वाराणसी : बनारस में गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अब गंगा घाटों का संपर्क एक-दूसरे से पूरी तरह से टूट चुका है. गंगा किनारे चहलकदमी करने वाले पर्यटकों को भी अब एक घाट से दूसरे घाट तक जाना मुश्किल हो गया है. सोमवार को गंगा के जलस्तर में और भी इजाफा हो गया. केंद्रीय जल आयोग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक गंगा के जलस्तर में लगभग 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है. पहाड़ों पर हो रही बारिश की वजह से गंगा उफनाती जा रही है. गंगा की सहायक नदी वरुणा पर भी इसका असर देखा जा रहा है. इसकी वजह से वाराणसी में विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती की जगह में भी परिवर्तन किया गया है. दशाश्वमेध घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती का स्थान अपने निर्धारित जगह से और ऊपर कर दिया गया है. जलस्तर बढ़ने के साथ अब हर दिन स्थान में बदलाव हो सकता है. अस्सी घाट पर भी गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से गंगा आरती के स्थान में परिवर्तन हुआ है.
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक सोमवार की सुबह 8:00 बजे तक गंगा का जलस्तर 62.60 मीटर रिकॉर्ड किया गया. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. पहले जहां गंगा का जलस्तर स्थिर था वहीं अब गंगा में उफान है. लगातार पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बरसात का व्यापक असर गंगा के जलस्तर पर पड़ रहा है. इसका बड़ा असर वाराणसी में भी नजर आने लगा है. वाराणसी में गंगा घाटों की लंबी श्रृंखला धीरे-धीरे पूरी तरह से पानी में समा रही है.
आगामी सप्ताह में और बढ़ेगा जलस्तर : केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा के जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि सावन के महीने में गंगा का जलस्तर हर वर्ष इससे भी ज्यादा ऊपर होता था, लेकिन अभी जलस्तर नीचे है और माना जा रहा है कि आने वाले एक सप्ताह के अंदर गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है.
गंगा घाटों पर कम हो गए पुजारी-पंडा : गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी का असर गंगा घाटों पर दिखने लगा है. गंगा घाटों से पुजारी पंडा कम हो चुके हैं वहीं अब शाम को होने वाली दशाश्वमेध घाट की विश्व प्रसिद्ध गंगा सेवा निधि की गंगा आरती भी अपने स्थान से अब दूसरे जगह पर शुरू की गई है. गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा का कहना है कि हर वर्ष गंगा जैसे-जैसे ऊपर आती है, वैसे-वैसे प्रतिदिन या एक दिन छोड़कर अगले दिन गंगा आरती के स्थान को परिवर्तित करना पड़ता है.
कार्यालय की छत पर हो सकती है आरती : गंगा आरती वैसे गंगा घाट के ऊपर बने अलग-अलग प्लेटफार्म पर होती है, लेकिन सोमवार को गंगा का जलस्तर काफी ऊपर आ जाने की वजह से गंगा आरती का यह प्लेटफार्म बदलकर ऊपर दूसरे स्थान पर गंगा आरती की गई. गंगा आरती के स्थान में परिवर्तन लगातार होता है और यदि गंगा का जलस्तर गंगा घाटों तक पहुंच जाता है तो मां गंगा की नियमित गंगा आरती गंगा सेवा निधि के कार्यालय की छत पर शुरू होती है.
उन्होंने बताया कि इस दौरान पर्यटकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गंगा का प्रभाव तेज होने के कारण गंगा आरती देखने वालों की संख्या भी निर्धारित कर दी जाती है. फिलहाल अभी गंगा घाट पर ही स्थान परिवर्तन हुआ है लेकिन जलस्तर तेजी से बढ़ाने की वजह से आगे और भी परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं.
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