वाराणसी : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की रोक के बावजूद चाइनीज मांझे की बिक्री थम नहीं रही है. नतीजतन हर रोज किसी न किसी शहर से रोजाना मांझे से दुर्घटना की खबरें आ रही हैं. चाइनीज मांझे की चपेट में आने से मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ऐसी घटनाएं ज्यादा हुई हैं. हाल ही के दिनों में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में समाजवादी पार्टी ने अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन शुरू किया जा रहा है.
समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित के नेतृत्व में शनिवार को सपाइयों ने 21 फीट का चाइनीज मांझा का प्रतीकात्मक राक्षस बनाकर सराय मोहाना से मोटरबोट के जरिए विरोध मार्च निकाला. सपाइयों ने भैंसासुर राजघाट से मार्च निकाला. पुतले पर 'मैं चाइनीज मांझा राक्षस हूं, मैं लोगों का खून पीता हूं' लिखा हुआ था. विरोध मार्च नमो घाट, गायघाट, मणिकर्णिका घाट, दशाश्वमेध घाट, केदारघाट होते हुए असी घाट पर पहुंचा. इसके बाद पुतले को गंगा उस पार बालू में दफना दिया गया. हालांकि इस दौरान पुलिस का सख्ती का सामना भी करना पड़ा.
21 फीट का चाइनीज राक्षस का पुतला गंगा घाट किनारे लोगों के कौतूहल का विषय बना रहा. पर्यटकों के साथ ही काशीवासी पुतले की वीडियो और फोटोग्राफी करते दिखे. विरोध मार्च में शामिल लोगों का कहना था कि वे चाइनीज मांझे के विरोध में हैं और सरकार से इसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हैं. सपा नेता किशन दीक्षित ने कहा कि चाइनीज मांझा का आतंक देशभर में फैला हुआ है. मांझा न केवल पक्षियों की जान ले रहा है, बल्कि इंसानों की भी जान ले रहा है. सवाल यह उठता है कि जब चाइनीज मांझा पर प्रतिबंध है तो यह बाजार में कैसे बिक रहा है. इसका जवाब न होना सत्ता और प्रशासन की नाकामी है.