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काशी के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में दशकों से बंद शिव मंदिर में पूजा अर्चना की उठी मांग, पुलिस तैनात - SHIVA TEMPLE IN VARANASI

Shiva Temple in Varanasi : सनातन रक्षक दल ने मंदिर खोले जाने की उठाई मांग. प्रशासन ने पुलिस फोर्स तैनात की.

वाराणसी के मुस्लिम बहुल इलाके में मिला बंद शिव मंदिर.
वाराणसी के मुस्लिम बहुल इलाके में मिला बंद शिव मंदिर. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 17, 2024, 7:19 PM IST

वाराणसी : संभल में मंदिर के सामने आने के बाद उसमें पूजा पाठ शुरू होने के साथ ही अब प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से घनी आबादी वाले मिश्रित इलाकों में मंदिर होने की आवाज उठने लगी है. इसी क्रम में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मुस्लिम बहुल इलाके मदनपुरा में एक मुस्लिम परिवार के घर में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है. दावा है कि इस मंदिर में लगभग 40 से 50 साल से ताला बंद है. सनातन रक्षक दल और अन्य सनातन धर्मियों ने मंदिर को खोले जाने की मांग की है. बहरहाल अब मंगलवार से भारी फोर्स की तैनाती की गई है.

वाराणसी के मुस्लिम बहुल इलाके में मिला बंद शिव मंदिर. (Video Credit : ETV Bharat)

बता दें, वाराणसी का मदनपुरा इलाका मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है. बीते सोमवार को यहां पर एक मंदिर मिलने की बात कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुई थी. इसके बाद सनातन रक्षक दल के अजय शर्मा यहां पहुंचे और जांच पड़ताल शुरू कर दी. इसकी खबर मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. वहीं मंगलवार सुबह से ही यहां पर लोगों का जमावड़ा लगने लगा. देर शाम तक यहां पर पुलिस फोर्स की मौजूदगी में प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे. एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की.


एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा का कहना है कि हमारे संज्ञान में यह बात आई है कि यहां एक मंदिर मिला है. इसकी जांच कराई जा रही है. अभी तीन से चार दिन का वक्त लगेगा. हमारे लीगल एडवाइजर इस मामले को देखेंगे. जिनकी मदद से यह जानने की कोशिश होगी कि यह मंदिर कितना पुराना है और कब तैयार हुआ था. इससे जुड़ी समस्त जानकारियां और दस्तावेजों को निकालने की कोशिश की जा रही है. फिलहाल देखने में मंदिर का स्ट्रक्चर नजर आ रहा है. बाहर होने की वजह से यह सार्वजनिक भी है. मंदिर किसी वर्ग विशेष या परिवार का नहीं हो सकता है. मंदिर सभी लोगों के लिए पूजा स्थल होता है. इसलिए इसकी जांच पड़ताल के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.


डीसीपी काशी जोन गौरव वंसवाल का कहना है कि मंदिर मिला यह बात गलत है, क्योंकि मंदिर यहां शुरू से ही है और कई सौ साल पुराना है. यह मंदिर और इसके ताले को खुलवाने की प्रक्रिया की जा रही है. ताला किसने बंद किया कब से बंद है, यह बात की भी जांच पड़ताल कराई जा रही है. पीएसी और लोकल पुलिस को यहां तैनात कर दिया गया है. आसपास के लोगों को यहां पूजा पाठ होने या अन्य किसी भी कम से कोई आपत्ति नहीं है. जांच पड़ताल के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

हालांकि जिस मकान में यह मंदिर है उस मकान में रहने वाले वर्ग विशेष के लोग इस बात से खफा हैं. उनका कहना है इतने सालों से यह मंदिर बंद है. हमने कभी से खुला नहीं देखा. अचानक इसको लेकर इस तरह की चीज नहीं होनी चाहिए. यह माहौल बिगाड़ सकती है. कुछ लोगों का कहना था कि मंदिर है तो पूजा पाठ हो, लेकिन माहौल नहीं बिगाड़ना चाहिए.



सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा का कहना है कि हमें प्रशासन ने एक सप्ताह का समय देने के लिए कहा है. हम एक सप्ताह तक इंतजार कर रहे हैं और मंदिर अगर मिला है तो इसकी पूजा पाठ होनी चाहिए. अजय शर्मा का कहना है कि पुष्प दंतेश्वर से लेकर दक्षिण तक 18 पौराणिक लिंग तीर्थ लुप्त हैं जो इसी क्षेत्र में हैं. इसकी खोज बहुत लंबे वक्त से की जा रही है. देवनाथपुरा मदनपुरा और केदारघाट के बीच ऐसे 18 पौराणिक मंदिर हैं. जिनको खोजा जा रहा है जो यह मंदिर है उसकी पहचान सिद्ध तीर्थ कूप के रूप में मानी जा सकती है.

अजय शर्मा का कहना है कि यह पूरा इलाका किसी समय में हिंदू आबादी का हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे इस इलाके में मिश्रित आबादी बसती चली गई और वर्ग विशेष के लोगों ने कई मकान खरीद लिए. उनका कहना है कि आसपास बड़ी संख्या में पहले यहां पर बंगाली आबादी ही हुआ करती थी. बंगाली परिवार यहां रहा करते थे, लेकिन समय के साथ यहां से लोग दूर हो गए. फिलहाल इस मामले की जांच अधिकारियों द्वारा की जा रही है. इसके बाद ही कोई कार्रवाई प्रशासन करेगा. हालांकि यहां पूजा पाठ की मांग की गई है.

यह भी पढ़ें : इस मंदिर में तिल के बराबर हर रोज बढ़ते हैं शिव, अद्भुत है कहानी - Mahashivratri 2021

यह भी पढ़ें : संभल शिव मंदिर; 1978 में पलायन कर गए थे रस्तोगी समाज के लोग, बंद हो गई थी पूजा - SAMBHAL SHIV MANDIR

वाराणसी : संभल में मंदिर के सामने आने के बाद उसमें पूजा पाठ शुरू होने के साथ ही अब प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से घनी आबादी वाले मिश्रित इलाकों में मंदिर होने की आवाज उठने लगी है. इसी क्रम में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मुस्लिम बहुल इलाके मदनपुरा में एक मुस्लिम परिवार के घर में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है. दावा है कि इस मंदिर में लगभग 40 से 50 साल से ताला बंद है. सनातन रक्षक दल और अन्य सनातन धर्मियों ने मंदिर को खोले जाने की मांग की है. बहरहाल अब मंगलवार से भारी फोर्स की तैनाती की गई है.

वाराणसी के मुस्लिम बहुल इलाके में मिला बंद शिव मंदिर. (Video Credit : ETV Bharat)

बता दें, वाराणसी का मदनपुरा इलाका मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है. बीते सोमवार को यहां पर एक मंदिर मिलने की बात कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुई थी. इसके बाद सनातन रक्षक दल के अजय शर्मा यहां पहुंचे और जांच पड़ताल शुरू कर दी. इसकी खबर मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. वहीं मंगलवार सुबह से ही यहां पर लोगों का जमावड़ा लगने लगा. देर शाम तक यहां पर पुलिस फोर्स की मौजूदगी में प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे. एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की.


एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा का कहना है कि हमारे संज्ञान में यह बात आई है कि यहां एक मंदिर मिला है. इसकी जांच कराई जा रही है. अभी तीन से चार दिन का वक्त लगेगा. हमारे लीगल एडवाइजर इस मामले को देखेंगे. जिनकी मदद से यह जानने की कोशिश होगी कि यह मंदिर कितना पुराना है और कब तैयार हुआ था. इससे जुड़ी समस्त जानकारियां और दस्तावेजों को निकालने की कोशिश की जा रही है. फिलहाल देखने में मंदिर का स्ट्रक्चर नजर आ रहा है. बाहर होने की वजह से यह सार्वजनिक भी है. मंदिर किसी वर्ग विशेष या परिवार का नहीं हो सकता है. मंदिर सभी लोगों के लिए पूजा स्थल होता है. इसलिए इसकी जांच पड़ताल के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.


डीसीपी काशी जोन गौरव वंसवाल का कहना है कि मंदिर मिला यह बात गलत है, क्योंकि मंदिर यहां शुरू से ही है और कई सौ साल पुराना है. यह मंदिर और इसके ताले को खुलवाने की प्रक्रिया की जा रही है. ताला किसने बंद किया कब से बंद है, यह बात की भी जांच पड़ताल कराई जा रही है. पीएसी और लोकल पुलिस को यहां तैनात कर दिया गया है. आसपास के लोगों को यहां पूजा पाठ होने या अन्य किसी भी कम से कोई आपत्ति नहीं है. जांच पड़ताल के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

हालांकि जिस मकान में यह मंदिर है उस मकान में रहने वाले वर्ग विशेष के लोग इस बात से खफा हैं. उनका कहना है इतने सालों से यह मंदिर बंद है. हमने कभी से खुला नहीं देखा. अचानक इसको लेकर इस तरह की चीज नहीं होनी चाहिए. यह माहौल बिगाड़ सकती है. कुछ लोगों का कहना था कि मंदिर है तो पूजा पाठ हो, लेकिन माहौल नहीं बिगाड़ना चाहिए.



सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा का कहना है कि हमें प्रशासन ने एक सप्ताह का समय देने के लिए कहा है. हम एक सप्ताह तक इंतजार कर रहे हैं और मंदिर अगर मिला है तो इसकी पूजा पाठ होनी चाहिए. अजय शर्मा का कहना है कि पुष्प दंतेश्वर से लेकर दक्षिण तक 18 पौराणिक लिंग तीर्थ लुप्त हैं जो इसी क्षेत्र में हैं. इसकी खोज बहुत लंबे वक्त से की जा रही है. देवनाथपुरा मदनपुरा और केदारघाट के बीच ऐसे 18 पौराणिक मंदिर हैं. जिनको खोजा जा रहा है जो यह मंदिर है उसकी पहचान सिद्ध तीर्थ कूप के रूप में मानी जा सकती है.

अजय शर्मा का कहना है कि यह पूरा इलाका किसी समय में हिंदू आबादी का हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे इस इलाके में मिश्रित आबादी बसती चली गई और वर्ग विशेष के लोगों ने कई मकान खरीद लिए. उनका कहना है कि आसपास बड़ी संख्या में पहले यहां पर बंगाली आबादी ही हुआ करती थी. बंगाली परिवार यहां रहा करते थे, लेकिन समय के साथ यहां से लोग दूर हो गए. फिलहाल इस मामले की जांच अधिकारियों द्वारा की जा रही है. इसके बाद ही कोई कार्रवाई प्रशासन करेगा. हालांकि यहां पूजा पाठ की मांग की गई है.

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