पटना : नीतीश कैबिनेट ने बिहार में वाहनों का व्यवसायिक परमिट शुल्क घटा दिया है. ऑटो रिक्शा से लेकर बस तक का परमिट शुल्क आधे से भी काम हो गया है. सरकार ने यह फैसला बिहार में वाहनों की बिक्री अधिक हो इसको ध्यान में रखकर किया है, क्योंकि पड़ोसी राज्यों में परमिट शुल्क कम लिया जाता है.
नीतीश कैबिनेट का फैसला : गाड़ियों के नीतीश सरकार के इस फैसले से वाहनों के दामों में काफी अंतर आ गया है. मोटर बाइक से लेकर भारी माल वाहक तक के परमिट शुल्क घटा दिए हैं. ऑटो रिक्शा का पहले 5650 शुल्क लिया जाता था, लेकिन आप व्यापसायिक परमिट शुल्क 1150 कर दिया गया है.
बिहार में वाहनों का परमिट हुआ सस्ता : पहले मोटर कैब, मैक्सी कैब, मिनी बस व्यावसायिक परमिट शुल्क के 23650 लिए जा रहे थे, लेकिन अब घटकर तीनों के काफी कम हो गए हैं. अब मोटर कैब के 4150 रुपए शुल्क कर दिया गया है, तो वहीं मैक्सी कैब के 5150 और मिनी बस के 7150 रुपए ही लगेगा. नीतीश कैबिनेट के इस फैसले से बिहार के लोगों को इससे बड़ी राहत मिलेगी.
कम कीमत से बढ़ेगी वाहनों की बिक्री : कैबिनेट में लिए गए फैसले के अनुसार वाहनों का व्यवसायिक परमिट शुल्क इस प्रकार से है- मोटरबाइक का पहले जहां 1650 रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क चुकाने होते थे अभ 1160 रुपए देने होंगे. ऑटो रिक्शा के लिए जहां पहले 5650 रुपए देने पड़ते थे अब 1150 रुपए ही देने होंगे.
वाहनों का बदला परमिट शुल्क : मोटर कैब 5 से 7 सीट के लिए व्यावसायिक शुल्क 23650 रुपए चुकाने होते थे, जो अब 6 गुना कम हो गया है. मिनी बस 13 से 23 सीट वाले का परमिट शुल्क भी घटाकर 23650 से 7150 कर दिया गया है, जबकि बस 23 सीट से अधिक का 8500 से 9000 रुपये और ट्रैक्टर ट्रेलर समेत व्यापसायिक शुल्क 3000 कर दिया गया है. भारी मालवाहक वाहनों का परमिट शुल्क भी 8200 रुपए से 7000 कर दिया गया है.
टैक्स बढ़ाएगा रेवेन्यू : कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में टैक्स कम होने के कारण बिहार को नुकसान हो रहा था. इसीलिए सरकार ने यह फैसला लिया है. इससे गाड़ियों की बिक्री बढ़ेगी तो बिहार को टैक्स भी अधिक मिलेगा.
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