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वाराणसी रोपवे परियोजना ; पहले चरण का काम लगभग पूरा, अप्रैल-मई में हो सकता है लोकार्पण - VARANASI ROPEWAY PROJECT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है परियोजना. दूसरे चरण में गोदौलिया स्टेशन निर्माण शुरू किया जाएगा.

वाराणसी रोपवे परियोजना
वाराणसी रोपवे परियोजना. (Photo Credit ; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 8, 2025, 12:30 PM IST

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट रोपवे परियोजना के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है. दूसरे चरण के तहत जल्द ही गोदौलिया स्टेशन का निर्माण शुरू हो जाएगा. बता दें, बनारस में देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्टेशन की शुरुआत की जा रही है, जो कैंट रेलवे स्टेशन से लेकर गोदौलिया तक यात्रियों को हवा में सैर कराएगी. इस योजना के तहत जहां पर्यटकों को काशी में नई सुविधा का एहसास करना है. वहीं बनारस की यातायात व्यवस्था को सुगम करना है. संभावना जताई जा रही है कि आगामी अप्रैल-मई महीने से यात्री इस पर सफर करना शुरू कर देंगे.


बनारस के चर्चित रोप वे प्रोजेक्ट का इंतजार न सिर्फ बनारसवासियों को है, बल्कि देश-विदेश से काशी आने वाले पर्यटकों को भी है. फिलहाल अब एलाइनमेंट ट्रायल के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि आगामी 2 से 3 महीने में यह आम पब्लिक के लिए शुरू कर दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे. अब तक इस परियोजना की बात करें तो प्रोजेक्ट के लिए तीन आवश्यक स्टेशन का काम अंतिम चरण में है. इसके बाद गोदौलिया पर स्टेशन बनाने का काम शुरू किया जाएगा.

देखें ; वाराणसी रोपवे परियोजना को लेकर ईटीवी भारत की खबर. (Video Credit ; ETV Bharat)


खत्म हुई रोपवे की बाधा, दूसरे चरण का काम शुरू : रोप वे से संबंधित अधिकारियों की मानें तो उनका कहना है कि रोप वे परियोजना में सबसे बड़ी बाधा गोदौलिया स्टेशन की थी. जिसे जिला प्रशासन की ओर से दूर कर लिया गया है. क्योंकि वर्तमान समय में बनारस में महाकुंभ के पलट प्रवाह के कारण बड़ी संख्या में लोगों का आगमन हो रहा है और सबसे ज्यादा भीड़ गोदौलिया क्षेत्र में हो रही है. जहां पर रोपवे के अंतिम स्टेशन को तैयार करना है. भीड़ के कारण वहां पर कार्य सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है. जैसे ही पलट प्रवाह का दौर खत्म होगा. उसके तुरंत बाद अंतिम चरण के स्टेशन को बनाने की शुरुआत की जाएगी. वर्तमान समय में एलाइनमेंट ट्रायल शुरू किया गया है. जल्द ही फाइनल ट्रायल के बाद इसे पब्लिक के लिए शुरू कर दिया जाएगा.



बताते चलें कि बनारस में रोपवे का निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी के देखरेख में किया जा रहा है. जो कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक 4 किलोमीटर लंबे मार्ग के लिए किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के माध्यम से महज 16 मिनट में लोग कैंट से गोदौलिया तक का सफर कर तय कर सकेंगे. इसके लिए पांच स्टेशन और 29 टावर लगाए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस योजना में 50 मीटर की ऊंचाई होगी. कुल 150 केबल कर संचालित होगी, जिसमें एक केबल कार में 10 पैसेंजर सवार होंगे और 1 घंटे में दोनों साइड से 600 ट्रालियों का संचालन किया जाएगा. इस पर 6000 यात्री सवार हो सकेंगे और लोगों को रोपने में बैठने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसके पहले इस 4 किलोमीटर के सफर को तय करने में 40 से 45 मिनट लगता है. खास बात यह है कि इस ट्रांसपोर्ट से हर दिन जहां 60 से 80 हजार लोग सफर कर सकेंगे, तो वहीं हर 90 सेकंड में यहां से लोगों को ट्रॉली मिलेगी.



स्टेशन व ट्रॉली पर दिखेगी बनारस के विरासत की झलक : रोप वे के लिए बनने वाले सभी स्टेशन पर बनारस की कला धर्म संस्कृति के साथ बाबा विश्वनाथ का त्रिशूल और डमरू नजर आएगा. साथ ही ट्राली पर बनारस के घाट के दृश्य वह बनारस के संस्कृति से जुड़े हुए अलग-अलग आकार बनाए जाएंगे.

प्रत्येक टावर पर लग रहे पांच तरह के रोप : प्रत्येक टावर पर पांच तरह के रस्सी लगाए जा रहे हैं. सबसे पहले एक मिलीमीटर मोटे फाइबर रोप को ड्रोन से पुल किया गया है. उसके बाद बारी-बारी से 3 मिलीमीटर के 12, 26 मिली मीटर और 52 मिलीमीटर मोटी रस्सी लगाई गई है. साथ ही रोप को नियंत्रित करने के लिए भारत माता मंदिर रोपवे स्टेशन के सामने लगभग 70 मीटर लंबा प्लेटफॉर्म भी बनाया जा रहा है जो लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है. यदि एलीवेटर और एक्सीलेटर की बात करें तो कैंट रेलवे स्टेशन पर छह एलीवेटर, 4 एक्सीलेटर, विद्यापीठ में चार एलीवेटर, 4 एक्सीलेटर, रथ यात्रा में चार एलीवेटर 5 एक्सीलरेटर लगाया जा रहे हैं.



रोप वे परियोजना पर एक नजर

  • रोप वे परियोजना को स्विट्जरलैंड की कंपनी तैयार कर रही है.
  • पहले चरण में 4 किलोमीटर के दायरे में रोप वे का संचालन शुरू होगा.
  • कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक इसका संचालन 5 स्टेशन 29 टॉवर बनाए जाएंगे.
  • वाराणसी के कैंट, भारत माता मंदिर, रथ यात्रा स्टेशन पर कार्य 80% पूरा हो चुका है.
  • लगभग 4 किलोमीटर के सफर को तय करने में 16 मिनट का समय लगेगा.
  • 50 मीटर की ऊंचाई पर 150 ट्राली संचालित होंगी.
  • एक ट्राली में 10 पैसेंजर बैठेंगे, जहां 1 घंटे में 600 ट्रालियों का संचालन दोनों तरफ़ से होगा.जिसमें 6000 यात्री सफर करेंगे.
  • लगभग 644.49 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है.
  • 24 मार्च 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास किया था.
  • अप्रैल मई 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें : वाराणसी में पीएम मोदी ने किया रोपवे का डिजिटल सफर, जानिए स्विट्जरलैंड से लाई गई इस ट्रॉली की खासियत - वाराणसी गोंडोला ट्रॉली

यह भी पढ़ें : वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार, शुरू हुई जमीन की रजिस्ट्री - वाराणसी की खबरें

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट रोपवे परियोजना के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है. दूसरे चरण के तहत जल्द ही गोदौलिया स्टेशन का निर्माण शुरू हो जाएगा. बता दें, बनारस में देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्टेशन की शुरुआत की जा रही है, जो कैंट रेलवे स्टेशन से लेकर गोदौलिया तक यात्रियों को हवा में सैर कराएगी. इस योजना के तहत जहां पर्यटकों को काशी में नई सुविधा का एहसास करना है. वहीं बनारस की यातायात व्यवस्था को सुगम करना है. संभावना जताई जा रही है कि आगामी अप्रैल-मई महीने से यात्री इस पर सफर करना शुरू कर देंगे.


बनारस के चर्चित रोप वे प्रोजेक्ट का इंतजार न सिर्फ बनारसवासियों को है, बल्कि देश-विदेश से काशी आने वाले पर्यटकों को भी है. फिलहाल अब एलाइनमेंट ट्रायल के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि आगामी 2 से 3 महीने में यह आम पब्लिक के लिए शुरू कर दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे. अब तक इस परियोजना की बात करें तो प्रोजेक्ट के लिए तीन आवश्यक स्टेशन का काम अंतिम चरण में है. इसके बाद गोदौलिया पर स्टेशन बनाने का काम शुरू किया जाएगा.

देखें ; वाराणसी रोपवे परियोजना को लेकर ईटीवी भारत की खबर. (Video Credit ; ETV Bharat)


खत्म हुई रोपवे की बाधा, दूसरे चरण का काम शुरू : रोप वे से संबंधित अधिकारियों की मानें तो उनका कहना है कि रोप वे परियोजना में सबसे बड़ी बाधा गोदौलिया स्टेशन की थी. जिसे जिला प्रशासन की ओर से दूर कर लिया गया है. क्योंकि वर्तमान समय में बनारस में महाकुंभ के पलट प्रवाह के कारण बड़ी संख्या में लोगों का आगमन हो रहा है और सबसे ज्यादा भीड़ गोदौलिया क्षेत्र में हो रही है. जहां पर रोपवे के अंतिम स्टेशन को तैयार करना है. भीड़ के कारण वहां पर कार्य सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है. जैसे ही पलट प्रवाह का दौर खत्म होगा. उसके तुरंत बाद अंतिम चरण के स्टेशन को बनाने की शुरुआत की जाएगी. वर्तमान समय में एलाइनमेंट ट्रायल शुरू किया गया है. जल्द ही फाइनल ट्रायल के बाद इसे पब्लिक के लिए शुरू कर दिया जाएगा.



बताते चलें कि बनारस में रोपवे का निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी के देखरेख में किया जा रहा है. जो कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक 4 किलोमीटर लंबे मार्ग के लिए किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के माध्यम से महज 16 मिनट में लोग कैंट से गोदौलिया तक का सफर कर तय कर सकेंगे. इसके लिए पांच स्टेशन और 29 टावर लगाए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस योजना में 50 मीटर की ऊंचाई होगी. कुल 150 केबल कर संचालित होगी, जिसमें एक केबल कार में 10 पैसेंजर सवार होंगे और 1 घंटे में दोनों साइड से 600 ट्रालियों का संचालन किया जाएगा. इस पर 6000 यात्री सवार हो सकेंगे और लोगों को रोपने में बैठने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसके पहले इस 4 किलोमीटर के सफर को तय करने में 40 से 45 मिनट लगता है. खास बात यह है कि इस ट्रांसपोर्ट से हर दिन जहां 60 से 80 हजार लोग सफर कर सकेंगे, तो वहीं हर 90 सेकंड में यहां से लोगों को ट्रॉली मिलेगी.



स्टेशन व ट्रॉली पर दिखेगी बनारस के विरासत की झलक : रोप वे के लिए बनने वाले सभी स्टेशन पर बनारस की कला धर्म संस्कृति के साथ बाबा विश्वनाथ का त्रिशूल और डमरू नजर आएगा. साथ ही ट्राली पर बनारस के घाट के दृश्य वह बनारस के संस्कृति से जुड़े हुए अलग-अलग आकार बनाए जाएंगे.

प्रत्येक टावर पर लग रहे पांच तरह के रोप : प्रत्येक टावर पर पांच तरह के रस्सी लगाए जा रहे हैं. सबसे पहले एक मिलीमीटर मोटे फाइबर रोप को ड्रोन से पुल किया गया है. उसके बाद बारी-बारी से 3 मिलीमीटर के 12, 26 मिली मीटर और 52 मिलीमीटर मोटी रस्सी लगाई गई है. साथ ही रोप को नियंत्रित करने के लिए भारत माता मंदिर रोपवे स्टेशन के सामने लगभग 70 मीटर लंबा प्लेटफॉर्म भी बनाया जा रहा है जो लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है. यदि एलीवेटर और एक्सीलेटर की बात करें तो कैंट रेलवे स्टेशन पर छह एलीवेटर, 4 एक्सीलेटर, विद्यापीठ में चार एलीवेटर, 4 एक्सीलेटर, रथ यात्रा में चार एलीवेटर 5 एक्सीलरेटर लगाया जा रहे हैं.



रोप वे परियोजना पर एक नजर

  • रोप वे परियोजना को स्विट्जरलैंड की कंपनी तैयार कर रही है.
  • पहले चरण में 4 किलोमीटर के दायरे में रोप वे का संचालन शुरू होगा.
  • कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक इसका संचालन 5 स्टेशन 29 टॉवर बनाए जाएंगे.
  • वाराणसी के कैंट, भारत माता मंदिर, रथ यात्रा स्टेशन पर कार्य 80% पूरा हो चुका है.
  • लगभग 4 किलोमीटर के सफर को तय करने में 16 मिनट का समय लगेगा.
  • 50 मीटर की ऊंचाई पर 150 ट्राली संचालित होंगी.
  • एक ट्राली में 10 पैसेंजर बैठेंगे, जहां 1 घंटे में 600 ट्रालियों का संचालन दोनों तरफ़ से होगा.जिसमें 6000 यात्री सफर करेंगे.
  • लगभग 644.49 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है.
  • 24 मार्च 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास किया था.
  • अप्रैल मई 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है.

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