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके खिलाफ लगी याचिका को खारिज कर क्लीन चिट दे दी है.'' बता दें कि, यह मामला जुलाई 2013 में भोपाल में दर्ज हुआ था. राघव जी के सहयोगी राजकुमार दांगी ने उनके खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस घटना की सीडी सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विदिशा शहर के कई समाजसेवियों कई वरिष्ठ नागरिकों ने राघव जी के निवास पर पहुंचकर उनका शॉल श्रीफल से सम्मान किया.