कोटा : चंबल नदी पर 1400 करोड़ रुपए खर्च कर हेरिटेज रिवरफ्रंट का निर्माण कांग्रेस शासन में हुआ था. इसमें कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी (केडीए) लगातार नए प्रयोग कर रही है. पर्यटकों की सुविधा बढ़ाने के लिए अब ऑनलाइन टिकट की सुविधा शुरू कर दी गई है. इसके साथ ही पोलो कार्ट के किराए में भी कमी की गई है. इसके तहत अब चंबल रिवरफ्रंट के 200 रुपए के टिकट के साथ 100 रुपए अतिरिक्त देकर शटल की सुविधा शुरू कर दी गई है. चंबल नदी के दोनों छोर पर आने और जाने के लिए बोट की सेवा शुरू की गई है. हालांकि, बैराज से पानी छोड़ने के चलते इसे फिलहाल के लिए रोक दिया गया है. चंबल रिवरफ्रंट के अधिशासी अभियंता विद्युत ललित मीणा ने बताया कि चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. वाटर पार्क इसमें शुरू कर दिया गया है. इसमें इस तरह की सुविधा है कि कोई पूल पार्टी करना चाहता है तो वैसा भी इंतजाम हो जाता है.
प्रत्येक घाट पर मिलेगी शटल सर्विस : चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट पर घूमने आने वाले पर्यटकों को 80 रुपए में 45 मिनट के लिए पोलो कार्ट किराए पर मिलती थी, लेकिन यह महंगी पड़ रही थी. इतने समय में पूरा रिवरफ्रंट देख पाना भी संभव नहीं था. ऐसे में अब टिकट के साथ 100 रुपए अतिरिक्त देने पर पर्यटकों को पोलो कार्ट के जरिए शटल की सुविधा मिलेगी. टिकट को भी ऑनलाइन कर दिया गया है. पहले चंबल के ईस्ट व वेस्ट घाट पर आने जाने के लिए रिवर फ्रंट से बाहर निकल कर जाना होता था. अब पर्यटकों के सुविधा के लिए आपस में बोट से आ जा सकेंगे.
बदल दिया फाउंटेन शो का टाइमिंग : पर्यटकों की सुविधा के अनुसार ही बैराज गार्डन में होने वाले फाउंटेन शो के समय में परिवर्तन कर दिया गया है. अब शाम को 7:30, 8:30 और 9:30 बजे यह आयोजित किया जाएगा. इसका कंटेंट भी कोटा, कोचिंग, घड़ियाल और चंबल नदी पर है. इसके अलावा लगून फाउंटेन, जिसे इंडिया फाउंटेन के नाम से जाना जाता है, यह भी बुर्ज खलीफा के नजदीक बने फाउंटेन की तरह है. चंबल माता की आरती भी विधिवत रूप से होती है. इसको लेकर भी बड़ी संख्या में लोग वहां पर मौजूद रहते हैं.
पर्यटक अनुरूप कर दिए इवेंट : केडीए ने हर घाट पर चलने वाले इवेंट में भी काफी बदलाव किया है. इनके कैरेक्टर लोगों की पसंद के अनुसार बदल दिए गए हैं. बैराज गार्डन में गोल्डन मैन का स्टैच्यू बनाया है. इसके अलावा आगरा फोर्ट, मरु घाट और वर्ल्ड हेरिटेज इवेंट बदले हैं. वर्ल्ड हेरिटेज पर कलाकार अपनी प्रस्तुति देते हैं. जिनके साथ पर्यटक भी गीत गा सकते हैं. वहां पर खाने-पीने की व्यवस्था के अलावा इंजॉय करने के लिए म्यूजिक सिस्टम भी है. राजस्थानी कलाकारों को यहां का एंबेसडर बनाया हुआ है. बच्चों के लिए सिंह चौक पर जादूगरी शो आयोजित किया जाता है.
9.5 लाख से ज्यादा टूरिस्ट, 13 करोड़ की आय : करीब 1 साल में 9.5 लाख से ज्यादा टूरिस्ट यहां पर पहुंचे हैं, जिनमें 6.5 लाख से ज्यादा टूरिस्ट पैसा देकर आए हैं. वहीं, 3 लाख के आसपास टूरिस्ट सरकार की निशुल्क योजना के तहत आए हैं. इन टूरिस्ट के टिकट से केडीए को करीब 13 करोड़ के आसपास की आय हुई है. हालांकि अभी रिवरफ्रंट पर कई सारी दुकाने खाली पड़ी हुई हैं, इनके किराए पर चले जाने के बाद रिवरफ्रंट की आय और बढ़ जाएगी.
फिल्म शूटिंग के लिए भी चार्ज किए तय : रिवरफ्रंट पर फिल्म शूटिंग, पार्टी हॉल और शटल सर्विस भी शुरू की गई है. अधिशासी अभियंता ललित मीणा के अनुसार शूटिंग के लिए प्रतिघाट और प्रतिदिन के हिसाब से किराया तय किया गया है. इसमें भारतीय सीरियल के लिए एक लाख, विदेशी सीरियल के लिए 2 लाख रुपए तय किए गए हैं. वहीं, भारतीय एडवरटाइजिंग के लिए 5000 रुपए और विदेशी के लिए 10000 रुपए तय हैं. भारतीय फिल्म के लिए तीन लाख और विदेशी फिल्म के लिए 5 लाख रुपए तय किए गए हैं. 500 गेस्ट की क्षमता के पार्टी हॉल का 70000 रुपए किराया तय किया गया है, जबकि 200 गेस्ट क्षमता के छोटे हॉल का किराया 54000 रुपए तय किया गया है.
पढ़ें. Chambal Heritage Riverfront : जर्मन से आए स्टूडेंट के दल ने किया भ्रमण, रिवरफ्रंट को बताया 'अद्भुत'
टेंट का भी लोगों को इंतजार : रिवरफ्रंट पर टेंट सिटी स्थापित करने का कॉन्ट्रैक्ट अनंतम फर्म को दिया गया था, जिसे 40 रूम वाली टेंट सिटी स्थापित करनी थी. फर्म ने यह काम अभी तक भी नहीं किया है. केडीए को सालाना 2.15 करोड़ रुपए लेने थे. यह किराया भी हर साल 10 फीसदी बढ़ना था. हालांकि, अभी तक यह टेंट सिटी स्थापित नहीं की गई है. केडीए के अधिकारियों ने इस फर्म को चेतावनी भी दी है. इंजीनियर के मुताबिक संवेदक ने कुछ काम तो शुरू किया था, लेकिन फिलहाल काम बंद है.
विश्व के सबसे बड़े घंटे भी बाकी : विश्व के सबसे बड़े घंटे का निर्माण भी करीब 23 करोड़ रुपए से चंबल नदी के ईस्ट घाट पर करवाया गया है. यह घंटा सांचे में बनकर तैयार है, लेकिन पहले इसको निकालने को लेकर विवाद हो गया था. बाद में इंजीनियर की ही निकलते समय मौत हो गई. इसके बाद इस घंटे को निकालना केडीए के लिए टेढ़ी खीर बना हुआ है. केडीए के अधिकारी इसे निकालने का कई बार जतन कर चुके हैं, वर्तमान में भी इसे निकालने की कोशिश की जा रही है. इस घंटे के निर्माण करते समय घंटे को सांचे से निकालकर हैंगर पर लटकाने के बाद एक रिकॉर्ड भी बन जाएगा. यह विश्व का सबसे बड़ा घंटा होगा, जो कि हैंगर पर लटका है.