वाराणसी : ज्ञानवापी में कथित शिवलिंग को फव्वारा कह दिया गया था. मामले में हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी और सपा मुखिया अखिलेश यादव पर एफआईआर की मांग वाली याचिका पर आज वाराणसी कोर्ट में सुनवाई होगी. वाराणसी के एडीजे नवम कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों को तलब किया गया है, लेकिन अब तक दोनों पक्षों के वकील हाजिर नहीं हुए हैं.
वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी समेत मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी और लगभग 2000 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.
हरिशंकर पांडेय का कहना है कि वजूखाने में मिले शिवलिंग को बार-बार फव्वारा कहकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम इन दोनों नेताओं ने किया. इसके अलावा आस्था पर चोट पहुंचाते हुए वर्ग विशेष के लोगों ने उस स्थान पर गंदगी फैलाई और इतने दिनों तक उसे साफ-सुथरा भी नहीं रखा. इसलिए सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना आवश्यक है.
ओवैसी की तरफ से एहतेशाम आब्दी और शाहनवाज परवेज कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे, जबकि अखिलेश यादव की तरफ से वादी अधिवक्ता अनुज यादव बहस को आगे बढ़ा रहे हैं. अपर जिला जज नवम की अदालत में सिविल कोर्ट एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने वजूखाने में मिले शिवलिंग जैसी संरचना को लेकर अखिलेश यादव और ओवैसी पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया है.
फिलहाल लंबे वक्त से यह मामला कोर्ट में चल रहा है. इसके पहले इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था, लेकिन पुनर्विचार याचिका दायर करने के बाद कोर्ट ने इस मामले को फिर से सुनने का काम शुरू कर दिया है.
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